देहरादून: नाबालिग खिलाड़ी के यौन शोषण मामले में पुलिस की आधी अधूरी तैयारी आरोपी कोच नरेंद्र शाह के काम आई. पुलिस ने आरोपी कोच नरेंद्र शाह की गिरफ्तारी की, लेकिन अगले 20 घंटों में ही नरेंद्र शाह जमानत लेने में कामयाब हो गए. वैसे आरोपियों के आसानी से जमानत लेने का उत्तराखंड में यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले पेपर लीक मामले में भी आरोपियों को आसानी से जमानत मिल गई थी.
नरेंद्र शाह का ऑडियो लीक प्रकरण ने पकड़ा तूल: उत्तराखंड में खिलाड़ियों के सिलेक्शन में गड़बड़ी से लेकर ऐसी कई अनियमितताओं की बातें सामने आती रही हैं, जो क्रिकेट के खिलाड़ियों की परेशानियां बढ़ाती रही हैं. इन मामलों में कभी कोई खास कदम ना तो एसोसिएशन की तरफ से उठाया गया और ना ही इसका संज्ञान खेल विभाग की तरफ से लिया गया. अब क्रिकेट कोच नरेंद्र शाह का ऑडियो लीक होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न से जुड़ा यह मामला अब पुलिस के लिए भी सर दर्द बन गया है.
बता दें क्रिकेट कोच नरेंद्र शाह पर महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप है. हाल ही में कथित ऑडियो में नरेंद्र शाह और महिला क्रिकेट खिलाड़ी की आपत्तिजनक बातचीत सामने आई थी. इसके बाद क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने नरेंद्र शाह को सदस्यता से निलंबित कर दिया था. इस ऑडियो में न केवल आपत्तिजनक रूप से यौन शोषण के रूप में महिला खिलाड़ी पर दबाव बनाने की बातें कही जाती सुनाई दी तो वहीं एसोसिएशन के कुछ दूसरे पदाधिकारियों का भी जिक्र किया गया है. ऐसे में पुलिस के सामने न केवल नरेंद्र शाह बल्कि महिला खिलाड़ियों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर कार्यवाही करने का दबाव है. इस पूरे मामले में दूसरे पदाधिकारियों को सामने लाने की चुनौती भी पुलिस के सामने हैं.
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गिरफ्तारी में की जल्दबाजी, कोर्ट में बिना तैयारी उतरी पुलिस: मामले में पुलिस की कार्यवाही पहले ही कदम पर पूरी तरह फिसड्डी साबित हुई है. इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद जहां क्रिकेट कोच नरेंद्र शाह ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की, तो, नरेंद्र शाह के अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही पुलिस ने जल्दबाजी में आरोपी नरेंद्र शाह को गिरफ्तार भी कर लिया. खास बात यह है कि पुलिस ने जितनी जल्दबाजी नरेंद्र शाह को गिरफ्तार करने में दिखाई इतनी तैयारी कोर्ट में नहीं दिखी. अगर ऐसा होता तो शायद नरेंद्र शाह को लोअर कोर्ट से ही इतनी आसानी से जमानत नहीं मिलती.
41 का नोटिस बना जमानत की वजह: मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता विजय भूषण पांडे ने बताया पुलिस ने बिना नोटिस के ही आरोपी नरेंद्र शाह को गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया 7 साल से कम की सजा वाली धाराओं में 41 का नोटिस आरोपी को दिया जाता है, जो, पुलिस की तरफ से नहीं दिया गया. कोर्ट के भीतर पुलिस के लिए यह मुसीबत बन गया. यह नरेंद्र शाह को जमानत मिलने के पीछे की एक बड़ी वजह रही. पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद प्रक्रिया का अनुपालन ही नहीं किया. ऐसे में कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व आदेश के क्रम में प्रक्रिया का अनुपालन नहीं होने के चलते पुलिस की रिमांड की अपील ही खारिज कर दी. जिससे आरोपी नरेंद्र शाह आसानी से बाहर आ गए.
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लीक ऑडियो को बेस बनाकर होगी आगे की जांच: इस मामले में सीओ नेहरू कॉलोनी अनिल जोशी ने बताया पुलिस की तफ्तीश जारी है. कोशिश की जा रही है कि पुख्ता सबूतों के आधार पर आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए. सीओ अनिल जोशी ने बताया इस मामले में धाराएं 7 साल से कम की थी, लिहाजा कोर्ट से इसी वजह से आरोपी को जमानत मिल गई. पुलिस रिमांड नहीं ले पाई. अनिल जोशी ने कहा अब लीक ऑडियो को बेस बनाकर पुलिस पुख्ता सबूतों के साथ केस को अपने अंजाम तक पहुंचाएगी.
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इस मामले को लेकर खेल मंत्री रेखा आर्य से भी बातचीत करने की कोशिश की गई, लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो पाया. हालांकि, इससे पहले रेखा आर्य इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बता चुकी है. उन्होंने भी आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की बात कही. साथ ही मामले में लोअर कोर्ट के द्वारा रिमांड नहीं मिलने के बाद सक्षम कोर्ट में इसके खिलाफ अपील करने की बात कही जा रही है.महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण से जुड़े इस मामले में तार कुछ दूसरे पदाधिकारियों तक भी पहुंच सकते हैं. ऐसे में पुलिस की पूरी जांच नरेंद्र शाह पर टिकी हुई है. अगर पुलिस आरोपी नरेंद्र शाह की घेराबंदी करने में कामयाब होती है तो दूसरे नामों का भी खुलासा हो सकता है.