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सेना के नये शूरवीरों के उत्साह में नहीं आई कमी, कोरोना संकट में काबिले तारीफ है इनका संदेश

इस बार कोरोना के कारण अभिभावकों को पासिंग आउट परेड से दूरी बनानी पड़ी. उसके बाद भी इन युवा सैन्य अधिकारियों ने अपने जीवन के इस क्षण को यादगार बनाया.

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सेना के नये 'सूरमाओं' के उत्साह में नहीं आई कोई कमी
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Published : Jun 13, 2020, 3:57 PM IST

Updated : Jun 13, 2020, 7:23 PM IST

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का असर इस बार IMA पासिंग आउट परेड पर भी साफतौर से देखा गया. IMA पासिंग आउट परेड इस बार बेहद ही सादगी में संपन्न हुई. इस बार की परेड में सैन्य अफसर बनने वाले कैडेट्स के परिजन शामिल नहीं हो पाये. बावजूद सेना के इन नये शूरवीरों का उत्साह कम नहीं हुआ. लेफ्टिनेंट बनने वाले नए सैन्य अफसरों ने जमकर अपनी खुशी का इजहार किया. भविष्य के नये योद्धा के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए इन सभी ने जो संदेश दिया वो इस संकटकाल में काबिले तारीफ है.

सेना के नये 'सूरमाओं' के उत्साह में नहीं आई कोई कमी

कोरोना संक्रमण के कारण परेड में शामिल नहीं हो पाये परिजन

आईएमए की परंपरा अनुसार हर बार पासिंग आउट परेड के बाद नए ऑफिसर खुशी का जमकर इजहार करते हैं. इस दौरान नए अधिकारी नाचते-गाते झूमते हुए एक दूसरे को बधाई देते हुए अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाते हैं. इस दौरान उनके परिजन भी इस पल के भागीदार बनते हैं, मगर इस बार कोरोना के कारण अभिभावकों को पासिंग आउट परेड से दूरी बनानी पड़ी. उसके बाद भी इन युवा सैन्य अधिकारियों ने अपने जीवन के इस क्षण यादगार बनाया.

पढ़ें- देश को मिले 333 जांबाज, जानिए उत्तराखंड से कितने बने सैन्य अफसर

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बढ़ाई खुशियां

इस दौरान सेना के इन नये शूरवीरों ने कहा आज भले ही देश में संक्रमण का खतरा चारों ओर बढ़ रहा हो, लेकिन उनके देश सेवा के जज्बे और जुनून में किसी तरह की कोई कमी नहीं है. आज माता-पिता की जगह उनके सीनियर अधिकारियों ने उनके खुशियों में शामिल होकर उनके सम्मान को कई गुना बढ़ा दिया है.

पढ़ें- आतंक का दंश : पल भर में बिखर गए सात साल की मेहरुन्निसा के सपने

देश सेवा के जज्बे से ओत-प्रोत नए अफसरों ने कहा भारतीय सैन्य अकादमी आईएमए ने उन्हें कठिन प्रशिक्षण देकर देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैयार किया है, जिसके लिए अब वे पूरी तरह तरह तैयार हैं. इन नये सैन्य अधिकारियों ने कहा आज के युवाओं को देश के प्रति सेवा भावना से जुड़कर इंडियन मिलिट्री एकेडमी को ज्वाइन करना चाहिए.

पढ़ें- गौरवशाली है आईएमए का इतिहास, पाकिस्तान को भी दे चुका है पहला आर्मी चीफ

टिहरी के अनुभव नेगी बने सेना में अधिकारी

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए टिहरी जनपद से नये सैन्य अफसर बने अनुभव नेगी ने बताया कि उनके पिता सचिवालय में समीक्षा अधिकारी हैं. उनके परिवार का सपना था कि वे सेना में अधिकारी बनें. इसी सपने को आंखों में लिये वे देहरादून के बालावाला में रहने के साथ ही आईएमए प्रवेश के लिए तैयारी करने लगे थे. जिसके बाद कठिन परिश्रम और एकेडमी की बेहतरीन ट्रेनिंग से आज उनके परिवार का सपना पूरा हुआ है. अनुभव ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अपने जीवन के सपने को पाने के लिए पूरी तरह से फोकस कर मेहनत करने की जरूरत है.

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का असर इस बार IMA पासिंग आउट परेड पर भी साफतौर से देखा गया. IMA पासिंग आउट परेड इस बार बेहद ही सादगी में संपन्न हुई. इस बार की परेड में सैन्य अफसर बनने वाले कैडेट्स के परिजन शामिल नहीं हो पाये. बावजूद सेना के इन नये शूरवीरों का उत्साह कम नहीं हुआ. लेफ्टिनेंट बनने वाले नए सैन्य अफसरों ने जमकर अपनी खुशी का इजहार किया. भविष्य के नये योद्धा के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए इन सभी ने जो संदेश दिया वो इस संकटकाल में काबिले तारीफ है.

सेना के नये 'सूरमाओं' के उत्साह में नहीं आई कोई कमी

कोरोना संक्रमण के कारण परेड में शामिल नहीं हो पाये परिजन

आईएमए की परंपरा अनुसार हर बार पासिंग आउट परेड के बाद नए ऑफिसर खुशी का जमकर इजहार करते हैं. इस दौरान नए अधिकारी नाचते-गाते झूमते हुए एक दूसरे को बधाई देते हुए अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाते हैं. इस दौरान उनके परिजन भी इस पल के भागीदार बनते हैं, मगर इस बार कोरोना के कारण अभिभावकों को पासिंग आउट परेड से दूरी बनानी पड़ी. उसके बाद भी इन युवा सैन्य अधिकारियों ने अपने जीवन के इस क्षण यादगार बनाया.

पढ़ें- देश को मिले 333 जांबाज, जानिए उत्तराखंड से कितने बने सैन्य अफसर

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बढ़ाई खुशियां

इस दौरान सेना के इन नये शूरवीरों ने कहा आज भले ही देश में संक्रमण का खतरा चारों ओर बढ़ रहा हो, लेकिन उनके देश सेवा के जज्बे और जुनून में किसी तरह की कोई कमी नहीं है. आज माता-पिता की जगह उनके सीनियर अधिकारियों ने उनके खुशियों में शामिल होकर उनके सम्मान को कई गुना बढ़ा दिया है.

पढ़ें- आतंक का दंश : पल भर में बिखर गए सात साल की मेहरुन्निसा के सपने

देश सेवा के जज्बे से ओत-प्रोत नए अफसरों ने कहा भारतीय सैन्य अकादमी आईएमए ने उन्हें कठिन प्रशिक्षण देकर देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैयार किया है, जिसके लिए अब वे पूरी तरह तरह तैयार हैं. इन नये सैन्य अधिकारियों ने कहा आज के युवाओं को देश के प्रति सेवा भावना से जुड़कर इंडियन मिलिट्री एकेडमी को ज्वाइन करना चाहिए.

पढ़ें- गौरवशाली है आईएमए का इतिहास, पाकिस्तान को भी दे चुका है पहला आर्मी चीफ

टिहरी के अनुभव नेगी बने सेना में अधिकारी

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए टिहरी जनपद से नये सैन्य अफसर बने अनुभव नेगी ने बताया कि उनके पिता सचिवालय में समीक्षा अधिकारी हैं. उनके परिवार का सपना था कि वे सेना में अधिकारी बनें. इसी सपने को आंखों में लिये वे देहरादून के बालावाला में रहने के साथ ही आईएमए प्रवेश के लिए तैयारी करने लगे थे. जिसके बाद कठिन परिश्रम और एकेडमी की बेहतरीन ट्रेनिंग से आज उनके परिवार का सपना पूरा हुआ है. अनुभव ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अपने जीवन के सपने को पाने के लिए पूरी तरह से फोकस कर मेहनत करने की जरूरत है.

Last Updated : Jun 13, 2020, 7:23 PM IST
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