मसूरी: नाग देवता मंदिर पर नाग पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर नाग मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई. नाग देवता मंदिर में मसूरी और आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. नाग मंदिर पर स्थापित 500 साल पुरानी मूर्ति का दुग्धाभिषेक कर नाग देवता के दर्शन किए .
बताया जाता है कि यह नाग देवता का मंदिर करीब 500 साल पुराना है. इसकी मान्यता है कि मसूरी के भट्टे गांव में एक गाय थी जो अक्सर सुबह इस जगह पर (जहां इस वक्त नाग मंदिर स्थापित है) आती थी और एक पत्थर को अपना दूध चढ़ाती थी. जब गांव वालों ने गाय के दूध के बारे पता लगाया तो मालूम हुआ कि यह गाय एक पत्थर को अपना दूध चढ़ाती है. गांव वालों ने पत्थर को हटाया तो वहां पर नाग देवता की पिंडलियां थी और साक्षात नाग देवता विराजमान थे.
तब से इस जगह को सिद्ध पीठ के रूप में माना जाना लगा. वर्तमान में मंदिर ने विशाल रूप ले लिया है. श्रद्धालु नाग पंचमी के दिन मसूरी और आसपास के शहरों, गांवों से बड़ी संख्या में नाग देवता के दर्शन करने के लिए आते हैं.
मसूरी के नाग देवता मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगा रहा. भक्तों ने नाग देवता के दर्शन कर उस पर दूध चढ़ाकर पूजा-अर्चना की.
ग्रामीण राकेश रावत ने बताया कि उनके कुल देवता नाग हैं. ऐसे में प्राचीन काल का यह मंदिर उनके लिए अनोखा है. बताया कि जो कोई भक्त इस मंदिर से सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मुराद अवश्य ही पूरी होती है. इस क्षेत्र के कई गांवों के कुल देवता नाग हैं. जब भी गांव में कोई परेशानी या किसी प्रकार का विवाद हो जाता है, तो वे नाग देवता की शरण में आते हैं. नाग देवता स्वयं न्याय करते हैं.