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मसूरी के नाग मंदिर में धूमधाम के साथ मनाया गया नाग पंचमी पर्व - Worship in Nag Devta Temple

नाग पंचमी के मौके पर मसूरी में 500 साल पुराने नाग देवता मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. श्रद्धालुओं ने अपने कुल देवता की मूर्ति पर सुबह से ही दुग्धाभिषेक किया.

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मसूरी
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Published : Aug 2, 2022, 1:54 PM IST

मसूरी: 500 साल से भी ज्यादा पुराने नाग मंदिर में नाग पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. इस अवसर पर मसूरी और आसपास के क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु नाग मंदिर पहुंचे. नाग मंदिर पर स्थापित 500 साल से भी ज्यादा पुरानी मूर्ति का दुग्धाभिषेक किया और नाग देवता के दर्शन किए. इस मौके पर नाग मंदिर समिति द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा का समापन किया गया.

नागपंचमी के दिन नाग देवता के मंदिर में मसूरी और आसपास के शहरों, गांवों के लोग बड़ी संख्या पहुंचे और नाग देवता के दर्शन किए. इस दौरान श्रद्धालुओं ने मनौती भी मांगी. इस मौके पर मंदिर समिति द्वारा विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया. ग्रामीणों का कहान है कि उनके कुल देवता नाग हैं. जो कोई भक्त इस मंदिर से सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मुराद अवश्य ही पूरी होती है.
पढ़ें- मसूरी के 500 साल पुराने नाग मंदिर में महारुद्र यज्ञ का आयोजन, निकाली गई कलश यात्रा

नाम मंदिर की मान्यता: यह मंदिर करीब 500 साल पुराना बताया जाता है. कहा जाता है कि वर्षों पहले गाय चरकर शाम के समय अपने गौशाला में पहुंचती थी, तो उसके थनों में दूध नहीं पाया जाता था. क्योंकि वह अपना दूध पत्थर पर छोड़ कर आ जाती थी. जिसे नाग देवता पी जाते थे. गाय के मालिक ने चुपके से गाय को पत्थर पर दूध छोड़ते देखा और देखा कि उस दूध को एक नाग पी रहे थे. तभी से इस स्थान पर नाग मंदिर की स्थापना की गई. जिसके बाद क्यार कुली भट्टा गांव के लोग नाग देवता को कुलदेवता मानने लगे.

मसूरी: 500 साल से भी ज्यादा पुराने नाग मंदिर में नाग पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. इस अवसर पर मसूरी और आसपास के क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु नाग मंदिर पहुंचे. नाग मंदिर पर स्थापित 500 साल से भी ज्यादा पुरानी मूर्ति का दुग्धाभिषेक किया और नाग देवता के दर्शन किए. इस मौके पर नाग मंदिर समिति द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा का समापन किया गया.

नागपंचमी के दिन नाग देवता के मंदिर में मसूरी और आसपास के शहरों, गांवों के लोग बड़ी संख्या पहुंचे और नाग देवता के दर्शन किए. इस दौरान श्रद्धालुओं ने मनौती भी मांगी. इस मौके पर मंदिर समिति द्वारा विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया. ग्रामीणों का कहान है कि उनके कुल देवता नाग हैं. जो कोई भक्त इस मंदिर से सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मुराद अवश्य ही पूरी होती है.
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नाम मंदिर की मान्यता: यह मंदिर करीब 500 साल पुराना बताया जाता है. कहा जाता है कि वर्षों पहले गाय चरकर शाम के समय अपने गौशाला में पहुंचती थी, तो उसके थनों में दूध नहीं पाया जाता था. क्योंकि वह अपना दूध पत्थर पर छोड़ कर आ जाती थी. जिसे नाग देवता पी जाते थे. गाय के मालिक ने चुपके से गाय को पत्थर पर दूध छोड़ते देखा और देखा कि उस दूध को एक नाग पी रहे थे. तभी से इस स्थान पर नाग मंदिर की स्थापना की गई. जिसके बाद क्यार कुली भट्टा गांव के लोग नाग देवता को कुलदेवता मानने लगे.

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