देहरादून: राजधानी देहरादून में मादक पदार्थों की तस्करी मकड़जाल की तरह फैली हुई है. आलम यह है कि सिर्फ देहरादून जनपद में ही प्रतिदिन औसतन 3 से 5 मामले ड्रग तस्करी को लेकर एनडीपीएस कोर्ट में फाइल होते हैं. यानी प्रतिमाह 100 से ज्यादा ड्रग तस्करी के मामले एनडीपीएस कोर्ट में दर्ज हो रहे हैं. अच्छी बात यह कि एनडीपीएस कोर्ट भी तेजी से इन मामलों को निपटा रही है.
देहरादून एनडीपीएस कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता मनोज शर्मा के मुताबिक नशा तस्कर राजधानी के तमाम शिक्षण संस्थानों में स्टूटेंड को टारगेट कर रहे हैं. उनको सॉफ्ट टारगेट मानकर स्मैक, हेरोइन, चरस, अफीम, नशे की गोलियां व इंजेक्शन जैसे तमाम नशीले पदार्थ मुहैया कराये जा रहे हैं. ऐसे में एनडीपीएस कोर्ट एक्टिव मोड में है.
एनडीपीएस कोर्ट में दो हजार से अधिक मामले लंबित
एनडीपीएस विशेष कोर्ट के जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता मनोज शर्मा के मुताबिक देहरादून जनपद में प्रतिदिन लगातार औसतन 3 से 5 मामले नशा तस्करी के दर्ज हो रहे हैं. इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हालांकि, इन सभी मामलों में स्पीडी ट्रायल कर सजा के फैसले भी हो रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद अभी दो हजार से अधिक केस एनडीपीएस कोर्ट में लंबित चल रहे हैं.
इसकी बड़ी वजह यह भी है कि देहरादून जिले में एकमात्र एनडीपीएस कोर्ट है. इसकी वजह से अन्य अदालतों के मुकाबले एनडीपीएस कोर्ट में केस फाइलों का अधिक भार है.
यूपी और नेपाल से आती है ड्रग की खेप
अधिवक्ता मनोज शर्मा के मुताबिक देहरादून में सबसे ज्यादा नशीले पदार्खों की खेप (स्मैक, चरस, गांजा, हेरोइन, नशे की गोलियां और इंजेक्शन) उत्तर प्रदेश के बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद और नेपाल के रास्ते से आती हैं. वहीं, चरस की बड़ी खेप हिमाचल, उत्तराखंड के पहाड़ों से आती है. वहीं ब्राउन शुगर और अफीम की खेप नेपाल से देहरादून पहुंच रही है.