मसूरी: चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज में पुलिस चौकी खोले जाने का इनदिनों जबरदस्त विरोध हो रहा है. ये दूसरा मौका है जब यहां पुलिस चौकी खोली गई है, लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. दरअसल, इस मामले में जमीन के साथ अदालती पेंच जुड़ा है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि चांडाल गढ़ी में पुलिस चौकी खोलने की अनुमति साल 2011 में ही ले ली गई थी. लेकिन, भूमि विवाद को लेकर चौकी स्थायी रूप से स्थापित नहीं की गई. संपत्ति को लेकर पुलिस और देहरादून निवासी अनुपमा प्रकाश के बीच न्यायालय में विवाद चल रहा है. इस केस को लेकर पहले देहरादून जूनियर डिवीजन सिविल जज ने पुलिस के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ अनुपमा प्रकाश हाई कोर्ट पहुंची थीं.
हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुये 6 महीने के अंदर सीनियर डिवीजन सिविल जज से मामले का निस्तारण करने को कहा था. इस बीच किसी भी पक्ष द्वारा जमीन पर किसी प्रकार का हस्तक्षेप न करने के निर्देश दिये गए थे.
हाई कोर्ट के निर्देशानुसार देहरादून सीनियर डिवीजन सिविल कोर्ट ने मामले पर सुनवाई की और 2 अप्रैल को पुलिस विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया. फैसला आने पर विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद चांडाल गढ़ी के दून व्यू कॉटेज के कुछ कमरों को कब्जे में लेकर वहां पर चौकी स्थापित कर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गये हैं.
मामले की सूचना मिलते ही उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर मसूरी पहुंचे. उनका कहना है कि पुलिस विवादित भूमि पर बेवजह कब्जा कर गरीब लोगों को परेशान कर रही है जिसका विरोध किया जाएगा.
बता दें कि कॉटेज के दो केयर टेकर हैं. अनिल सिंह को अनुपमा प्रकाश द्वारा रखा गया है, जबकि देवेश्वरी देवी का कहना है कि उन्हें टिहरी के पूर्व राजा मानवेंद्र सिंह ने कॉटेज में चौकीदारी के लिए 40 साल पहले रखा था, तभी से वो अपने परिवार के साथ रहकर कॉटेज की देखभाल कर रही हैं. उनके मुताबिक पुलिस ने कुछ कमरों में पूर्व में भी चौकी खोली थी. उस दौरान पुलिसकर्मी द्वारा एक युवती के साथ अभद्रता की गई थी. इसकी शिकायत डीजी उत्तराखंड और एसएसपी देहरादून को भी की गई थी. अब इसी मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस से मांग की गई है कि चांडाल गढ़ी में चौकी न खोली जाए.
वहीं, मसूरी सीओ एएस रावत ने फोन पर जानकारी दी है कि चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज उत्तराखंड पुलिस की संपत्ति है. लेकिन देहरादून निवासी अनुपमा प्रकाश भी अपने आप को उस संपत्ति की मालकिन बताती हैं. ऐसे में मामला न्यायालय में चल रहा था, जिसकी देहरादून सीनियर डिवीजन सिविल कोर्ट ने 2 अप्रैल को सुनवाई के दौरान पुलिस के पक्ष में फैसला दिया है. इसके बाद पूर्व में स्थापित चांडाल गढ़ी पुलिस चौकी को एक बार फिर स्थापित कर कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज उत्तराखंड पुलिस की संपत्ति है जिसके पुख्ता प्रमाण पुलिस के पास मौजूद हैं.