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मसूरी पालिका की आपातकालीन बैठक, फैसले के खिलाफ जाएंगे हाई कोर्ट

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Published : Aug 20, 2019, 11:42 AM IST

Updated : Aug 20, 2019, 12:14 PM IST

पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि नगर पालिका की शगुन वेडिंग प्वाइंट की 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के केस को नगर पालिका अधिकारियों, पूर्व जनप्रतिनिधियों और अधिवक्ता के मिलीभगत के चलते हार गई है. उन्होंने बताया कि वेडिंग प्वाइंट में हुए घोटाले और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए प्रकरण की जांच कमिश्नर के माध्यम से कराई जा रही है.

मसूरी नगर पालिका परिषद ने शगुन वेडिंग प्वाइंट को लेकर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता की अध्यक्षता में बुलाई आपातकालीन बैठक.

मसूरी: नगर पालिका परिष्द ने शगुन वेडिंग प्वाइंट का केस हारने के बाद पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता की अध्यक्षता में आपातकालीन बैठक का आयोजन किया. जिसमें अपर जिला जज के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट दाखिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया. वहीं, नगर पालिका अध्यक्ष ने पालिका के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह पंवार को वाद में लापरवाही बरतने पर निष्कासित कर दिया है. साथ ही नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को मामले की आंतरिक जांच रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर पेश करने के आदेश दिए हैं.

पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि नगर पालिका की शगुन वेडिंग प्वाइंट की 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के केस को नगर पालिका अधिकारियों, पूर्व जनप्रतिनिधियों और अधिवक्ता के मिलीभगत के चलते हार गई है. उन्होंने बताया कि वेडिंग प्वाइंट में हुए घोटाले और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए प्रकरण की जांच कमिश्नर के माध्यम से कराई जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि शगुन वेडिंग प्वाइंट से संबधित पत्रवाली भी नगर पालिका के रिकार्ड रूम से गायब है. जिसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि शगुन वेडिंग प्वाइंट को लेकर बड़ा घोटाला हुआ है. साथ ही उन्होंने बताया कि पूर्व में नगर पालिका में कई भूमि घोटाले हुए हैं. जिसमें करोड़ों की बंदरबांट हुई है. जिसके चलते सभी मामलों की जांच की जा रही है, जल्द ही सभी मामलों का खुलासा किया जाएगा.

फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रूख करेगी नगर पालिका.

दस्तावेजों के अनुसार शगुन वेडिंग प्वाइंट की जमीन को डिस्को इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 25 अगस्त 2003 को मुर्तजा हुसैन से खरीदा गया था. जिसके बाद डिस्को इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नगर पालिका परिषद को शगुन वेडिंग प्वाइट की जमीन 30 मई 2005 को 10 साल के लिये लीज पर दी गई थी. जिसके बाद 2015 में पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल और अधिशासी अधिकारी स्व. डीएस राणा के द्वारा 2015 से 2018 तक की लीज को 11500 रुपये देय के तौर पर सलाना किया गया था.

ये भी पढ़े: उत्तरकाशी आपदा: सब कुछ गंवा चुके ग्रामीणों को सता रही रोजी-रोटी की चिंता

जिसके बाद नगर पालिका परिषद द्वारा डिस्को इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को समय से लीज का पैसा ना दिए जाना का केस कोर्ट में चल रहा था. मामले को लेकर कोर्ट ने नगर पालिका के खिलाफ फैसला सुनाते हुए शगुन वेडिंग प्वाइंट को खाली करने के निर्देश दिए हैं.

मसूरी: नगर पालिका परिष्द ने शगुन वेडिंग प्वाइंट का केस हारने के बाद पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता की अध्यक्षता में आपातकालीन बैठक का आयोजन किया. जिसमें अपर जिला जज के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट दाखिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया. वहीं, नगर पालिका अध्यक्ष ने पालिका के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह पंवार को वाद में लापरवाही बरतने पर निष्कासित कर दिया है. साथ ही नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को मामले की आंतरिक जांच रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर पेश करने के आदेश दिए हैं.

पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि नगर पालिका की शगुन वेडिंग प्वाइंट की 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के केस को नगर पालिका अधिकारियों, पूर्व जनप्रतिनिधियों और अधिवक्ता के मिलीभगत के चलते हार गई है. उन्होंने बताया कि वेडिंग प्वाइंट में हुए घोटाले और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए प्रकरण की जांच कमिश्नर के माध्यम से कराई जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि शगुन वेडिंग प्वाइंट से संबधित पत्रवाली भी नगर पालिका के रिकार्ड रूम से गायब है. जिसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि शगुन वेडिंग प्वाइंट को लेकर बड़ा घोटाला हुआ है. साथ ही उन्होंने बताया कि पूर्व में नगर पालिका में कई भूमि घोटाले हुए हैं. जिसमें करोड़ों की बंदरबांट हुई है. जिसके चलते सभी मामलों की जांच की जा रही है, जल्द ही सभी मामलों का खुलासा किया जाएगा.

फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रूख करेगी नगर पालिका.

दस्तावेजों के अनुसार शगुन वेडिंग प्वाइंट की जमीन को डिस्को इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 25 अगस्त 2003 को मुर्तजा हुसैन से खरीदा गया था. जिसके बाद डिस्को इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नगर पालिका परिषद को शगुन वेडिंग प्वाइट की जमीन 30 मई 2005 को 10 साल के लिये लीज पर दी गई थी. जिसके बाद 2015 में पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल और अधिशासी अधिकारी स्व. डीएस राणा के द्वारा 2015 से 2018 तक की लीज को 11500 रुपये देय के तौर पर सलाना किया गया था.

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जिसके बाद नगर पालिका परिषद द्वारा डिस्को इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को समय से लीज का पैसा ना दिए जाना का केस कोर्ट में चल रहा था. मामले को लेकर कोर्ट ने नगर पालिका के खिलाफ फैसला सुनाते हुए शगुन वेडिंग प्वाइंट को खाली करने के निर्देश दिए हैं.

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मसूरी नगर पालिका द्वारा शगुन बेटिंग प्वाइंट का केस हारने के बाद मसूरी नगर पालिका परिषद द्वारा पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता की अध्यक्षता में सोमवार को देर शाम आपातकालीन बैठक का आयोजन किया गया बैठक में मसूरी शगुन वेडिंग पॉइंट का केस हारने के विषय को रखा गया जिसमें पालिका की बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति अपर जिला जज के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट दाखिल करने के प्रस्ताव को पारित किया गया वही नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता द्वारा पालिका के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह पवार को पालिका के वादों में लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया


Body:सर इस खबर की स्क्रिप्ट मेल से भेजी गई है नेट ना चलने के कारण मौजों से खबर भेजने में दिक्कत हो रही है


Conclusion:
Last Updated : Aug 20, 2019, 12:14 PM IST
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