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बच्चों को अब नहीं मिलेगा स्कूल होमवर्क, बस्ते के बोझ से भी मिलेगी निजात

आदेश में बच्चों पर बैठ के बोझ को कम करने की बात कही गई है. जिसमें क्लास 1 से 2 तक डेढ़ किलोग्राम बैग, 3 से 5 तक 3 किलोग्राम का बैग, 6 से 8 की कक्षा में 4 किलोग्राम तक के बैग और 8वीं नवीं क्लास के बच्चों को 4.5 किलोग्राम तक के बैग. जबकि कक्षा 10 के बच्चों को 5 किलोग्राम तक के बैग स्कूल ले जाने की सीमा तय की गई है.

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Published : Apr 26, 2019, 3:48 AM IST

बच्चों को अब नहीं मिलेगा स्कूल होमवर्क

देहरादून: बच्चों के हक में उत्तराखंड शासन ने एक आदेश जारी किया है. जिसका पालन ना करना स्कूलों को भारी पड़ सकता है. शासन की तरफ से सचिव शिक्षा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी कर ऐसे सभी विद्यालयों के पंजीकरण निरस्त करने के आदेश दिए हैं, जो बच्चों पर अनावश्यक पढ़ाई का बोझ डाल रहे हैं. आदेश में ज्यादा होमवर्क देने वाले स्कूलों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है.

आदेश में कहा गया है कि कक्षा 1 और 2 तक के बच्चों को स्कूल द्वारा कोई होमवर्क नहीं दिया जाए. यही नहीं क्लास 3 में 2 घंटे प्रति माह का गृह कार्य ही हफ्ते में दिया जाए. इसके अलावा कक्षा 1 और 2 में भाषा और गणित जबकि कक्षा 3 से 5 में भाषा, गणित और पर्यावरण विज्ञान के अलावा कोई विषय नहीं पढ़ाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके साथ ही स्कूलों में महज सीबीएसई द्वारा लागू एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ाए जाने की बात कही गई है.

आदेश में बच्चों पर बैठ के बोझ को कम करने की बात कही गई है. जिसमें क्लास 1 से 2 तक डेढ़ किलोग्राम बैग, 3 से 5 तक 3 किलोग्राम का बैग, 6 से 8 की कक्षा में 4 किलोग्राम तक के बैग और 8वीं नवीं क्लास के बच्चों को 4.5 किलोग्राम तक के बैग. जबकि कक्षा 10 के बच्चों को 5 किलोग्राम तक के बैग स्कूल ले जाने की सीमा तय की गई है.

इन आदेशों का पालन ना करते पाए जाने वाले विद्यालयों के पंजीकरण निरस्त करने तक की भी बात इस आदेश में कही गई है. आदेश में जिन नियमों की बात कही गई है, वे पहले से ही लागू हैं. लेकिन स्कूलों के खिलाफ बढ़ती शिकायतों के बाद सचिव शिक्षा ने एक बार फिर इन आदेशों और नियमों की याद दिलाते हुए शिक्षा महकमें को इस पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए है. जिससे बच्चों पर बढ़ रहे बोझ को कम किया जा सके.

देहरादून: बच्चों के हक में उत्तराखंड शासन ने एक आदेश जारी किया है. जिसका पालन ना करना स्कूलों को भारी पड़ सकता है. शासन की तरफ से सचिव शिक्षा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी कर ऐसे सभी विद्यालयों के पंजीकरण निरस्त करने के आदेश दिए हैं, जो बच्चों पर अनावश्यक पढ़ाई का बोझ डाल रहे हैं. आदेश में ज्यादा होमवर्क देने वाले स्कूलों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है.

आदेश में कहा गया है कि कक्षा 1 और 2 तक के बच्चों को स्कूल द्वारा कोई होमवर्क नहीं दिया जाए. यही नहीं क्लास 3 में 2 घंटे प्रति माह का गृह कार्य ही हफ्ते में दिया जाए. इसके अलावा कक्षा 1 और 2 में भाषा और गणित जबकि कक्षा 3 से 5 में भाषा, गणित और पर्यावरण विज्ञान के अलावा कोई विषय नहीं पढ़ाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके साथ ही स्कूलों में महज सीबीएसई द्वारा लागू एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ाए जाने की बात कही गई है.

आदेश में बच्चों पर बैठ के बोझ को कम करने की बात कही गई है. जिसमें क्लास 1 से 2 तक डेढ़ किलोग्राम बैग, 3 से 5 तक 3 किलोग्राम का बैग, 6 से 8 की कक्षा में 4 किलोग्राम तक के बैग और 8वीं नवीं क्लास के बच्चों को 4.5 किलोग्राम तक के बैग. जबकि कक्षा 10 के बच्चों को 5 किलोग्राम तक के बैग स्कूल ले जाने की सीमा तय की गई है.

इन आदेशों का पालन ना करते पाए जाने वाले विद्यालयों के पंजीकरण निरस्त करने तक की भी बात इस आदेश में कही गई है. आदेश में जिन नियमों की बात कही गई है, वे पहले से ही लागू हैं. लेकिन स्कूलों के खिलाफ बढ़ती शिकायतों के बाद सचिव शिक्षा ने एक बार फिर इन आदेशों और नियमों की याद दिलाते हुए शिक्षा महकमें को इस पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए है. जिससे बच्चों पर बढ़ रहे बोझ को कम किया जा सके.

Intro:उत्तराखंड शासन से जारी हुआ एक आदेश नियमानुसार काम न करने वाले स्कूलों पर भारी पड़ सकता है। दरअसल शासन की तरफ से सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी कर ऐसे सभी विद्यालयों के पंजीकरण निरस्त करने के आदेश दिए हैं जो बच्चों पर अनावश्यक पढ़ाई का बोझ बढ़ा रहे हैं। आदेश में न केवल ज्यादा होमवर्क देने वाले स्कूलों पर कार्रवाई के लिए कहा गया है बल्कि एनसीईआरटी की पुस्तके ही लगाए जाने और महज अनुमन्य विषयों की किताबें ही पढ़ाई जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। आदेश में बच्चों के बैग का बोझ कम करने के लिए भी कहा गया है ताकि बच्चों को अनावश्यक रूप से वह का बोझ ना ढोना पड़े।




Body:शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को दिए गए इस निर्देश में एम पुरषोत्तम बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में माननीय उच्च न्यायालय मद्रास द्वारा पारित आदेश का जिक्र किया गया है। आदेश में कहा गया है कि कक्षा 1 और 2 तक के बच्चों को स्कूल द्वारा कोई होमवर्क नहीं दिया जाए यही नहीं क्लास 3 में 2 घंटे प्रति माह का गृह कार्य ही सप्ताह में दिया जाए। इसके अलावा कक्षा 1 और 2 में भाषा और गणित जबकि कक्षा 3 से 5 में भाषा गणित और पर्यावरण विज्ञान के अतिरिक्त कोई विषय नहीं पढ़ाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं साथ ही स्कूलों में महज सीबीएसई द्वारा लागू एनसीईआरटी की किताबें ही बनाए जाने की बात कही गई है।

आदेश में बच्चों पर बैठ के बोझ को भी कम करने की बात कही गई है इसमें क्लास 1 से 2 तक डेढ़ किलोग्राम बैग, 3 से 5 तक 3 किलोग्राम भारी बैग, 6 से 8 की कक्षा में 4 किलोग्राम तक के बैग और 8वीं नवी क्लास के बच्चों को 4.5किलोग्राम तक के बैग जबकि कक्षा 10 के बच्चों को 5 किलोग्राम तक के बैग स्कूल ले जाने की सीमा तय की गई है।

आदेश में महज नियमों की ही बात नहीं बल्कि इन नियमों के पालन के लिए भी महकमा के अधिकारियों को कहा गया है। आदेश में साफ है कि इन नियमों के पालन के लिए सचल दस्ते गठित कर नियमों का पालन करने की बात कही गई है। जबकि इन आदेशों का पालन ना करते पाए जाने वाले विद्यालयों के पंजीकरण निरस्त करने तक की भी बात इस आदेश में कही गई है।


Conclusion:वैसे तो आदेश में जिन नियमों की बात कही गई है वह पहले से ही लागू है लेकिन स्कूलों के खिलाफ बढ़ती शिकायतों के बाद सचिव शिक्षा ने एक बार फिर इन आदेशों और नियमों की याद दिलाते हुए शिक्षा महकमे को इस पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए ताकि बच्चों पर बढ़ रहे बोझ को कम किया जा सके और स्कूलों की मनमानी को भी रोका जा सके।
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