देहरादून: देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद उत्तराखंड में भी इस नई नीति को लागू करने की तैयारी लगभग अंतिम चरण में चल रही है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्र की भाजपा सरकार अब स्कूलों से लेकर उच्च शिक्षा तक भारतीय के पौराणिक पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है.
वहीं, इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को राज्यों में लागू करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश सरकार के ऊपर निर्णय छोड़ा गया है. वहीं, उत्तराखंड इस कड़ी में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला पहला प्रदेश बन सकता है. उत्तराखंड शिक्षा महकमा स्कूलों और उच्च शिक्षा में वैदिक गणित (Vedic Mathematics in uttarakhand) और वेद उपनिषद पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी कर रहा है.
इस संबंध में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत (Education Minister Dhan Singh Rawat) ने जुलाई से प्रदेश के प्री प्राथमिक, प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देशित किया है, जिससे कि प्रदेश की शिक्षा में बेहतर सुधार हो सके. नई राष्ट्रीय नीति के तहत वैदिक गणित और वेद उपनिषद का पाठ्यक्रम शुरू करने की लगभग पूरी तैयारी की जा चुकी है.
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इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग की एक सिलेबस कमेटी तैयार की गई है. इस कमेटी ने प्रथम चरण में एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इसकी प्रारम्भिक रिपोर्ट प्रेजेन्टेशन के साथ शिक्षा मंत्री को सौंप दी गई है. अभी वैदिक गणित और वेद उपनिषद को उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि नई राष्ट्रीय नीति के तहत शिक्षा के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान को शामिल किया गया है. इस नीति के तहत वेद उपनिषद सहित महापुरुषों की जीवनी और कहानियां सहित वैदिक गणित को भी माध्यमिक से उच्च शिक्षा तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है.
वहीं, इसके तहत एक सिलेबस कमेटी भी बनाई गई है. रावत ने कहा उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, जो नई राष्ट्रीय नीति को अपने राज्य में लागू करेगा. बता दें, राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्री प्राथमिक में बाल वाटिका कक्षाएं शुरू कर लागू किया जाएगा. इसके बाद प्राथमिक और माध्यमिक और उच्च शिक्षा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा.