मसूरीः मसूरी शहर में भारी बारिश के बीच गगोली बैंड के आसपास भूस्खलन और रोड बंद होने की संभावना बढ़ गई है. जिसके बाद मसूरी एसडीएम मनीष कुमार ने देहरादून से मसूरी आने वाले और मसूरी से देहरादून जाने वाले यात्रियों से सफर शुरू करने से पहले मसूरी-देहरादून मार्ग की स्थिति जानने की अपील की है.
मसूरी में पिछले 2 हफ्तों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है. वहीं, कई जगह भूस्खलन से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं. देहरादून-मसूरी मार्ग पर कई जगहों पर मलबा और बोल्डर आने से बार-बार बंद हो रहा है. इसी के तहत मसूरी एसडीएम ने लोगों से मसूरी आने से पहले मसूरी के मार्गों की जानकारी लेने की अपील की है. वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक मसूरी में बीते 24 घंटे में 70 मिमी बारिश हुई है.
पहाड़ों की रानी मसूरी में मॉनसून की बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है. भारी बारिश के कारण जगह-जगह लैंडस्लाइड जोन बन गए हैं. पहाड़ से गिरता जानलेवा मलबा और बोल्डर ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है. इसके अलावा मसूरी-देहरादून मार्ग पर गलोगी बैंड यात्रियों के लिए नासूर बन गया है. गलोगी बैंड के समीप पहाड़ी से लगातार मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे कि दुर्घटना का भय बना हुआ है. हालांकि, लोनिवि द्वारा मार्ग को सुचारू रखने के लिए दो जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं. बावजूद इसके मसूरी-दून मार्ग पर रोज 3 से 4 किलोमीटर का लंबा जाम लग रहा है.
देहरादून-मसूरी रूट पर डेंजर जोन: देहरादून-मसूरी रूट पर गगोली बैंड डेंजर जोन में आता है. दरअसल, मसूरी में वॉल्वो बस चढ़ाने के लिए जिन 30 बैंड और अंधे मोड़ों को चौड़ा करने के लिए ब्लास्टिंग किया गया था, भूस्खलन उन्हीं की देन है.
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उत्तराखंड में दो दिन का यलो अलर्ट जारी: उत्तराखंड मौसम विभाग ने प्रदेश में दो दिनों (29 और 30 अगस्त) का यलो अलर्ट जारी किया है. देहरादून मौसम विभाग केंद्र ने अगले दो दिनों के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है.
मौसम विभाग ने बारिश के दौरान लोगों को कम ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी है. वहीं पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के कारण भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है. इसीलिए लोगों को पहाड़ी इलाकों में सफर नहीं करने की अपील भी की है.
बता दें कि बीते तीन दिनों से उत्तराखंड में बारिश ने कहर बरपा रखा है. राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालत हो गए हैं. नदी और नाले के उफान पर आने से कई गांवों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर भी बढ़ गया है. हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है.
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28 अगस्त को सबसे ज्यादा बारिश उधमसिंह नगर में 65 मिमी रिकॉर्ड की गई थी, जो सामान्य से 367 प्रतिशत ज्यादा थी. इसके बाद पिथौरागढ़ जिले में 41.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, जो सामान्य से 195 प्रतिशत ज्यादा था. पिथौरागढ़ में सामान्य बारिश 14 मिमी होनी चाहिए.
वहीं पौड़ी गढ़वाल में भी शुक्रवार को 34.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 213 प्रतिशत ज्यादा था. इसके अलावा हरिद्वार में भी 32.1 मिमी बारिश दर्ज की है. वही राजधानी देहरादून की बात करें तो यहां पर शुक्रवार को 24 मिली बारिश रिकॉर्ड की गई है.
वहीं, अगर बीते एक हफ्ते (19 से 25 अगस्त) की बात करें तो प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश पिथौरागढ़ जिले में 121.3 मिमी दर्ज की गई है, जो सामान्य से छह प्रतिशत ज्यादा है. सामान्य बारिश 110.8 मिमी है. इसके बाद राजधानी देहरादून में एक हफ्ते के अंदर 121.0 मिमी बारिश दर्ज की है, जो सामान्य से 6 प्रतिशत ज्यादा था. यहां सामान्य बारिश 114.2 दर्ज होनी चाहिए.