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निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ CM को लिखा पत्र, 10 स्कूलों को नोटिस

नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने स्कूलों की मनमानी को लेकर सीएम और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है.

देहरादून
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Published : May 14, 2020, 2:52 PM IST

Updated : May 25, 2020, 2:45 PM IST

देहरादून: सरकार की हिदायत के बाद भी प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी पर उतारू हैं. शासनादेश की अनदेखी करते हुए प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से एक माह ज्यादा की फीस वसूल कर रहे हैं. इतना ही नहीं अभिभावक जब शासनादेश का हवाला देते हैं तो स्कूल ये कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि उन्हें अभी तक शासनादेश प्राप्त हुआ ही नहीं है.

सरकार की तरफ से निजी स्कूलों को साफ आदेश दिया गया है कि वे एक साथ तीन महीने की फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं बना सकते हैं. बावजूद इसके कुछ स्कूल ऐसा कर रहे हैं. ऑनलाइन क्लॉसेस के नाम पर स्कूल अभिभावकों से तीन महीने की फीस एक साथ मांग रहे हैं. नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने इसका विरोध किया है.

एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि जिस प्रकार से निजी स्कूलों की मनमानी दिन-प्रतिदिन जारी है उससे अभिभावकों का शोषण हो रहा है. इस संबंध में एचआरडी मिनिस्टर से लेकर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री तक को पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन अब निजी स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी हैं जिसका दुष्परिणाम बच्चों के ऊपर पड़ रहा है.

पढ़ें- जन अधिकार मंच की मुहिम लाई रंग, घर लौटे प्रवासियों ने जताया आभार

खान ने बताया कि शासनादेश के अनुसार कक्षा दो तक के बच्चों को होमवर्क नहीं दिया जा सकता है, लेकिन निजी स्कूल अभिभावकों से फीस वसूलने के चक्कर में ऑनलाइन क्लासेज चला रहे हैं. इसके अलावा खान ने एनसीईआरटी की पुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें लगाने पर भी ऐतराज जताते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत जो पुस्तकें लगाई जाएंगी वह एनसीईआरटी के समतुल्य होनी चाहिए. इसका भी निजी स्कूल जमकर उल्लंघन कर रहे हैं.

खान ने मुताबिक इस विषय में शिक्षा मंत्री कई बार स्कूलों को चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन निजी स्कूल बाज नहीं आ रहे हैं. स्कूल अभिभावकों से तीन माह की फीस लेने के लिए उन्हें मेल और एसएमएस के जरिए मैसेजेस भेजे जा रहे हैं. ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

दरअसल नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने बीती 5 मई को 10 निजी स्कूलों की शिकायत सीएम, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से की थी. एसोसिएशन ने मांग उठाई थी कि शासनादेश की धज्जियां उड़ा कर अभिभावकों को धमकाकर मनमानी फीस वसूली करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द की जाए. ऐसे में अभिभावकों से जबरन फीस वसूल करने वाले 10 स्कूलों को शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी भी किया है.

देहरादून: सरकार की हिदायत के बाद भी प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी पर उतारू हैं. शासनादेश की अनदेखी करते हुए प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से एक माह ज्यादा की फीस वसूल कर रहे हैं. इतना ही नहीं अभिभावक जब शासनादेश का हवाला देते हैं तो स्कूल ये कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि उन्हें अभी तक शासनादेश प्राप्त हुआ ही नहीं है.

सरकार की तरफ से निजी स्कूलों को साफ आदेश दिया गया है कि वे एक साथ तीन महीने की फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं बना सकते हैं. बावजूद इसके कुछ स्कूल ऐसा कर रहे हैं. ऑनलाइन क्लॉसेस के नाम पर स्कूल अभिभावकों से तीन महीने की फीस एक साथ मांग रहे हैं. नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने इसका विरोध किया है.

एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि जिस प्रकार से निजी स्कूलों की मनमानी दिन-प्रतिदिन जारी है उससे अभिभावकों का शोषण हो रहा है. इस संबंध में एचआरडी मिनिस्टर से लेकर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री तक को पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन अब निजी स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी हैं जिसका दुष्परिणाम बच्चों के ऊपर पड़ रहा है.

पढ़ें- जन अधिकार मंच की मुहिम लाई रंग, घर लौटे प्रवासियों ने जताया आभार

खान ने बताया कि शासनादेश के अनुसार कक्षा दो तक के बच्चों को होमवर्क नहीं दिया जा सकता है, लेकिन निजी स्कूल अभिभावकों से फीस वसूलने के चक्कर में ऑनलाइन क्लासेज चला रहे हैं. इसके अलावा खान ने एनसीईआरटी की पुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें लगाने पर भी ऐतराज जताते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत जो पुस्तकें लगाई जाएंगी वह एनसीईआरटी के समतुल्य होनी चाहिए. इसका भी निजी स्कूल जमकर उल्लंघन कर रहे हैं.

खान ने मुताबिक इस विषय में शिक्षा मंत्री कई बार स्कूलों को चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन निजी स्कूल बाज नहीं आ रहे हैं. स्कूल अभिभावकों से तीन माह की फीस लेने के लिए उन्हें मेल और एसएमएस के जरिए मैसेजेस भेजे जा रहे हैं. ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

दरअसल नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ने बीती 5 मई को 10 निजी स्कूलों की शिकायत सीएम, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से की थी. एसोसिएशन ने मांग उठाई थी कि शासनादेश की धज्जियां उड़ा कर अभिभावकों को धमकाकर मनमानी फीस वसूली करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द की जाए. ऐसे में अभिभावकों से जबरन फीस वसूल करने वाले 10 स्कूलों को शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी भी किया है.

Last Updated : May 25, 2020, 2:45 PM IST
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