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उत्तराखंड में रुकेगा खिलाड़ियों का पलायन, नई खेल नीति हो रही तैयार

साल 2021 में 38वां राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड में प्रस्तावित है. इसको देखते हुए प्रदेश में नई खेल नीति बनाने की जद्दोजहद शुरू हो गई है.

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नई खेल नीति
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Published : Feb 3, 2020, 3:05 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य को जल्द ही नई खेल नीति मिल जाएगी. सूबे के खेल मंत्री अरविंद पांडे ने सभी अधिकारियों को नई खेल नीति बनाने के संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि प्रदेश में साल 2014 में बनी खेल नीति अभी तक चल रही है. लेकिन, अब बदलती परिस्थितियों को देखते हुए खेल नीति को बदलने की आवश्यकता काफी समय से महसूस की जा रही थी.

गौर हो कि अगले साल उत्तराखंड में 38वां राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित है, जिसे देखते हुए नई खेल नीति बनाने का फैसला लिया गया है. नई खेल नीति बनाने के संबंध में कुछ दौर की बैठकों के बाद प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा. इससे प्रदेश के खिलाड़ियों को खेल के प्रति और प्रोत्साहित किया जा सकेगा. इस नई खेल नीति का मकसद खिलाड़ियों के पलायन को रोकना है.

प्रदेश में बनेगी नई खेल नीति.

ये भी पढ़ें: डोईवाला: माजरी ग्रांट मंडल की कार्यकारिणी का हुआ विस्तार, जनता को मिलेगा योजनाओं का लाभ

इस नई खेल नीति में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को दिए जाने वाले पुरस्कार की धनराशि को भी बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ अहम चीजें भी शामिल की जा सकती हैं. खेल विभाग के अधिकारी हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और केरल की खेल नीतियों का अध्ययन भी कर रहे हैं, जिससे इन प्रदेशों की नीतियों के आधार पर खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रावधान किया जा सके.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य को जल्द ही नई खेल नीति मिल जाएगी. सूबे के खेल मंत्री अरविंद पांडे ने सभी अधिकारियों को नई खेल नीति बनाने के संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि प्रदेश में साल 2014 में बनी खेल नीति अभी तक चल रही है. लेकिन, अब बदलती परिस्थितियों को देखते हुए खेल नीति को बदलने की आवश्यकता काफी समय से महसूस की जा रही थी.

गौर हो कि अगले साल उत्तराखंड में 38वां राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित है, जिसे देखते हुए नई खेल नीति बनाने का फैसला लिया गया है. नई खेल नीति बनाने के संबंध में कुछ दौर की बैठकों के बाद प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा. इससे प्रदेश के खिलाड़ियों को खेल के प्रति और प्रोत्साहित किया जा सकेगा. इस नई खेल नीति का मकसद खिलाड़ियों के पलायन को रोकना है.

प्रदेश में बनेगी नई खेल नीति.

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इस नई खेल नीति में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को दिए जाने वाले पुरस्कार की धनराशि को भी बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ अहम चीजें भी शामिल की जा सकती हैं. खेल विभाग के अधिकारी हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और केरल की खेल नीतियों का अध्ययन भी कर रहे हैं, जिससे इन प्रदेशों की नीतियों के आधार पर खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रावधान किया जा सके.

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उत्तराखंड राज्य को जल्द ही नई खेल नीति मिल जाएगी। जी हां, खेल मंत्री अरविंद पांडे ने सभी अधिकारियों को नई खेल नीति बनाने के संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में साल 2014 में खेल नीति बनी थी। जो अभी तक चल रही है। लेकिन अब बदलते परिस्थितियों को देखते हुए खेल नीति को बदलने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।


Body:गौर हो कि अगले साल 38वा राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित है जिसे देखते हुए नई खेल नीति बनाने का फैसला लिया गया है। नई खेल नीति बनाने के संबंध में कुछ दौर की बैठकों के बाद प्रस्ताव तैयार कर, खेल प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा। ताकि प्रदेश के खिलाड़ियों को खेल के प्रति और प्रोत्साहित किया जा सके। विशेष तौर पर नई खेल नीति में प्रदेश के खिलाड़ियों का अन्य राज्यों को पलायन रोकने संबंधी आवश्यक कदम उठाए जा सकते है।


इस नई खेल नीति में राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को दिए जाने वाले, पुरस्कार की धनराशि को बढ़ाया जा सकता है। और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ अहम चीजें भी शामिल की जा सकती हैं। इसके लिए खेल विभाग के अधिकारी हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और केरल के खेल नीतियों का अध्ययन भी कर रहे हैं ताकि इन प्रदेशो की नीतियों का अध्ययन कर उत्तराखंड के लिए बनाई जा रही नई खेल नीति में खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रावधान किया जा सके।





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