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इस मुहूर्त में करें कलश स्थापना, पूरी हो जाएगी हर मनोकामना - उत्तराखंड समाचार

हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र नवरात्रों के आगाज के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान अगले 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है. शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ अलग अलग रूप माने जाते हैं. ऐसे में 6 अप्रैल से 16 अप्रैल तक माता के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाएगी.

उत्तराखंड में नवरात्रि पर्व की तैयारी
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Published : Apr 5, 2019, 11:38 PM IST

देहरादून/ऋषिकेशः चैत्र नवरात्रि शनिवार से शुरू होने जा रहे हैं. इसके लिए प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है. मंदिरों के साथ बाजार पूरी तरह से सज चुके हैं. नवरात्रि के मद्देनजर मंदिरों और बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है. वहीं, आगामी नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि पर्व में भक्त मां के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. इस धार्मिक पर्व को लेकर भक्तों में खासा उत्साह भी दिखाई दे रहा है.

जानकारी देते श्रद्धालु और पुजारी.


बता दें कि हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र नवरात्रों के आगाज के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान अगले 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है. शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ अलग अलग रूप माने जाते हैं. ऐसे में 6 अप्रैल से 16 अप्रैल तक माता के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाएगी.

देहरादून के बाजारों में नवरात्रों की रौनक
राजधानी देहरादून के बाजारों में नवरात्रों की रौनक साफ देखने को मिल रही है. बाजार पूरी तरह से पूजा सामग्री से सज चुके हैं. भक्तजन अभी से पूजा सामग्री खरीद रहे हैं. नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना का भी विधान है. मान्यता है कि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त देखकर की जानी चाहिए. इस बार चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना का शुभ समय सुबह 6:09 से लेकर सुबह 10:19 के बीच बताया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड: कल श्रीनगर में रैली करेंगे राहुल गांधी, आलू खरीदने में जुटे BJP कार्यकर्ता

पंडित विष्णु भट्ट ने बताया कि चैत्र नवरात्र से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती. इसलिए सभी भक्तजन नवरात्रों में शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं. माता अपने भक्तों से प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है.


यह है मां दुर्गा के नौ रूपों के नाम-

  • प्रथम नवरात्र -शैलपुत्री
  • द्वितीय नवरात्र- ब्रह्मचारिणी
  • तृतीय नवरात्र- चंद्रघंटा
  • चतुर्थी नवरात्रि- कुष्मांडा
  • पंचमी नवरात्र- स्कंदमाता
  • षष्टि नवरात्र- कात्यायनी
  • सप्तमी नवरात्र- कालरात्रि
  • अष्टमी नवरात्र- महागौरी
  • नवमी नवरात्रि- सिद्धिदात्री

ऋषिकेश में नवरात्रि को लेकर सजे मंदिर
तीर्थनगरी में भी नवरात्री पर्व को लेकर भक्तों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है. नवरात्र के शुरू होते ही शहर के विभिन्न मंदिरों में धार्मिक आयोजन शुरू हो जाते हैं. इन नौ दिनों तक माता के भक्त मंदिरों में जाकर धार्मिक अनुष्ठान कर व्रत भी रखते हैं. यहां पर स्थित मां कात्यायनी मंदिर में सजावट शुरू हो गई है. वहीं, भद्रकाली मंदिर, कुंजापुरी मंदिर के साथ सभी मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है.


ऋषिकेश के मां कात्यायनी के इस सिद्ध पीठ मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. उधर पर्व आते ही ऋषिकेश में पूजा सामग्री और भोग का सामान खरीदने के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाजार पहुंच रहे हैं.

देहरादून/ऋषिकेशः चैत्र नवरात्रि शनिवार से शुरू होने जा रहे हैं. इसके लिए प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है. मंदिरों के साथ बाजार पूरी तरह से सज चुके हैं. नवरात्रि के मद्देनजर मंदिरों और बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है. वहीं, आगामी नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि पर्व में भक्त मां के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. इस धार्मिक पर्व को लेकर भक्तों में खासा उत्साह भी दिखाई दे रहा है.

जानकारी देते श्रद्धालु और पुजारी.


बता दें कि हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र नवरात्रों के आगाज के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान अगले 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है. शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ अलग अलग रूप माने जाते हैं. ऐसे में 6 अप्रैल से 16 अप्रैल तक माता के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाएगी.

देहरादून के बाजारों में नवरात्रों की रौनक
राजधानी देहरादून के बाजारों में नवरात्रों की रौनक साफ देखने को मिल रही है. बाजार पूरी तरह से पूजा सामग्री से सज चुके हैं. भक्तजन अभी से पूजा सामग्री खरीद रहे हैं. नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना का भी विधान है. मान्यता है कि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त देखकर की जानी चाहिए. इस बार चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना का शुभ समय सुबह 6:09 से लेकर सुबह 10:19 के बीच बताया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड: कल श्रीनगर में रैली करेंगे राहुल गांधी, आलू खरीदने में जुटे BJP कार्यकर्ता

पंडित विष्णु भट्ट ने बताया कि चैत्र नवरात्र से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती. इसलिए सभी भक्तजन नवरात्रों में शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं. माता अपने भक्तों से प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है.


यह है मां दुर्गा के नौ रूपों के नाम-

  • प्रथम नवरात्र -शैलपुत्री
  • द्वितीय नवरात्र- ब्रह्मचारिणी
  • तृतीय नवरात्र- चंद्रघंटा
  • चतुर्थी नवरात्रि- कुष्मांडा
  • पंचमी नवरात्र- स्कंदमाता
  • षष्टि नवरात्र- कात्यायनी
  • सप्तमी नवरात्र- कालरात्रि
  • अष्टमी नवरात्र- महागौरी
  • नवमी नवरात्रि- सिद्धिदात्री

ऋषिकेश में नवरात्रि को लेकर सजे मंदिर
तीर्थनगरी में भी नवरात्री पर्व को लेकर भक्तों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है. नवरात्र के शुरू होते ही शहर के विभिन्न मंदिरों में धार्मिक आयोजन शुरू हो जाते हैं. इन नौ दिनों तक माता के भक्त मंदिरों में जाकर धार्मिक अनुष्ठान कर व्रत भी रखते हैं. यहां पर स्थित मां कात्यायनी मंदिर में सजावट शुरू हो गई है. वहीं, भद्रकाली मंदिर, कुंजापुरी मंदिर के साथ सभी मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है.


ऋषिकेश के मां कात्यायनी के इस सिद्ध पीठ मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. उधर पर्व आते ही ऋषिकेश में पूजा सामग्री और भोग का सामान खरीदने के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाजार पहुंच रहे हैं.

Intro:ऋषिकेश-- तीर्थनगरी में नवरात्री पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है इस धार्मिक पर्व को लेकर सभी भक्तो में खासा उत्साह रहता है नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्री पर्व में भक्त माँ के नौ रूपों की पूजा अर्चना करते है तीर्थनगरी के मंदिरों में आज से ही तैयारियां शुरू हो गई है ।




Body:
वी/ओ--कल से नवरात्री पूजन शुरू हो रहा है नवरात्र के शुरू होते ही ऋषिकेश और आस पास के मंदिरों में धार्मिक आयोजन शुरू हो जाते है नौ दिनों तक माता के भक्त मंदिरों में जाकर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं साथ ही नौ दिनों तक मां का व्रत भी रखते हैं नवरात्रि पर्व को लेकर तीर्थनगरी के मंदिरों में आज से ही तैयारियां शुरू हो गई है ऋषिकेश के मां कात्यायनी मंदिर में सजावट शुरू हो गई है वहीं भद्रकाली मंदिर,कुंजापुरी मंदिर के साथ साथ सभी मंदिरों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं,उत्तराखंड में माँ कात्यायनी माता का मात्र एक मंदिर है,इस सिद्ध पीठ पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु नौ दिनों तक माँ के नौ रूपों की पूजा कर पूण्य के भागी बनते हैं।

बाइट ---वामदेव कोठारी(पुजारी)



Conclusion:वी/ओ--माँ के भक्तों के लिये मंदिरों में आज से ही सजावट शुरू हो गई है नौ दिनों तक माँ की आराधना की जाएगी माँ भी भक्तो को अपने नौ रूपों में दर्शन देकर आशीर्वाद देती है जिससे उनके घर में खुशहाली बनी रहती है।
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