ऋषिकेश: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में तीर्थाटन एवं पर्यटन को विकसित करने के लिए नगर निगम ने पूरी तरह से कमर कस ली है. वर्षों से लटके हुए संजय झील के निर्माण कार्य को लेकर निगम प्रशासन बेहद संजीदा नजर आ रहा है. इस बाबत आज नमामि गंगे की टीम संजय झील की कार्य योजना बनाने तीर्थ नगरी पहुंची और महापौर अनिता ममगाई और नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल के साथ संजय झील का स्थलीय निरीक्षण किया. साथ ही रंभा नदी के उद्गम स्थल का बेहद बारीकी के साथ अवलोकन किया.
महापौर ने बताया कि पिछले कई वर्षों से संजय झील का मामला सिर्फ फाइलों तक ही सिमटा हुआ रहा है. संजय झील उनके चुनावी घोषणा पत्र के 17वें बिंदु में शामिल रहा है. नगर निगम की कमान संभालने के पश्चात उनका संकल्प था कि संजय झील का बेहद खूबसूरती के साथ निर्माण कराकर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए. इसको लेकर उन्होंने हर आवश्यक कार्रवाई भी की. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर संजय झील के क्षेत्र को योग, ध्यान और अध्यात्म के रूप में विकसित कराया जाएगा, यहां जहां देश विदेश के पर्यटक बेहद शांत वातावरण में योग के साथ मेडिटेशन भी कर सकेंगे.
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महापौर ने बताया कि संजय झील के निर्माण कार्य के लिए नमामि गंगे की टीम द्वारा डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. फंड रीलिज होते ही संजय झील के सपने को साकार करने की कवायद शुरू कर दी जाएगी. नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने बताया विगत सप्ताह प्रधानमंत्री के वर्चुअल कार्यक्रम को लेकर तीर्थ नगरी पहुंचे राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन भारत सरकार के एडिशनल सेक्रेटरी ओपी शर्मा को संस्थान के महानिदेशक के लिए महापौर द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था.