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शीशमबाड़ा में कूड़ा निस्तारण के लिए कंपनी का चयन, NACOF को मिला टेंडर

देहरादून के शीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं रीसाइक्लिंग प्लांट से कूड़ा निस्तारण के लिए NACOF को चयनित कर लिया गया है. यह कंपनी 888 रुपए प्रति टन के हिसाब से कूड़ा निस्तारित करेगी. जबकि, पहले रैमकी कंपनी को कूड़े की मात्रा के आधार पर 1194 रुपए प्रति टन के हिसाब से भुगतान होता था.

NACOF
शीशमबाड़ा में कूड़ा निस्तारण के लिए कंपनी का चयन
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Published : Nov 11, 2022, 5:44 PM IST

Updated : Nov 11, 2022, 6:10 PM IST

देहरादून: शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं रीसाइक्लिंग प्लांट (Solid Waste Management & Recycling Plant) में नई कंपनी 888 रुपए प्रति टन के हिसाब से कूड़ा निस्तारित करेगी. फाइनेंशियल बीड के बाद कम रेट के आधार पर भोपाल की नेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मर पर प्रोक्योरमेंट प्रोसेसिंग एंड रिटेलिंग कोऑपरेटिव ऑफ इंडिया लिमिटेड (NACOF) कंपनी का चयन किया गया है. बता दें कि सितंबर में टेंडर खुले तो दो कंपनियां सामने आई, लेकिन कंपनी के पास अनुभव नहीं होने के कारण टेंडर रद्द कर दिए गए थे.

इस बार पांच कंपनियां प्लांट संचालन के लिए आगे आई, लेकिन कागज पूरा न करने के कारण तीन कंपनी बाहर हो गई और भोपाल की कंपनी को टेंडर मिल गया. नगर आयुक्त ने बताया कि भोपाल की कंपनी को टेंडर मिला है. यह कंपनी 15 दिन तक पुरानी कंपनी रैमकी के साथ काम करेगी और उसके बाद पूरा काम सौंप दिया जाएगा.

NACOF को मिला टेंडर

देहरादून नगर निगम (Dehradun Municipal Corporation) के शीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइकलिंग प्लांट का जिम्मा 2018 से अभी तक रैमकी कंपनी संभाल रही थी, लेकिन कूड़ा निस्तारण का काम ठीक से ना होने और कंपनी की ओर से प्लांट संचालन के लिए हाथ खड़े कर देने के बाद नगर निगम ने रैमकी का अनुबंध खत्म (Ramky contract ends) कर प्लांट संचालन के लिए नए टेंडर डाले थे. टेंडर में तीन कंपनियों ने भाग लिया था, जिसमें से एक कंपनी टेक्निकल बिड में बाहर हो गई थी.
ये भी पढ़ें: चिंताजनकः पहाड़ों की तरफ बढ़ रहा दिल्ली का जहर, 3 गुना विषैली हुई हवा

इसके बाद दो कंपनियों का अनुभव को नगर निगम की टीम ने जांचा था, लेकिन कंपनी के बाहर हो जाने के कारण टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया था. जिसके बाद दोबारा से टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई. इस बार पांच कंपनियां प्लांट संचालन के लिए आगे आई, लेकिन कागज पूरा न होने के कारण 3 कंपनी बाहर हो गई. इसके बाद मुंबई की एक्सेल और भोपाल की एनएसीओएफ ही दौड़ने बची थी.

टेंडर फाइनल होने के बाद नगर निगम ने दोनों कंपनियों का फिजिकल वेरिफिकेशन करवाया तो फाइनेंशियल बिड खोली गई और एक्सेल ने 1294 रुपए प्रति टन के हिसाब से प्रोसेसिंग के लिए डाले थे, जबकि एनएसीओएफ का प्रोसेसिंग रेट 888 रुपये प्रति टन था. ऐसे में प्लांट के संचालन के लिए एनएसीओएफ का चयन किया गया.

नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कहा कि नई कंपनी को अब कूड़ा निस्तारण का ही भुगतान होगा, जितना कूड़ा निस्तारित होगा उसके हिसाब से प्रति टन 888 रुपए दिए जाएंगे. जबकि पहले रैमकी कंपनी को कूड़े की मात्रा के आधार पर 1194 रुपए प्रति टन के हिसाब से भुगतान होता था. नगर निगम ने शहर के 49 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए भी टेंडर निकाले हैं. इसके लिए तीन कंपनियां सामने आई है. नगर निगम ने कंपनियों के दस्तावेज की जांच की, लेकिन जांच पूरी नहीं हुई है. कूड़ा उठाने के लिए जल्दी नई कंपनी का चयन कर लिया जाएगा.

देहरादून: शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं रीसाइक्लिंग प्लांट (Solid Waste Management & Recycling Plant) में नई कंपनी 888 रुपए प्रति टन के हिसाब से कूड़ा निस्तारित करेगी. फाइनेंशियल बीड के बाद कम रेट के आधार पर भोपाल की नेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मर पर प्रोक्योरमेंट प्रोसेसिंग एंड रिटेलिंग कोऑपरेटिव ऑफ इंडिया लिमिटेड (NACOF) कंपनी का चयन किया गया है. बता दें कि सितंबर में टेंडर खुले तो दो कंपनियां सामने आई, लेकिन कंपनी के पास अनुभव नहीं होने के कारण टेंडर रद्द कर दिए गए थे.

इस बार पांच कंपनियां प्लांट संचालन के लिए आगे आई, लेकिन कागज पूरा न करने के कारण तीन कंपनी बाहर हो गई और भोपाल की कंपनी को टेंडर मिल गया. नगर आयुक्त ने बताया कि भोपाल की कंपनी को टेंडर मिला है. यह कंपनी 15 दिन तक पुरानी कंपनी रैमकी के साथ काम करेगी और उसके बाद पूरा काम सौंप दिया जाएगा.

NACOF को मिला टेंडर

देहरादून नगर निगम (Dehradun Municipal Corporation) के शीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइकलिंग प्लांट का जिम्मा 2018 से अभी तक रैमकी कंपनी संभाल रही थी, लेकिन कूड़ा निस्तारण का काम ठीक से ना होने और कंपनी की ओर से प्लांट संचालन के लिए हाथ खड़े कर देने के बाद नगर निगम ने रैमकी का अनुबंध खत्म (Ramky contract ends) कर प्लांट संचालन के लिए नए टेंडर डाले थे. टेंडर में तीन कंपनियों ने भाग लिया था, जिसमें से एक कंपनी टेक्निकल बिड में बाहर हो गई थी.
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इसके बाद दो कंपनियों का अनुभव को नगर निगम की टीम ने जांचा था, लेकिन कंपनी के बाहर हो जाने के कारण टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया था. जिसके बाद दोबारा से टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई. इस बार पांच कंपनियां प्लांट संचालन के लिए आगे आई, लेकिन कागज पूरा न होने के कारण 3 कंपनी बाहर हो गई. इसके बाद मुंबई की एक्सेल और भोपाल की एनएसीओएफ ही दौड़ने बची थी.

टेंडर फाइनल होने के बाद नगर निगम ने दोनों कंपनियों का फिजिकल वेरिफिकेशन करवाया तो फाइनेंशियल बिड खोली गई और एक्सेल ने 1294 रुपए प्रति टन के हिसाब से प्रोसेसिंग के लिए डाले थे, जबकि एनएसीओएफ का प्रोसेसिंग रेट 888 रुपये प्रति टन था. ऐसे में प्लांट के संचालन के लिए एनएसीओएफ का चयन किया गया.

नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कहा कि नई कंपनी को अब कूड़ा निस्तारण का ही भुगतान होगा, जितना कूड़ा निस्तारित होगा उसके हिसाब से प्रति टन 888 रुपए दिए जाएंगे. जबकि पहले रैमकी कंपनी को कूड़े की मात्रा के आधार पर 1194 रुपए प्रति टन के हिसाब से भुगतान होता था. नगर निगम ने शहर के 49 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए भी टेंडर निकाले हैं. इसके लिए तीन कंपनियां सामने आई है. नगर निगम ने कंपनियों के दस्तावेज की जांच की, लेकिन जांच पूरी नहीं हुई है. कूड़ा उठाने के लिए जल्दी नई कंपनी का चयन कर लिया जाएगा.

Last Updated : Nov 11, 2022, 6:10 PM IST
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