देहरादून: प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों पर शिक्षा महानिदेशालय (Directorate General of Education) ने सरकार को ड्राफ्ट भेज दिया है. इस ड्राफ्ट को जल्द ही कैबिनेट की बैठक (Uttarakhand cabinet meeting) में रखा जाएगा. जिसके बाद राज्य में शिक्षकों के सुगम और दुर्गम सेवा को लेकर कुछ नए नियमों को इंप्लीमेंट किया जाएगा. तैयार किए गए ड्राफ्ट के अनुसार, अब राज्य में 23 साल बाद तबादले के लिए पात्रता का नियम बदल जायेगा. नए नियम में करीब साढ़े 11 साल बाद शिक्षा तबादले के लिए पात्र हो जाएगा.
वहीं, तबादलों के इस नए ड्राफ्ट (new transfer policy draft of education department) में खास बात यह है कि मैदानी क्षेत्रों में शिक्षकों के लिए अधिकतम सेवा की समय सीमा 12 साल निश्चित होगी. इस तरह देखा जाए तो प्रत्येक शिक्षक को हर जोन में करीब 2 से 5 साल की सेवा अनिवार्य रूप से देनी होगी. शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने 16 पेज की तबादला नीति का ड्राफ्ट सरकार को भेज दिया है और माना जा रहा है कि अगली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को लाया जाएगा.
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हालांकि, इन नियमों में दिव्यांग और 55 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों को विशेष छूट दी जाएगी. यही नहीं 40 साल से ज्यादा उम्र के अविवाहित के साथ ही विधवा तलाकशुदा महिलाओं को भी इसमें छूट मिलेगी. राज्य में तबादले की प्रक्रिया 1 जनवरी से शुरू होकर 31 मार्च तक चलेगी. शिक्षकों की कुल ग्रेडिंग के आधार पर 150 अंकों के सर्वाधिक अंक पाने वाले शिक्षकों को दुर्गम से सुगम में तबादले का पहले मौका मिलेगा.