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NHM कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर CM को भेजा पत्र, एक जून को होम आइसोलेशन में जाने की चेतावनी

एनएचएम कर्मियों ने कहा 22 मई से 27 मई तक शासन और सरकार को मांगों पर उचित कार्रवाई किए जाने का समय दिया गया है. यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो आगामी 28 से 31 मई तक सभी कर्मचारी काला फीता बांधकर कार्य करेंगे.

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NHM कर्मियों ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर CM को भेजा पत्र
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Published : May 22, 2021, 5:02 PM IST

देहरादून: कोरोना संक्रमण काल में ड्यूटी दे रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी सरकार को दी है. एनएचएम कर्मियों का कहना है इस संबंध में अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर जल्द मांगों का निराकरण करने का आग्रह किया है. एनएचएम कर्मियों के चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी के बाद यह तय है कि इस कोरोना काल में कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं.

एनएचएम कर्मियों का कहना है कि 22 तारीख से 27 तारीख तक शासन और सरकार को मांगों पर उचित कार्रवाई किए जाने का समय दिया गया है, यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो आगामी 28 से 31 मई तक सभी कर्मचारी काला फीता बांधकर कार्य करेंगे. चरणबद्ध आंदोलन के तहत 1 और 2 जून तक सभी कर्मचारी सामूहिक होम आइसोलेशन पर रहने को मजबूर हो जाएंगे.

पढ़ें- कोरोनाकाल में गर्भवतियों के लिए एम्स के चिकित्सकों की सलाह, टीके से ना घबरायें

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत समूचे प्रदेश के भीतर लगभग 4 हजार कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनकी सेवाओं के एवज में सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा एनएचएम कर्मी कोविड काल में बीते साल से अब तक कोविड केयर सेंटर से लेकर अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

पढ़ें- चमोली में भारी बारिश से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त, आवागमन ठप

उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार ध्यान नहीं देती है तो उन्हें चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य में आना पड़ेगा.

एनएचएम कर्मियों की मुख्य मांगें

  1. जान पर खेलकर कोविड में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड और सामूहिक स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए.
  2. सेवाकाल में मृत्यु होने पर उचित आर्थिक सहायता परिवार को मिले. एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी.
  3. पूर्व में की गई वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए.
  4. 15 वर्ष से सेवा कर रहे कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग के ढांचे के समान पद पर समायोजित कर पद सृजन किया जाए.
  5. कर्मचारियों की सेवा नियमावली बनाई जाए.
  6. स्वास्थ्य विभाग के ढांचागत पदों की नियमित नियुक्ति में एनएचएम में समान पदों पर कार्यरत कर्मियों को नियुक्ति दी जाए.
  7. वार्षिक वेतन वृद्धि 5% से बढ़ाकर 10% की जाए.

एनएचएम कर्मचारियों की वर्तमान तैनाती इन महत्वपूर्ण जगहों पर है. जिस कारण यह सेवाएं बाधित रह सकती हैं.

  1. आइसोलेशन वॉर्ड
  2. कोविड हॉस्पिटल
  3. सैंपलिंग टीम
  4. कोविड टीकाकरण
  5. दैनिक रिपोर्टिंग-कोविन पोर्टल
  6. आइसोलेशन किट वितरण
  7. सर्विलांस
  8. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
  9. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

देहरादून: कोरोना संक्रमण काल में ड्यूटी दे रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी सरकार को दी है. एनएचएम कर्मियों का कहना है इस संबंध में अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर जल्द मांगों का निराकरण करने का आग्रह किया है. एनएचएम कर्मियों के चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी के बाद यह तय है कि इस कोरोना काल में कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं.

एनएचएम कर्मियों का कहना है कि 22 तारीख से 27 तारीख तक शासन और सरकार को मांगों पर उचित कार्रवाई किए जाने का समय दिया गया है, यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो आगामी 28 से 31 मई तक सभी कर्मचारी काला फीता बांधकर कार्य करेंगे. चरणबद्ध आंदोलन के तहत 1 और 2 जून तक सभी कर्मचारी सामूहिक होम आइसोलेशन पर रहने को मजबूर हो जाएंगे.

पढ़ें- कोरोनाकाल में गर्भवतियों के लिए एम्स के चिकित्सकों की सलाह, टीके से ना घबरायें

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत समूचे प्रदेश के भीतर लगभग 4 हजार कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनकी सेवाओं के एवज में सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा एनएचएम कर्मी कोविड काल में बीते साल से अब तक कोविड केयर सेंटर से लेकर अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

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उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार ध्यान नहीं देती है तो उन्हें चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य में आना पड़ेगा.

एनएचएम कर्मियों की मुख्य मांगें

  1. जान पर खेलकर कोविड में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड और सामूहिक स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए.
  2. सेवाकाल में मृत्यु होने पर उचित आर्थिक सहायता परिवार को मिले. एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी.
  3. पूर्व में की गई वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए.
  4. 15 वर्ष से सेवा कर रहे कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग के ढांचे के समान पद पर समायोजित कर पद सृजन किया जाए.
  5. कर्मचारियों की सेवा नियमावली बनाई जाए.
  6. स्वास्थ्य विभाग के ढांचागत पदों की नियमित नियुक्ति में एनएचएम में समान पदों पर कार्यरत कर्मियों को नियुक्ति दी जाए.
  7. वार्षिक वेतन वृद्धि 5% से बढ़ाकर 10% की जाए.

एनएचएम कर्मचारियों की वर्तमान तैनाती इन महत्वपूर्ण जगहों पर है. जिस कारण यह सेवाएं बाधित रह सकती हैं.

  1. आइसोलेशन वॉर्ड
  2. कोविड हॉस्पिटल
  3. सैंपलिंग टीम
  4. कोविड टीकाकरण
  5. दैनिक रिपोर्टिंग-कोविन पोर्टल
  6. आइसोलेशन किट वितरण
  7. सर्विलांस
  8. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
  9. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
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