देहरादून: आज दो अक्टूबर को एक तरफ जहां पूरा देश अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती मना रहा है, तो वहीं उत्तराखंड में दो अक्टूबर को काले अध्याय के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन यूपी की तत्कालीन सरकार ने पृथक उत्तराखंड राज्य आंदोलन को कुचलने के लिए ऐसा हिंसक तरीका अपनाया था, जिसने ब्रिटिश काल की याद ताजा करा दी थी. यूपी पुलिस ने निहत्थे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों पर मुजफ्फनगर के रामपुर तिराहे पर गोलियां बरसाई थी. पुलिस की गोलियों से 6 राज्य आंदोलनकारी शहीद हो गए थे. वहीं कई महिलाओं के साथ रेप तक किया गया था. आज आपको मुजफ्फनगर रामपुर तिराहा कांड की पूरी कहानी के बारे में बताते हैं, कैसे उस गोलीकांड के जख्म आज तक नहीं भर पाए हैं.
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मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज शहीद स्थल, रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में राज्य आन्दोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/O80LturPz3
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) October 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज शहीद स्थल, रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में राज्य आन्दोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/O80LturPz3
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) October 2, 2023मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज शहीद स्थल, रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में राज्य आन्दोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/O80LturPz3
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1994 की वो काली रात: दरअसल, 1994 तक आते-आते पृथक उत्तराखंड राज्य आंदोलन की मांग तेज होने लगी थी. एक अक्टूबर की रात को बड़ी संख्या में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी बसों में भरकर देहरादून से दिल्ली की तरफ कूच करने लगे थे, ताकी दिल्ली में वो अपनी मांगों को पूरजोर तरीके से उठा सकें. लेकिन तत्कालीन यूपी सरकार के मुखिया मुलायम सिंह यादव नहीं चाहते थे कि उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारी दिल्ली जाएं. हालांकि जब यूपी पुलिस उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को देहरादून और हरिद्वार में रोकने में नाकाम रही, तो उन्होंने आंदोलनकारियों को रोकने के लिए मुजफ्फनगर जिले में बर्बर तरीका अपनाया.
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#WATCH | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, "On the Rampur Tiraha incident anniversary, I pay homage and salute to all those who lost their lives..." pic.twitter.com/BPg5EfNutA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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राज्य आंदोलनकारियों को मुजफ्फरनगर में रोका गया था: बताया जाता है कि कोदा-झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे के नारे का साथ एक अक्टूबर की रात को करीब 24 बसों में सवार उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर रोका गया. लेकिन उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हुए थे.
दिल्ली जाने की जिद पर अड़े थे राज्य आंदोलनकारी: कहा जाता है कि इस दौरान पुलिस और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के बीच अच्छी-खासी कहासुनी भी हुई. एक तरफ जहां पुलिस जहां उन्हें आगे बढ़ने देना नहीं चाहती थी, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी दिल्ली जाने की हठ लगाए हुए बैठे थे. ऐसे में दोनों के बीच तकरार बढ़ती गयी. दो अक्टूबर के तड़के करीब तीन बजे के आसपास माहौल पूरी तरह के तनावपूर्ण हो गया.
6 लोगों की गई थी जान: आखिर में पुलिस ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया. आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने फायरिंग भी की, जिसमें 6 राज्य आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी. आरोप है कि इस दौरान कई महिलाओं के साथ रेप भी किया गया था. इस घटना को आज 29 साल हो चुके हैं, लेकिन अभीतक रामपुर तिराहा कांड के आरोपियों को सजा नहीं मिली है. आज भी रामपुर तिराहा कांड के पीड़ित इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं.
कई पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज: रामपुर तिराहा कांड में दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर रेप, हत्या, छेड़छाड़ और डकैती जैसे कई मामले दर्ज हैं. फायरिंग मामले में साल 2003 में तत्कालीन डीएम को भी नामजद किया गया था. बता दें कि 29 साल पुराने इस मामले की सुनवाई अब फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है. इस केस से जुड़े चार मुकदमों के ट्रायल के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक को अधिकृत किया गया है. पैरवी के लिए दो अधिवक्ताओं की कमेटी बनाई गई है. बीते दिनों ही सीबीआई ने रेप पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज कराए थे.
सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि: वहीं, आज रामपुर तिराहा कांड की बरसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को याद किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वे उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि और सलाम करते हैं, जिन्होंने उत्तराखंड के लिए अपनी जान गंवाई थी.