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आपदा में जिंदा दफन हुए लोगों की तलाश में NDRF का सर्च ऑपरेशन जारी, अभीतक 11 शव मिले - रुद्रप्रयाग डीएम ने आपदा पीड़ितों का हाल जाना

20 अगस्त को टिहरी गढ़वाल और देहरादून जिले के सीमावर्ती क्षेत्र मालदेवता के समीप सरखेत में बादल फटने से 5 लोग लापता हो गए थे. इनमें से एनडीआरएफ अब तक 3 शव बरामद कर चुकी है. जबकि 2 लोग अभी भी लापता हैं. देहरादून जिले में अभी तक 5 शव बरामद हो चुके हैं. जबकि 4 अभी भी लापता हैं.

search and rescue operation
सरखेत
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Published : Aug 25, 2022, 9:12 AM IST

देहरादून: सरखेत गांव में 19 व 20 अगस्त रात को आई आपदा के बाद मलबे के पहाड़ में दबे शवों को एनडीआरएफ की टीम (NDRF search and rescue operation) खोजने में जुटी हुई है. लापता लोगों की तलाश में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है. सर्च ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ अब तक तीन शव बरामद चुकी है. सरखेत में 5 लोगों के लापता होने की जानकारी थी. इसमें तीन के शव बरामद (NDRF rescued 3 bodies from Sarkhet) हो चुके हैं. जबकि अभी भी 2 लोग लापता हैं.

बीते 20 अगस्त को तड़के तकरीबन 3 बजे देहरादून जिले की खैरी मानसिंह इलाके में आने वाले सरखेत गांव में आसमान से बरसी तबाही (Sarkhet disaster) का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जहां पर एक फल फूलता गांव था, वहां पर अब 70 मीटर मलबे का पहाड़ खड़ा हो गया है. सरखेत क्षेत्र में आई इस आपदा ने तकरीबन 25 परिवारों के घर जमींदोज कर दिए हैं. आलम यह है कि जहां अच्छे खासे मकान हुआ करते थे, वहां, मलबा का ढेर जम गया है. इसी मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है.

सरखेत में NDRF का सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन जारी.

आपदा का एपी सेंटर सेरखेत गांव में सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाल रहे एनडीआरफ इंस्पेक्टर मयंक कुमार ने बताया कि उनकी टीम आपदा के दिन से ही लगातार गांव में आए इस मलबे को बड़ी-बड़ी मशीनों से हटाने में लगी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि गांव के ऊपर तकरीबन 70 मीटर मलबा आया है. इसमें से 30 मीटर के मलबे को छानकर अलग कर दिया गया है. इसमें से अब तक 3 शव बरामद हो चुके हैं. अभी भी इस मलबे में दो शव मौजूद हैं, जिनकी लगातार तलाश की जा रही है.
ये भी पढ़ेंः सरखेत में चार दिनों से सर्च ऑपरेशन जारी, तीन और शव बरामद, दो अभी भी लापता

एनडीआरफ इंस्पेक्टर मयंक कुमार का कहना है कि इस मलबे से लापता 2 शव बरामद करने के बाद एनडीआरएफ की टीम सड़क को खोलने का अगला काम शुरू करेगी. एनडीआरएफ टीम को कमांड कर रहे मयंक कुमार ने बताया कि मार्ग को सबसे ज्यादा इसी जगह पर नुकसान हुआ. इसको खोलने के बाद आगे के गांव में भी पहुंचा जाएगा. वहां पर भी इस तरह का सर्च अभियान चलाया जाएगा.

अब तक 11 शव बरामदः उत्तराखंड में 19 और 20 अगस्त को आई आपदा में जान गंवा चुके 11 शव अब तक बरामद हो चुके हैं, जबकि 8 लापता हैं. इसके अलावा 10 लोग घायल हैं. वहीं, देहरादून की बात करे तो दून में 5 शव बरामद हो चुके हैं. जबकि अभी भी 4 लापता हैं जिनकी तलाश में लगातार सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. टिहरी में 5 के शव बरामद और 4 लापता हैं.

जखोली के आपदा प्रभावित गांव का निरीक्षणः रुद्रप्रयाग में दैवीय आपदा, भूस्खलन एवं भारी वर्षा के चलते जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही जन-धन की हानि पर रुद्रप्रयाग डीएम पैनी रखे हुए है. इसके अलावा जिलाधिकारी मयूर दीक्षित पूरी संजीदगी के साथ राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. डीएम ने अधिकारियों की फौज के साथ विकासखंड जखोली के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना. उन्होंने सभी अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई कर आपदा क्षेत्र का सर्वे करने, प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने एवं मुआवजा वितरित करने के निर्देश दिए.

बुधवार को जखोली तहसील के विभिन्न गांवों में आपदा से भारी नुकसान की सूचना के बाद डीएम मयूर दीक्षित ने एसडीएम जखोली समेत अन्य अधिकारियों के साथ आपदाग्रस्त क्षेत्र त्यूंखर, घरड़ा, चिरबटिया व लुठियाग का मौके पर निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बारिश एवं भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए गांवों के रास्तों को मनरेगा के तहत मरम्मत करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही निर्देश दिए कि प्रभावित गांवों में विद्युत एवं पेयजल लाइनों को जो भी नुकसान हुआ है, उन्हें जल्द से जल्द ठीक किया जाए. उन्होंने एसडीएम जखोली को निर्देश दिए कि कृषि भूमि, आवासीय भवन एवं फसलों को हुए नुकसान का तत्काल सर्वे करवाते हुए बिना देरी के प्रभावितों को उचित मुआवजा उपलब्ध कराया जाए.

डीएम ने दिए बंद मोटर मार्ग खोलने के निर्देशः पौड़ी जिले में रूक रूककर हो रही बारिश से विभिन्न मोटर मार्गों पर यातायात ठप है. इससे लोगों का जनजीवन पटरी से उतर गया है. पौड़ी में बारिश से 46 मोटर मार्गों पर यातायात ठप है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के जोड़ने वाली सड़कें सर्वाधिक प्रभावित हैं. कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम डा. विजय कुमार जोदगंडे ने जनपद में अवरूद्ध मोटर मार्गों को लेकर लोनिवि और पीएमजीएसवाई को जमकर फटकार लगाई. डीएम ने कहा कि संबंधित विभाग गंभीरता से कार्य करना सुनिश्चित करें. अन्यथा कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

पौड़ी में बारिश से पीएमजीएसवाई व निर्माण खंड दुगड्डा के सर्वाधिक 11-11 मोटर मार्ग बंद हैं. प्रांतीय खंड लैंसडाउन के 10, निर्माण खंड पौड़ी के 5 व प्रांतीय खंड पौड़ी की 1, निर्माण खंड श्रीनगर की 4, निर्माण खंड पाबौ की 3 मोटर मार्ग शामिल हैं. वहीं स्व. जगमोहन सिंह नेगी स्टेट हाइवे मार्ग भी यातायात के लिए बंद हैं. लोनिवि ने जिले के इन मोटर मार्गों को खुलवाने के लिए 1 करोड़ का इस्टीमेट तैयार किया है.

देहरादून: सरखेत गांव में 19 व 20 अगस्त रात को आई आपदा के बाद मलबे के पहाड़ में दबे शवों को एनडीआरएफ की टीम (NDRF search and rescue operation) खोजने में जुटी हुई है. लापता लोगों की तलाश में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है. सर्च ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ अब तक तीन शव बरामद चुकी है. सरखेत में 5 लोगों के लापता होने की जानकारी थी. इसमें तीन के शव बरामद (NDRF rescued 3 bodies from Sarkhet) हो चुके हैं. जबकि अभी भी 2 लोग लापता हैं.

बीते 20 अगस्त को तड़के तकरीबन 3 बजे देहरादून जिले की खैरी मानसिंह इलाके में आने वाले सरखेत गांव में आसमान से बरसी तबाही (Sarkhet disaster) का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जहां पर एक फल फूलता गांव था, वहां पर अब 70 मीटर मलबे का पहाड़ खड़ा हो गया है. सरखेत क्षेत्र में आई इस आपदा ने तकरीबन 25 परिवारों के घर जमींदोज कर दिए हैं. आलम यह है कि जहां अच्छे खासे मकान हुआ करते थे, वहां, मलबा का ढेर जम गया है. इसी मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है.

सरखेत में NDRF का सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन जारी.

आपदा का एपी सेंटर सेरखेत गांव में सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाल रहे एनडीआरफ इंस्पेक्टर मयंक कुमार ने बताया कि उनकी टीम आपदा के दिन से ही लगातार गांव में आए इस मलबे को बड़ी-बड़ी मशीनों से हटाने में लगी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि गांव के ऊपर तकरीबन 70 मीटर मलबा आया है. इसमें से 30 मीटर के मलबे को छानकर अलग कर दिया गया है. इसमें से अब तक 3 शव बरामद हो चुके हैं. अभी भी इस मलबे में दो शव मौजूद हैं, जिनकी लगातार तलाश की जा रही है.
ये भी पढ़ेंः सरखेत में चार दिनों से सर्च ऑपरेशन जारी, तीन और शव बरामद, दो अभी भी लापता

एनडीआरफ इंस्पेक्टर मयंक कुमार का कहना है कि इस मलबे से लापता 2 शव बरामद करने के बाद एनडीआरएफ की टीम सड़क को खोलने का अगला काम शुरू करेगी. एनडीआरएफ टीम को कमांड कर रहे मयंक कुमार ने बताया कि मार्ग को सबसे ज्यादा इसी जगह पर नुकसान हुआ. इसको खोलने के बाद आगे के गांव में भी पहुंचा जाएगा. वहां पर भी इस तरह का सर्च अभियान चलाया जाएगा.

अब तक 11 शव बरामदः उत्तराखंड में 19 और 20 अगस्त को आई आपदा में जान गंवा चुके 11 शव अब तक बरामद हो चुके हैं, जबकि 8 लापता हैं. इसके अलावा 10 लोग घायल हैं. वहीं, देहरादून की बात करे तो दून में 5 शव बरामद हो चुके हैं. जबकि अभी भी 4 लापता हैं जिनकी तलाश में लगातार सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. टिहरी में 5 के शव बरामद और 4 लापता हैं.

जखोली के आपदा प्रभावित गांव का निरीक्षणः रुद्रप्रयाग में दैवीय आपदा, भूस्खलन एवं भारी वर्षा के चलते जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही जन-धन की हानि पर रुद्रप्रयाग डीएम पैनी रखे हुए है. इसके अलावा जिलाधिकारी मयूर दीक्षित पूरी संजीदगी के साथ राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. डीएम ने अधिकारियों की फौज के साथ विकासखंड जखोली के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना. उन्होंने सभी अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई कर आपदा क्षेत्र का सर्वे करने, प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने एवं मुआवजा वितरित करने के निर्देश दिए.

बुधवार को जखोली तहसील के विभिन्न गांवों में आपदा से भारी नुकसान की सूचना के बाद डीएम मयूर दीक्षित ने एसडीएम जखोली समेत अन्य अधिकारियों के साथ आपदाग्रस्त क्षेत्र त्यूंखर, घरड़ा, चिरबटिया व लुठियाग का मौके पर निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बारिश एवं भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए गांवों के रास्तों को मनरेगा के तहत मरम्मत करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही निर्देश दिए कि प्रभावित गांवों में विद्युत एवं पेयजल लाइनों को जो भी नुकसान हुआ है, उन्हें जल्द से जल्द ठीक किया जाए. उन्होंने एसडीएम जखोली को निर्देश दिए कि कृषि भूमि, आवासीय भवन एवं फसलों को हुए नुकसान का तत्काल सर्वे करवाते हुए बिना देरी के प्रभावितों को उचित मुआवजा उपलब्ध कराया जाए.

डीएम ने दिए बंद मोटर मार्ग खोलने के निर्देशः पौड़ी जिले में रूक रूककर हो रही बारिश से विभिन्न मोटर मार्गों पर यातायात ठप है. इससे लोगों का जनजीवन पटरी से उतर गया है. पौड़ी में बारिश से 46 मोटर मार्गों पर यातायात ठप है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के जोड़ने वाली सड़कें सर्वाधिक प्रभावित हैं. कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम डा. विजय कुमार जोदगंडे ने जनपद में अवरूद्ध मोटर मार्गों को लेकर लोनिवि और पीएमजीएसवाई को जमकर फटकार लगाई. डीएम ने कहा कि संबंधित विभाग गंभीरता से कार्य करना सुनिश्चित करें. अन्यथा कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

पौड़ी में बारिश से पीएमजीएसवाई व निर्माण खंड दुगड्डा के सर्वाधिक 11-11 मोटर मार्ग बंद हैं. प्रांतीय खंड लैंसडाउन के 10, निर्माण खंड पौड़ी के 5 व प्रांतीय खंड पौड़ी की 1, निर्माण खंड श्रीनगर की 4, निर्माण खंड पाबौ की 3 मोटर मार्ग शामिल हैं. वहीं स्व. जगमोहन सिंह नेगी स्टेट हाइवे मार्ग भी यातायात के लिए बंद हैं. लोनिवि ने जिले के इन मोटर मार्गों को खुलवाने के लिए 1 करोड़ का इस्टीमेट तैयार किया है.

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