मसूरी: कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां नाकाफी नजर आ रही हैं. ऐसे में ऐसे में अगर मसूरी में कोरोना पॉजिटिव केस आता है तो उसके लिए मसूरी स्वास्थ विभाग के पास कोई इंतजाम नहीं हैं. कोरोना पॉजिटिव के साथ उसके संपर्क में आए लोगों को इंस्टिट्यूशन क्वॉरेंटाइन करने की भी जगह नहीं है.
स्वास्थ विभाग के डॉ. जावेद ने बताया कि गुरुवार को एक महिला में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि होने के बाद कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के जरिए 22 लोगों को इंस्टिट्यूशनल क्वॉरेंटाइन किया गया है. ऐसे में अब अगर कोई भी नया कोविड-19 पॉजिटिव केस आता है तो लोगों को इंस्टिट्यूशनल क्वॉरेंटाइन करने की जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि मसूरी में पहला कोरोना पॉजिटिव केस आने से दहशत का माहौल है.
यह भी पढ़ें-सुकून महसूस कर रहे घर लौटे प्रवासी
ऐसे में विभाग को मसूरी में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के लिए जगह चिन्हित करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि मसूरी में हाल में हुई 60 साल के वृद्ध की मौत के बाद लिए गए सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जो कि एक राहत की बात है. वहीं होम क्वॉरेंटाइन करने वाली टीम जिसमें डॉक्टर जावेद, अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती, फार्मासिस्ट अखिलेश रावत और चालक सागर को होम क्वॉरेंटाइन के आदेश दिए थे बाद में कोरोना पॉजिटिव महिला के संपर्क में सीधे न आने कारण उन्हें होम क्वॉरेंटाइन नहीं किया गया.