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सशस्त्र सेना ध्वज दिवस पर नड्डा और त्रिवेंद्र ने सैनिकों का जताया आभार

आज सशस्त्र सेना ध्वज दिवस है. किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत सैनिक होते हैं. इन वीर जांबाज सैनिकों की वीरता और शहीदों के बलिदान को बीजपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने नमन किया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी कहा कि हम इस अवसर पर सशस्त्र बलों के परिजनों के कल्याणार्थ योगदान करने की शपथ लें.

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Published : Dec 7, 2020, 12:19 PM IST

jp nadda and trivendra singh rawat
जेपी नड्डा और त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून: 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' के मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सेना के वीरों और शहीदों को नमन किया है.

  • On the occasion of Armed Forces Flag Day, I express my gratitude to the member of the Armed Forces & their families for their courage and sacrifice for the nation. Let's take pledge to contribute towards the welfare of families of the brave personnel.

    — Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) December 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड के चार दिवसीय दौरे पर देहरादून में मौजूद BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया- 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' के मौके पर मैं सशस्त्र सेना के जवानों और उनके परिवारों के राष्ट्र के प्रति साहस और बलिदान का अभिनंदन करता हूं. आइए हमारे सशस्त्र बलों के परिवारों के कल्याण में योगदान करने के लिए कृतसंकल्प हों.

  • 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को नमन करने और उनके कल्याण के लिए दान करने का पावन दिन है।

    आइये, हम इस अवसर पर सशस्त्र बलों के परिजनों के कल्याणार्थ योगदान करने की शपथ लें। जय हिंद|🇮🇳

    #ArmedForcesFlagDay pic.twitter.com/IN7sg5oIhu

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) December 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट किया- 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को नमन करने और उनके कल्याण के लिए योगदान करने का पावन दिन है. आइये, हम इस अवसर पर सशस्त्र बलों के परिजनों के कल्याणार्थ योगदान करने की शपथ लें जय हिंद'.

सन् 1949 से हर वर्ष सात दिसंबर को देशभर में सशस्त्र सेना ध्वज दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य वर्दी धारियों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है, जो अनगिनत मौकों पर देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान खतरे में डालते हैं.

सशस्त्र सेना ध्वज दिवस का इतिहास भारत के रक्षा मंत्रालय के तहत 28 अगस्त, 1949 को एक समिति का गठन किया गया था. सात दिसंबर को एक वार्षिक ध्वज दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था. इसका उद्देश्य छोटी मोटी वस्तुएं वितरित कर धन एकत्रित करना था.ध्वज दिवस का महत्व

ध्वज दिवस मनाने के तीन महत्वपूर्ण उद्देश्य

⦁ सेवारत कर्मियों और उनके परिवारों का कल्याण

⦁ पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का पुनर्वास और कल्याण

⦁ युद्ध के हताहतों के पुनर्वास, सशस्त्र सेना ध्वज दिवस कोष में योगदान के लिए आम जनता से अपील

देहरादून: 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' के मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सेना के वीरों और शहीदों को नमन किया है.

  • On the occasion of Armed Forces Flag Day, I express my gratitude to the member of the Armed Forces & their families for their courage and sacrifice for the nation. Let's take pledge to contribute towards the welfare of families of the brave personnel.

    — Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) December 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड के चार दिवसीय दौरे पर देहरादून में मौजूद BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया- 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' के मौके पर मैं सशस्त्र सेना के जवानों और उनके परिवारों के राष्ट्र के प्रति साहस और बलिदान का अभिनंदन करता हूं. आइए हमारे सशस्त्र बलों के परिवारों के कल्याण में योगदान करने के लिए कृतसंकल्प हों.

  • 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को नमन करने और उनके कल्याण के लिए दान करने का पावन दिन है।

    आइये, हम इस अवसर पर सशस्त्र बलों के परिजनों के कल्याणार्थ योगदान करने की शपथ लें। जय हिंद|🇮🇳

    #ArmedForcesFlagDay pic.twitter.com/IN7sg5oIhu

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) December 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट किया- 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को नमन करने और उनके कल्याण के लिए योगदान करने का पावन दिन है. आइये, हम इस अवसर पर सशस्त्र बलों के परिजनों के कल्याणार्थ योगदान करने की शपथ लें जय हिंद'.

सन् 1949 से हर वर्ष सात दिसंबर को देशभर में सशस्त्र सेना ध्वज दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य वर्दी धारियों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है, जो अनगिनत मौकों पर देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान खतरे में डालते हैं.

सशस्त्र सेना ध्वज दिवस का इतिहास भारत के रक्षा मंत्रालय के तहत 28 अगस्त, 1949 को एक समिति का गठन किया गया था. सात दिसंबर को एक वार्षिक ध्वज दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था. इसका उद्देश्य छोटी मोटी वस्तुएं वितरित कर धन एकत्रित करना था.ध्वज दिवस का महत्व

ध्वज दिवस मनाने के तीन महत्वपूर्ण उद्देश्य

⦁ सेवारत कर्मियों और उनके परिवारों का कल्याण

⦁ पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का पुनर्वास और कल्याण

⦁ युद्ध के हताहतों के पुनर्वास, सशस्त्र सेना ध्वज दिवस कोष में योगदान के लिए आम जनता से अपील

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