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NSUI Workers Fight: संगठन ने दो जिलाध्यक्षों समेत चार नेताओं को 6 साल के लिए किया निलंबित

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भंडारी देहरादून के जिलाध्यक्ष सौरभ ममगाईं और चमोली के जिलाध्यक्ष संदीप नेगी को संगठन से 6 साल के निष्कासित कर दिया है. इसके अलावा दो अन्य नेताओं पर गाज गिरी है.

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Published : Feb 14, 2023, 8:24 PM IST

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देहरादून: बीते रोज 13 फरवरी को सचिवालय कूच से पहले एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) के दो गुट उत्तराखंड प्रदेश मुख्यालय में आपस में भिड़ गए थे. इस दौरान दोनों गुटों में जमकर लात-घूंसे चले थे. इस मामले को एनएसयूआई के राष्ट्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया और दो जिलाध्यक्ष समेत चार कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए संगठन से निलंबित कर दिया है.

NSUI
एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भंडारी ने जारी किया लेटर.

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भंडारी ने सभी के निलबंन का आदेश जारी किया है. राष्ट्रीय सचिव अंकुश भंडारी की तरफ से जो लेटर जारी किया गया है, उसमें देहरादून के जिलाध्यक्ष सौरभ ममगाईं और चमोली के जिलाध्यक्ष संदीप नेगी के अलावा डीएवी पीजी कॉलेज में एनएसयूआई से छात्रसंघ चुनाव लड़ चुके अंकित बिष्ट और आदित्य बिष्ट को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है.
पढ़ें- NSUI Workers Fight: सचिवालय कूच से पहले कांग्रेस में फूट, NSUI के दो गुटों में जमकर मारपीट

दरअसल, सोमवार 13 फरवरी को एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन देहरादून आए थे. नीरज कुंदन के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय से सचिवालय तक पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में मार्च निकाला था. सचिवालय कूच से पहले संगठन के पदाधिकारियों की ओर से एक सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें उत्तराखंड कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

इसी बीच एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन का विरोध करते हुए कुछ कार्यकर्ताओं ने एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी की नियुक्ति को गलत बताया. ये विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों गुट आपस में लड़ पड़े और प्रदेश मुख्यालय में भी एनएसयूआई के दोनों गुटों के बीच जूतम-पैजार हुई. हालात इतने बिगड़ गए थे कि पुलिस और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बीच-बचाव के लिए आना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ.

देहरादून: बीते रोज 13 फरवरी को सचिवालय कूच से पहले एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) के दो गुट उत्तराखंड प्रदेश मुख्यालय में आपस में भिड़ गए थे. इस दौरान दोनों गुटों में जमकर लात-घूंसे चले थे. इस मामले को एनएसयूआई के राष्ट्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया और दो जिलाध्यक्ष समेत चार कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए संगठन से निलंबित कर दिया है.

NSUI
एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भंडारी ने जारी किया लेटर.

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भंडारी ने सभी के निलबंन का आदेश जारी किया है. राष्ट्रीय सचिव अंकुश भंडारी की तरफ से जो लेटर जारी किया गया है, उसमें देहरादून के जिलाध्यक्ष सौरभ ममगाईं और चमोली के जिलाध्यक्ष संदीप नेगी के अलावा डीएवी पीजी कॉलेज में एनएसयूआई से छात्रसंघ चुनाव लड़ चुके अंकित बिष्ट और आदित्य बिष्ट को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है.
पढ़ें- NSUI Workers Fight: सचिवालय कूच से पहले कांग्रेस में फूट, NSUI के दो गुटों में जमकर मारपीट

दरअसल, सोमवार 13 फरवरी को एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन देहरादून आए थे. नीरज कुंदन के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय से सचिवालय तक पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में मार्च निकाला था. सचिवालय कूच से पहले संगठन के पदाधिकारियों की ओर से एक सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें उत्तराखंड कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

इसी बीच एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन का विरोध करते हुए कुछ कार्यकर्ताओं ने एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी की नियुक्ति को गलत बताया. ये विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों गुट आपस में लड़ पड़े और प्रदेश मुख्यालय में भी एनएसयूआई के दोनों गुटों के बीच जूतम-पैजार हुई. हालात इतने बिगड़ गए थे कि पुलिस और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बीच-बचाव के लिए आना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ.

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