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सीएम धामी ने उत्तराखंड में किया नई शिक्षा नीति का आगाज, देश का बना पहला राज्य

उत्तराखंड में 12 जुलाई यानी आज से नई शिक्षा नीति लागू (New education policy implemented) कर दी गई है. इसके साथ ही उत्तराखंड एनईपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. शिक्षा महानिदेशालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने बालवाटिकाओं का उद्घाटन कर सूबे में नई शिक्षा नीति का विधिवत शुभारंभ किया.

National Education Policy
उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति.
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Published : Jul 12, 2022, 9:35 AM IST

Updated : Jul 12, 2022, 6:18 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में 12 जुलाई यानी आज से नई शिक्षा नीति लागू (New education policy implemented) कर दी गई है. राज्य में सर्वप्रथम विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी एजुकेशन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को शुरू किया गया है. विद्यालयी शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पहले ही पूरी कर ली थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निदेशालय माध्यमिक शिक्षा, ननूरखेड़ा में 'बाल वाटिका कक्षा' का औपचारिक रूप से विधिवत शुभारंभ किया.

देश का बना पहला राज्य: बाल वाटिका के शुभारंभ के साथ ही उत्तराखण्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की शुरूआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिए कौशलम् पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन भी किया. वहीं, राज्य के समस्त जनपदों में विकासखंड स्तर पर चिन्हित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में वृहद रूप से बालवाटिकाओं का क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उद्घाटन किया, जिसमें शिक्षाविद्, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं शामिल होंगे.

उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति लागू.

सीएम ने बताया क्रांतिकारी परिवर्तन: मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि इस क्षेत्र के जिन आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है, उनकी मरम्मत की जाएगी. उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नया क्रांतिकारी परिवर्तन है. ये शिक्षा नीति नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगी. ये शिक्षा नीति भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गई है, जो प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को 2030 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा गया है. शिक्षा विभाग से अपेक्षा की है कि विभाग द्वारा 2025 तक शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसे कार्य किये जाएं, जो देश में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत हों. सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है कि 2025 में जब उतराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती मनाएगा तो सभी विभाग अपनी कुछ विशेष उपलब्धियां धरातल पर दिखाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पीएम नरेंद्र मोदी के राजनीतिक जीवन पर आधारित पुस्तक 'मोदी @ 20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी' भी सौंपी.

National Education Policy
कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी.

शिक्षा मंत्री ने क्या कहा: शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत (Education Minister Dhan Singh Rawat) ने कहा कि 12 जुलाई प्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम दिन के रूप में दर्ज हो चुका है. आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने के साथ बाल वाटिका शुरू हुई है, जो की नौनिहालों को प्राइवेट स्कूलों से दो कदम आगे रखेगी. इसके साथ ही प्रथम चरण में साढ़े 4 हजार से अधिक स्कूलों में बाल वाटिका शुरू की गई हैं. एक माह के भीतर राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में यह शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही 2030 तक चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में पूरी तरह लागू किया जाएगा.

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में बीस हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें से प्रथम चरण में शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में एनईपी के तहत बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सूबे में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं, जिसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें 14,555 आंगनबाड़ी वर्कर्स तैनात हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड को भायी हरियाणा की ट्रांसफर पॉलिसी, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से खास बातचीत

बच्चों को पढ़ाया जायेगा एनईपी के प्रावधानों के तहत: इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों में 14,249 सहायिकाएं एवं 4,941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्त हैं. डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में प्राइवेट स्कूलों में जो पढ़ाई नर्सरी में होती थी, अब वही पढ़ाई आंगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दी जाएगी, जिसके लिये पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है. शिक्षा मंत्री धन सिंह ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका, बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिका स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन तैयार की गई हैं. शिक्षकों के पास सिर्फ पढ़ाने का कार्य हो, इसके लिए शिक्षा विभाग में सभी अन्य व्यवस्थाएं ऑनलाइन की जा रही हैं. योग, वेद, पुराणों, स्थानीय बोलियों एवं संस्कृत आधारित शिक्षा पर इसके तहत विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उत्तराखंड में एक साल के अंदर विद्या समीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे. अगले साल से स्कूलों में अंक सुधार परीक्षा का आयोजन भी किया जायेगा.
पढ़ें- उत्तराखंड में पढ़ाए जाएंगे वैदिक गणित व वेद उपनिषद, सिलेबस कमेटी का गठन

रावत ने बताया कि सूबे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू किये जाने को लेकर विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं है. उन्होंने कहा कि बालवाटिका कक्षाओं के शुभारम्भ अवसर पर मुख्यमंत्री के द्वारा प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के नव निर्मित भवन का लोकार्पण किया गया. इसके साथ ही एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) के भवन का शिलान्यास भी किया जायेगा. उन्होंने आगे बताया कि कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं.

National Education Policy
शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड भवन का लोकार्पण करते सीएम.

नई शिक्षा नीति 2020: भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है. जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं. नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है. अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है. नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा (Medical and law studies not included) पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था. परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा. यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था.

MYNEP2020 प्लेटफॉर्म का शुभारंभ: तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा एनसीटीई प्लेटफार्म पर MYNEP2020 प्लेटफार्म लांच किया गया था. यह प्लेटफॉर्म 1 अप्रैल 2021 से लेकर 15 मई 2021 तक कार्यशील रहा था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर एवं नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग प्रोग्राम मेंबरशिप के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के लिए सुझाव, इनपुट तथा सदस्यता आमंत्रित की गई थी. इन हितधारकों में शिक्षक, शिक्षा पेशेवर, शिक्षाविद एवं अन्य शिक्षा से संबंधित हितधारकों को शामिल किया गया था. यह प्लेटफार्म एक डिजिटल परामर्श के रूप में कार्यरत था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की दो प्रमुख सिफारिशों के ऊपर दस्तावेज तैयार करने में मदद प्राप्त हुई थी.

NCC वैकल्पिक विषय: नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव किए जाने का निर्णय लिया गया है. एनसीसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे. एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है. जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान की गई है. इस पाठ्यक्रम के बारे में भी कमांडिंग अफसर द्वारा विस्तृत जानकारी प्रोजेक्शन एवं ब्रीफिंग के द्वारा प्रदान की गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में 12 जुलाई यानी आज से नई शिक्षा नीति लागू (New education policy implemented) कर दी गई है. राज्य में सर्वप्रथम विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी एजुकेशन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को शुरू किया गया है. विद्यालयी शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पहले ही पूरी कर ली थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निदेशालय माध्यमिक शिक्षा, ननूरखेड़ा में 'बाल वाटिका कक्षा' का औपचारिक रूप से विधिवत शुभारंभ किया.

देश का बना पहला राज्य: बाल वाटिका के शुभारंभ के साथ ही उत्तराखण्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की शुरूआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिए कौशलम् पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन भी किया. वहीं, राज्य के समस्त जनपदों में विकासखंड स्तर पर चिन्हित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में वृहद रूप से बालवाटिकाओं का क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उद्घाटन किया, जिसमें शिक्षाविद्, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं शामिल होंगे.

उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति लागू.

सीएम ने बताया क्रांतिकारी परिवर्तन: मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि इस क्षेत्र के जिन आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है, उनकी मरम्मत की जाएगी. उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक नया क्रांतिकारी परिवर्तन है. ये शिक्षा नीति नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगी. ये शिक्षा नीति भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गई है, जो प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष जोर देती है. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को 2030 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा गया है. शिक्षा विभाग से अपेक्षा की है कि विभाग द्वारा 2025 तक शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसे कार्य किये जाएं, जो देश में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत हों. सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है कि 2025 में जब उतराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती मनाएगा तो सभी विभाग अपनी कुछ विशेष उपलब्धियां धरातल पर दिखाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पीएम नरेंद्र मोदी के राजनीतिक जीवन पर आधारित पुस्तक 'मोदी @ 20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी' भी सौंपी.

National Education Policy
कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी.

शिक्षा मंत्री ने क्या कहा: शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत (Education Minister Dhan Singh Rawat) ने कहा कि 12 जुलाई प्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम दिन के रूप में दर्ज हो चुका है. आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने के साथ बाल वाटिका शुरू हुई है, जो की नौनिहालों को प्राइवेट स्कूलों से दो कदम आगे रखेगी. इसके साथ ही प्रथम चरण में साढ़े 4 हजार से अधिक स्कूलों में बाल वाटिका शुरू की गई हैं. एक माह के भीतर राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में यह शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही 2030 तक चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में पूरी तरह लागू किया जाएगा.

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में बीस हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें से प्रथम चरण में शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में एनईपी के तहत बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सूबे में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं, जिसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें 14,555 आंगनबाड़ी वर्कर्स तैनात हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड को भायी हरियाणा की ट्रांसफर पॉलिसी, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से खास बातचीत

बच्चों को पढ़ाया जायेगा एनईपी के प्रावधानों के तहत: इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों में 14,249 सहायिकाएं एवं 4,941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्त हैं. डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में प्राइवेट स्कूलों में जो पढ़ाई नर्सरी में होती थी, अब वही पढ़ाई आंगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दी जाएगी, जिसके लिये पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है. शिक्षा मंत्री धन सिंह ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका, बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिका स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन तैयार की गई हैं. शिक्षकों के पास सिर्फ पढ़ाने का कार्य हो, इसके लिए शिक्षा विभाग में सभी अन्य व्यवस्थाएं ऑनलाइन की जा रही हैं. योग, वेद, पुराणों, स्थानीय बोलियों एवं संस्कृत आधारित शिक्षा पर इसके तहत विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उत्तराखंड में एक साल के अंदर विद्या समीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे. अगले साल से स्कूलों में अंक सुधार परीक्षा का आयोजन भी किया जायेगा.
पढ़ें- उत्तराखंड में पढ़ाए जाएंगे वैदिक गणित व वेद उपनिषद, सिलेबस कमेटी का गठन

रावत ने बताया कि सूबे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू किये जाने को लेकर विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं है. उन्होंने कहा कि बालवाटिका कक्षाओं के शुभारम्भ अवसर पर मुख्यमंत्री के द्वारा प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के नव निर्मित भवन का लोकार्पण किया गया. इसके साथ ही एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) के भवन का शिलान्यास भी किया जायेगा. उन्होंने आगे बताया कि कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं.

National Education Policy
शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड भवन का लोकार्पण करते सीएम.

नई शिक्षा नीति 2020: भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है. जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं. नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है. अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है. नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा (Medical and law studies not included) पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था. परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा. यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था.

MYNEP2020 प्लेटफॉर्म का शुभारंभ: तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा एनसीटीई प्लेटफार्म पर MYNEP2020 प्लेटफार्म लांच किया गया था. यह प्लेटफॉर्म 1 अप्रैल 2021 से लेकर 15 मई 2021 तक कार्यशील रहा था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर एवं नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग प्रोग्राम मेंबरशिप के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के लिए सुझाव, इनपुट तथा सदस्यता आमंत्रित की गई थी. इन हितधारकों में शिक्षक, शिक्षा पेशेवर, शिक्षाविद एवं अन्य शिक्षा से संबंधित हितधारकों को शामिल किया गया था. यह प्लेटफार्म एक डिजिटल परामर्श के रूप में कार्यरत था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की दो प्रमुख सिफारिशों के ऊपर दस्तावेज तैयार करने में मदद प्राप्त हुई थी.

NCC वैकल्पिक विषय: नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव किए जाने का निर्णय लिया गया है. एनसीसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे. एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है. जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान की गई है. इस पाठ्यक्रम के बारे में भी कमांडिंग अफसर द्वारा विस्तृत जानकारी प्रोजेक्शन एवं ब्रीफिंग के द्वारा प्रदान की गई है.

Last Updated : Jul 12, 2022, 6:18 PM IST
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