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हाथी कॉरिडोर से शिफ्ट होगा गोला-बारूद का भंडार, NGT ने सेना को दिए आदेश

गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया था कि गोला-बारूद का भंडार कॉरिडोर के पास स्थित होने की वजह से पारिस्थितिकी, जैवविविधता व वन्यजीवों को खतरा पहुंच रहा है.

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Published : Jul 16, 2019, 2:31 PM IST

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देहरादून: रायवाला क्षेत्र में राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला और मोतीचूर हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत स्थापित सेना के गोला-बारूद भंडार को एनजीटी ने किसी अन्य जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं. ताकि हाथियों के कॉरिडोर को संरक्षित किया जा सके. एनजीटी ने इससे पहले मुख्य सचिव उत्पल कुमार को भंडार के लिए जगह तलाशने के लिए कहा था. नई जगह की रिपोर्ट मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने एनजीटी को दी. जिसके एनजीटी ने सेना को ये आदेश दिया.

पढ़ें- नारेबाजी होता देख BJP जिला मंत्री को आया गुस्सा, सबके सामने बजरंग दल के कार्यकर्ता को धुना

दरअसल एनजीओ सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ एंड एनवायरमेंटल लिटिगेशन की ओर से एक याचिका दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने आदेश दिया कि सेना से संबंधित अधिकारी गोला-बारूद भंडारण को हाथी कॉरिडोर क्षेत्र से जल्द से जल्द शिफ्ट करने का निर्णय लें. ताकि वन अधिनियम 1980 के प्रावधानों के अनुपालन में हाथियों के कॉरिडोर को खाली कर दिया जाए. जिससे हाथियों को जंगल में कोई दिक्कत ना हो और हाथी कॉरिडोर को पूरी तरह हाथियों के लिए संरक्षित किया जा सके.

पढ़ें- रोहित शेखर हत्याकांड: दोस्त देगा अपूर्वा के खिलाफ गवाही, इस हफ्ते पेश हो सकती है चार्जशीट

NGO द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया था कि गोला-बारूद का भंडार कॉरिडोर के पास स्थित होने की वजह से पारिस्थितिकी, जैवविविधता व वन्यजीवों को खतरा पहुंच रहा है. इसके साथ ही सेना के गोला-बारूद भंडार पूर्वी व पश्चिमी हिस्से के बीच होने की वजह से वन्यजीवों के आवाजाही बाधित हो रही है. लिहाजा सेना अपने भंडार को हाथियों के कोरिडोर से हटाकर कहीं और शिफ्ट करें. ताकि वन्यजीव पर कोई खतरा न मंडराए.

देहरादून: रायवाला क्षेत्र में राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला और मोतीचूर हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत स्थापित सेना के गोला-बारूद भंडार को एनजीटी ने किसी अन्य जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं. ताकि हाथियों के कॉरिडोर को संरक्षित किया जा सके. एनजीटी ने इससे पहले मुख्य सचिव उत्पल कुमार को भंडार के लिए जगह तलाशने के लिए कहा था. नई जगह की रिपोर्ट मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने एनजीटी को दी. जिसके एनजीटी ने सेना को ये आदेश दिया.

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दरअसल एनजीओ सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ एंड एनवायरमेंटल लिटिगेशन की ओर से एक याचिका दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने आदेश दिया कि सेना से संबंधित अधिकारी गोला-बारूद भंडारण को हाथी कॉरिडोर क्षेत्र से जल्द से जल्द शिफ्ट करने का निर्णय लें. ताकि वन अधिनियम 1980 के प्रावधानों के अनुपालन में हाथियों के कॉरिडोर को खाली कर दिया जाए. जिससे हाथियों को जंगल में कोई दिक्कत ना हो और हाथी कॉरिडोर को पूरी तरह हाथियों के लिए संरक्षित किया जा सके.

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NGO द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया था कि गोला-बारूद का भंडार कॉरिडोर के पास स्थित होने की वजह से पारिस्थितिकी, जैवविविधता व वन्यजीवों को खतरा पहुंच रहा है. इसके साथ ही सेना के गोला-बारूद भंडार पूर्वी व पश्चिमी हिस्से के बीच होने की वजह से वन्यजीवों के आवाजाही बाधित हो रही है. लिहाजा सेना अपने भंडार को हाथियों के कोरिडोर से हटाकर कहीं और शिफ्ट करें. ताकि वन्यजीव पर कोई खतरा न मंडराए.

Intro:देहरादून स्तिथ रायवाला क्षेत्र में राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला- मोतीचूर हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत स्थापित सेना के गोला-बारूद भंडार को एनजीटी ने किसी अन्य जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं। ताकि हाथियों की कॉरिडोर को संरक्षित किया जा सके। साथ ही सेना के गोला-बारूद भंडार को किसी अन्य जगह शिफ्ट करने के लिए जगह तलाशने के बाद मुख्य सचिव उत्पल कुमार की रिपोर्ट के बाद सेना को आदेश दिए गए हैं। 



Body:गैर सरकारी संगठन, सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ एंड एनवायरमेंटल लिटिगेशन की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान एनजीटी के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने आदेश दिया कि सेना से संबंधित अधिकारी, गोला-बारूद भंडारण को हाथी कॉरिडोर क्षेत्र से जल्द से जल्द शिफ्ट करने का निर्णय लें, ताकि वन अधिनियम 1980 के प्रावधानों के अनुपालन में हाथियों के कॉरिडोर को खाली कर दिया जाए, जिससे हाथियों को जंगल मे कोई दिक्कत ना हो, और हाथी कॉरिडोर को पूरी तरह हाथीयो के लिए संरक्षित किया जा सके।

गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया कि गोला-बारूद भंडार का कॉरिडोर के पास स्थित होने की वजह से परिस्थितिकी, जैवविविधता व वन्यजीवों को खतरा पहुंच रहा है। इसके साथ ही सेना के गोला-बारूद भंडार, पूर्वी व पश्चिमी हिस्से के बीच होने की वजह से वन्यजीवों के आवाजाही बाधित हो रही है, लिहाजा सेना अपने भंडारण को हाथियों की कोरिडोर से हटाकर कहीं और शिफ्ट करें ताकि वन्यजीव पर कोई खतरा ना मंडराए।


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