मसूरी: शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को विस्थापित करने को लेकर एसडीएम ने मसूरी नगर पालिका परिषद, हंस फाउंडेशन के अधिकारियों और मसूरी भाजपा मंडल के साथ संयुक्त बैठक की. इस दौरान उन्होंने 3 अप्रैल तक 84 बेघर परिवारों के आवास के लिए जगह चिन्हित करने और हंस फाउंडेशन के साथ एमओयू साइन करने के निर्देश दिए.
एसडीएम मसूरी नंदन कुमार की अध्यक्षता में शिफन कोर्ट को लेकर बैठक आयोजित की गई. जिसमें एसडीएम ने मसूरी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को शिफन कोर्ट के बेघरों के लिए आवास के लिए 3 अप्रैल तक जमीन चिन्हित करने के बाद बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास करने को कहा. साथ ही इसके बाद हंस फाउंडेशन के साथ एमओयू हस्ताक्षर करने के निर्देश दिए.
एसडीएम ने कहा इस कार्य में किसी प्रकार की कोई कोताही न बरती जाए. अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने कहा 23 मार्च को मसूरी नगर पालिका की बोर्ड बैठक आयोजित की गई है. जिसमें मसूरी में शिफन कोर्ट के लोगों को दी जाने वाली जमीन के बारे में प्रस्ताव रखा जाएगा. प्रस्ताव बोर्ड में पास होने के बाद हंस फाउंडेशन से एमओयू साइन किया जाएगा.
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मसूरी भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने कहा शिफन कोर्ट के 84 बेघर परिवारों के लिए आवास बनाने को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला से 5 करोड़ 32 लाख रुपए स्वीकृत कराई थी. जिसके बाद इन बेघरों ने हंस कॉलोनी बनाने का प्रोजेक्ट स्वीकृत कराकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भूमि पूजन कराया गया था, लेकिन नगर पालिका परिषद ने जिस जमीन पर भूमि पूजन कराया है, उसके कागजात हंस फाउंडेशन को आज तक उपलब्ध नहीं कराए गए और न ही एमओयू साइन किया गया है. जिसको लेकर हंस कॉलोनी के निर्माण में देरी हो रही है. पेटवाल ने कहा जो बैठक एसडीएम के नेतृत्व में आज बैठक हुई है, अगर एक साल पहले कर ली जाती तो शायद आज हंस कॉलोनी बनकर तैयार हो जाती.
हंस फाउंडेशन के अधिकारी सीपी भंडारी ने कहा माता मंगला ने 5 करोड़ 32 लाख रुपए की लागत से शिफन कोर्ट के बेघरों के लिए हंस कॉलोनी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जैसे ही नगरपलिका उनको जमीन उपलब्ध कराएगा, उसी दिन से आवास निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
वहीं, मसूरी शिफन कोर्ट आवासहीन समिति के संरक्षक प्रदीप भंडारी ने कहा कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता शिफन कोर्ट के लोगों के साथ खेलने का काम कर रहे हैं. जब जमीन उपलब्ध नहीं थी तो, मंत्री ने मुख्यमंत्री से कैसे भूमि पूजन करा दिया. ऐसे में साफ है कि गणेश जोशी और पालिका अध्यक्ष दोनों ही शिफन कोर्ट के लोगों को धोखा दे रहे हैं. उन्होंने कहा 13 मार्च को गैरसैंण में आयोजित होने वाले विधानसभा सत्र का शिफन कोर्ट के लोग घेराव करेंगे और अपनी मांग को पुरजोर तरीके से उठाएंगे.