देहरादून: कृषि उत्पादन मंडी समिति के नवनिर्वाचित मंडी अध्यक्ष कुलदीप बुटोला ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है. साथ ही त्रिलोक सिंह बिष्ट ने भी उपाध्यक्ष पद का पदभार ग्रहण किया. इस मौके पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल सहित धर्मपुर विधायक विनोद चमोली और मंडी सचिव विजय थपलियाल मौजूद रहे. पदभार ग्रहण करते हुए मंडी अध्यक्ष ने कहा कि मंडी में बड़ी जिम्मेदारी से काम किया जाएगा और किसानों की परेशानियों का निदान किया जाएगा. साथ ही किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य दिलाने का काम किया जाएगा.
बता दें कि, नवनिर्वाचित मंडी अध्यक्ष कुलदीप बुटोला किसानों से जुड़े व्यक्ति है और अध्यक्ष बनने से पहले कॉपरेटिव बैंक के दो साल तक अध्यक्ष रह चुके हैं. साथ ही पिछले कई सालों से भाजपा में रह कर सेवा कर रहे हैं. प्रदेश में पिछले साल लागू उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी विकास एवं विनियमन अधिनियम (प्रोत्साहन एवं सुविधा) के तहत 23 में से 15 मंडी समितियों में सरकार ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष नामित किए थे. बाद में पुराने अधिनियम के स्थान पर सरकार राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (प्रोत्साहन एवं सुविधा) अधिनियम लेकर आई. अक्टूबर में नया अधिनियम लागू हुआ और पुराना समाप्त हो गया. इसके साथ ही पुराने अधिनियम के तहत मंडी समितियों में हुए मनोनयन स्वत: ही समाप्त हो गए थे. बावजूद इसके मनोनीत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष अपने-अपने पदों पर आसीन होने का दावा कर रहे थे. इसे देखते हुए हाल में ही शासन के निर्देश पर इन्हें हटाने का आदेश जारी करना पड़ा था.
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि मंडी का उद्देश्य था कि किसानों को ऐसा प्लेटफार्म मिलें जिससे किसान अपने उत्पाद को उचित मूल्य पर बेच सके. जिस कारण मंडी समिति का गठन किया गया था. इन मंडियों में प्रावधान था कि किसानों का प्रतिनिधि मंडी के अंदर अध्यक्ष के रूप में रहे. उसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लगातार कार्रवाई होती रही है. जिसके चलते नया एक्ट बना है उसके तहत कुलदीप बुटोला को मंडी अध्यक्ष बनाया गया है और त्रिलोक सिंह बिष्ट को उपाध्यक्ष बनाया गया है. यह किसानों से जुड़े व्यक्ति है और उन्हें विश्वास है कि यह किसानों के हित के लिए उचित कदम उठाएंगे.
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नवनिर्वाचित मंडी अध्यक्ष कुलदीप बुटोला ने बताया कि वह किसानों के लिए काम करेंगे और किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने की कोशिश करेंगे. किसानों के हित में किसान कानून लागू होने के बाद कई किसानों को इस कानून की पूरी तरह से जानकारी नहीं है. इसलिए किसानों को इस कानून से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी देने का काम किया जाएगा.