मसूरीः शिफन कोर्ट से हटाए लोगों के पुनर्वास का मुद्दा लगातार तूल पकड़ रहा है. यह मुद्दा विधानसभा के मॉनसून सत्र में भी गूंजा. नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सदन में शिफन कोर्ट का मामला जोर-शोर से उठाया और संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत से नाराजगी व्यक्त की. साथ ही शिफन कोर्ट प्रभावित 84 परिवारों के पुनर्वास करने की मांग की. उधर, शिफन कोर्ट विस्थापन समिति ने आगामी 2 सितंबर को शहीद दिवस के मौके पर मसूरी आने वाले बीजेपी नेताओं को काले झंडे दिखाने का ऐलान किया है.
बता दें कि साल 2020 में मसूरी पुरूकुल रोपवे परियोजना के चलते शिफन कोर्ट क्षेत्र में सालों से रह रहे 84 परिवारों को हटा दिया था. तब से ही ये लोग बेघर हैं. वहीं, मसूरी शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने प्रेस वार्ता कर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की ओर से विधानसभा सत्र में शिफन कोर्ट का मामला प्रमुखता से उठाने पर आभार जताया है.
उन्होंने कहा कि शिफन कोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर अनुसूचित जाति संघर्ष समिति ने तय किया है कि 2 सितंबर यानी मसूरी गोलीकांड दिवस के मौके पर जो भी बीजेपी नेता शहीदों को श्रद्धांजलि देने मसूरी आएंगे, उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे.
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गौरव अग्रवाल ने कहा कि वो शिफन कोर्ट के लोगों का साथ खड़े हैं और जब तक उनका पुनर्वास नहीं हो जाता. वो उनकी लड़ाई को लड़ते रहेंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री धामी का भी आभार जताया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से उनके पास फोन आया था.
जिसमें शिफन कोर्ट के मामले को लेकर उनसे विस्तृत जानकारी ली गई. ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मामले में सकारात्मक कार्रवाई करेंगे. उधर, समिति के संयोजक प्रदीप भंडारी ने बताया कि मंत्री व नेताओं को काले झंडे दिखाने के आह्वान को लगातार सहयोग मिल रहा है.