ETV Bharat / state

भर्ती घोटालों से त्रस्त जनता के लिए नेगी दा लेकर आए 'लोकतंत्र मा' गीत, 'नौछमी नरैणा' जैसा दिखेगा असर! - assembly back door recruitments

लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी पहले भी अपने गीतों के माध्यम से जनसमस्या के साथ-साथ पलायन का दर्द और नदियों सहित खाली होते पहाड़ों की समस्या को सामने लाते रहे हैं. इस बार गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने मौजूदा समय में उठ रहे भर्ती घोटालों को लेकर फिर मोर्चा खोला है. नेगी दा ने एक बार फिर से मौजूदा सरकार के साथ-साथ पूर्व की सरकारों पर अपने गीत 'लोकतंत्र मा' से कटाक्ष किया है.

Uttarakhand folk singer Narendra Singh Negi
गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी
author img

By

Published : Sep 3, 2022, 2:17 PM IST

Updated : Sep 3, 2022, 2:50 PM IST

देहरादून: अपने गीत से कांग्रेस की नारायण दत्त तिवारी सरकार (Narayan Dutt Tiwari government ) को हिलाने वाले गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी (Uttarakhand folk singer Narendra Singh Negi) ने मौजूदा समय में उठ रहे भर्ती घोटालों को लेकर फिर मोर्चा खोला है. नेगी दा ने एक बार फिर से मौजूदा सरकार के साथ-साथ पूर्व की सरकारों पर अपने गीत 'लोकतंत्र मा' से कटाक्ष किया है.

लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी (folk singer Narendra Singh Negi) ने अपने गीत में नेताओं की ऐसी क्लास लगाई है कि अगर कोई नेता सुने तो शर्म से पानी पानी हो जाए. मौजूदा सरकार को आईना दिखाता ये गीत विधानसभा (Uttarakhand Legislative Assembly) में बैक डोर भर्तियों को लेकर है. इंटरनेट पर अपलोड हुए इस गीत में नेगी दा गाते हैं कि, 'हम त प्रजा का प्रजा ही रैग्या लोकतंत्र मा'. जिसका हिंदी में अर्थ है- केवल नेताओं के बच्चे नौकरी के काबिल हैं और प्रजा तो केवल प्रजा है जिसके नौनिहाल किसी काम के नहीं हैं. नरेंद्र सिंह नेगी ने ये गीत विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर गाया है. नेगी दा अपने इस गीत में लोगों को जागरूक करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं, UKSSSC पेपर लीक मामले को लेकर भी नरेंद्र सिंह नेगी इस गीत में कटाक्ष करते दिखाई दे रहे हैं.
पढ़ें-लोक गायक नरेंद्र नेगी ने की सख्त भू-कानून की पैरवी, सरकार से की लोक भाषा अकादमी की मांग

आपको बता दें कि, नरेंद्र सिंह नेगी पहले भी अपने गीतों के माध्यम से जनसमस्या के साथ-साथ पलायन का दर्द और नदियों सहित खाली होते पहाड़ों की समस्या को सामने लाते रहे हैं. उनके गीतों में वो सच्चाई होती है कि देवभूमि का हर व्यक्ति उनसे खुद को जुड़ा महसूस करता है. इसलिए नरेंद्र सिंह नेगी को प्यार से नेगी दा और गढ़रत्न भी कहा जाता है. उत्तराखंड आंदोलन के दौरान भी नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों ने आंदोलनकारियों में ऊर्जा का संचार किया था.
पढ़ें-लोकप्रिय गायक नरेंद्र सिंह नेगी का जन्मदिन, लगा बधाइयों का तांता

याद है न 'नौछमी नरैणा': कांग्रेस की तिवारी सरकार में जब सरकार ने रेवड़ी की तरह लाल बत्ती बांटी तो नरेंद्र सिंह नेगी खूब चर्चा में रहे. उन्होंने अपने इस गीत से सरकार को बेहद परेशान करके रखा. आज भी उनका वो गीत किसी भी करप्ट नेता या सरकार के लिए गाया और गुनगुनाया जाता है. यही कहा जाता है कि उनके 'नौछमी नरैणा' गीत के बाद ही राज्य में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना और कांग्रेस की सरकार चली गई थी. इसके साथ ही 'कमीशन कु मीट भात रिश्वत कु रैलू' गीत का वीडियो ऐसा लॉन्च हुआ कि सेंसर बोर्ड ने उस वीडियो को ब्लर करने के आदेश तक दे दिए थे.

वीडियों के लिए यहां क्लीक करें- लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी का गीत

क्या गुल खिलायेगा ये गीत: बहरहाल, उत्तराखंड में जिस तरह से अपनों को विधानसभा या अन्य विभागों में सेट किया गया है, उसके बाद नरेंद्र सिंह नेगी का ये विरोध रूपी गीत आगे क्या गुल खिलाएगा ये देखना होगा. लेकिन इतना तय है उनके गीत ने मौजूदा सरकार और नेताओं मंत्रियों की नींद जरूर उड़ा दी है.

देहरादून: अपने गीत से कांग्रेस की नारायण दत्त तिवारी सरकार (Narayan Dutt Tiwari government ) को हिलाने वाले गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी (Uttarakhand folk singer Narendra Singh Negi) ने मौजूदा समय में उठ रहे भर्ती घोटालों को लेकर फिर मोर्चा खोला है. नेगी दा ने एक बार फिर से मौजूदा सरकार के साथ-साथ पूर्व की सरकारों पर अपने गीत 'लोकतंत्र मा' से कटाक्ष किया है.

लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी (folk singer Narendra Singh Negi) ने अपने गीत में नेताओं की ऐसी क्लास लगाई है कि अगर कोई नेता सुने तो शर्म से पानी पानी हो जाए. मौजूदा सरकार को आईना दिखाता ये गीत विधानसभा (Uttarakhand Legislative Assembly) में बैक डोर भर्तियों को लेकर है. इंटरनेट पर अपलोड हुए इस गीत में नेगी दा गाते हैं कि, 'हम त प्रजा का प्रजा ही रैग्या लोकतंत्र मा'. जिसका हिंदी में अर्थ है- केवल नेताओं के बच्चे नौकरी के काबिल हैं और प्रजा तो केवल प्रजा है जिसके नौनिहाल किसी काम के नहीं हैं. नरेंद्र सिंह नेगी ने ये गीत विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर गाया है. नेगी दा अपने इस गीत में लोगों को जागरूक करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं, UKSSSC पेपर लीक मामले को लेकर भी नरेंद्र सिंह नेगी इस गीत में कटाक्ष करते दिखाई दे रहे हैं.
पढ़ें-लोक गायक नरेंद्र नेगी ने की सख्त भू-कानून की पैरवी, सरकार से की लोक भाषा अकादमी की मांग

आपको बता दें कि, नरेंद्र सिंह नेगी पहले भी अपने गीतों के माध्यम से जनसमस्या के साथ-साथ पलायन का दर्द और नदियों सहित खाली होते पहाड़ों की समस्या को सामने लाते रहे हैं. उनके गीतों में वो सच्चाई होती है कि देवभूमि का हर व्यक्ति उनसे खुद को जुड़ा महसूस करता है. इसलिए नरेंद्र सिंह नेगी को प्यार से नेगी दा और गढ़रत्न भी कहा जाता है. उत्तराखंड आंदोलन के दौरान भी नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों ने आंदोलनकारियों में ऊर्जा का संचार किया था.
पढ़ें-लोकप्रिय गायक नरेंद्र सिंह नेगी का जन्मदिन, लगा बधाइयों का तांता

याद है न 'नौछमी नरैणा': कांग्रेस की तिवारी सरकार में जब सरकार ने रेवड़ी की तरह लाल बत्ती बांटी तो नरेंद्र सिंह नेगी खूब चर्चा में रहे. उन्होंने अपने इस गीत से सरकार को बेहद परेशान करके रखा. आज भी उनका वो गीत किसी भी करप्ट नेता या सरकार के लिए गाया और गुनगुनाया जाता है. यही कहा जाता है कि उनके 'नौछमी नरैणा' गीत के बाद ही राज्य में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना और कांग्रेस की सरकार चली गई थी. इसके साथ ही 'कमीशन कु मीट भात रिश्वत कु रैलू' गीत का वीडियो ऐसा लॉन्च हुआ कि सेंसर बोर्ड ने उस वीडियो को ब्लर करने के आदेश तक दे दिए थे.

वीडियों के लिए यहां क्लीक करें- लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी का गीत

क्या गुल खिलायेगा ये गीत: बहरहाल, उत्तराखंड में जिस तरह से अपनों को विधानसभा या अन्य विभागों में सेट किया गया है, उसके बाद नरेंद्र सिंह नेगी का ये विरोध रूपी गीत आगे क्या गुल खिलाएगा ये देखना होगा. लेकिन इतना तय है उनके गीत ने मौजूदा सरकार और नेताओं मंत्रियों की नींद जरूर उड़ा दी है.

Last Updated : Sep 3, 2022, 2:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.