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मसूरी चांडाल गढ़ी में पुलिस चौकी खुलने का जबरदस्त विरोध, जमीनी विवाद का है मामला - mussoorie people protest against chandal gadi police chauki

मसूरी में पुलिस चौकी खोले जाने का लोगों का विरोध. चांडाल गढ़ी पुलिस चौकी हटाने के लिए लोगों ने पुलिस से की अपील.

चांडाल गढ़ी में खुली पुलिस चौकी
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Published : Apr 18, 2019, 9:19 PM IST

मसूरी: चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज में पुलिस चौकी खोले जाने का इनदिनों जबरदस्त विरोध हो रहा है. ये दूसरा मौका है जब यहां पुलिस चौकी खोली गई है, लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. दरअसल, इस मामले में जमीन के साथ अदालती पेंच जुड़ा है.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि चांडाल गढ़ी में पुलिस चौकी खोलने की अनुमति साल 2011 में ही ले ली गई थी. लेकिन, भूमि विवाद को लेकर चौकी स्थायी रूप से स्थापित नहीं की गई. संपत्ति को लेकर पुलिस और देहरादून निवासी अनुपमा प्रकाश के बीच न्यायालय में विवाद चल रहा है. इस केस को लेकर पहले देहरादून जूनियर डिवीजन सिविल जज ने पुलिस के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ अनुपमा प्रकाश हाई कोर्ट पहुंची थीं.
हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुये 6 महीने के अंदर सीनियर डिवीजन सिविल जज से मामले का निस्तारण करने को कहा था. इस बीच किसी भी पक्ष द्वारा जमीन पर किसी प्रकार का हस्तक्षेप न करने के निर्देश दिये गए थे.

हाई कोर्ट के निर्देशानुसार देहरादून सीनियर डिवीजन सिविल कोर्ट ने मामले पर सुनवाई की और 2 अप्रैल को पुलिस विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया. फैसला आने पर विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद चांडाल गढ़ी के दून व्यू कॉटेज के कुछ कमरों को कब्जे में लेकर वहां पर चौकी स्थापित कर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गये हैं.

मामले की सूचना मिलते ही उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर मसूरी पहुंचे. उनका कहना है कि पुलिस विवादित भूमि पर बेवजह कब्जा कर गरीब लोगों को परेशान कर रही है जिसका विरोध किया जाएगा.

बता दें कि कॉटेज के दो केयर टेकर हैं. अनिल सिंह को अनुपमा प्रकाश द्वारा रखा गया है, जबकि देवेश्वरी देवी का कहना है कि उन्हें टिहरी के पूर्व राजा मानवेंद्र सिंह ने कॉटेज में चौकीदारी के लिए 40 साल पहले रखा था, तभी से वो अपने परिवार के साथ रहकर कॉटेज की देखभाल कर रही हैं. उनके मुताबिक पुलिस ने कुछ कमरों में पूर्व में भी चौकी खोली थी. उस दौरान पुलिसकर्मी द्वारा एक युवती के साथ अभद्रता की गई थी. इसकी शिकायत डीजी उत्तराखंड और एसएसपी देहरादून को भी की गई थी. अब इसी मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस से मांग की गई है कि चांडाल गढ़ी में चौकी न खोली जाए.

वहीं, मसूरी सीओ एएस रावत ने फोन पर जानकारी दी है कि चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज उत्तराखंड पुलिस की संपत्ति है. लेकिन देहरादून निवासी अनुपमा प्रकाश भी अपने आप को उस संपत्ति की मालकिन बताती हैं. ऐसे में मामला न्यायालय में चल रहा था, जिसकी देहरादून सीनियर डिवीजन सिविल कोर्ट ने 2 अप्रैल को सुनवाई के दौरान पुलिस के पक्ष में फैसला दिया है. इसके बाद पूर्व में स्थापित चांडाल गढ़ी पुलिस चौकी को एक बार फिर स्थापित कर कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज उत्तराखंड पुलिस की संपत्ति है जिसके पुख्ता प्रमाण पुलिस के पास मौजूद हैं.

मसूरी: चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज में पुलिस चौकी खोले जाने का इनदिनों जबरदस्त विरोध हो रहा है. ये दूसरा मौका है जब यहां पुलिस चौकी खोली गई है, लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. दरअसल, इस मामले में जमीन के साथ अदालती पेंच जुड़ा है.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि चांडाल गढ़ी में पुलिस चौकी खोलने की अनुमति साल 2011 में ही ले ली गई थी. लेकिन, भूमि विवाद को लेकर चौकी स्थायी रूप से स्थापित नहीं की गई. संपत्ति को लेकर पुलिस और देहरादून निवासी अनुपमा प्रकाश के बीच न्यायालय में विवाद चल रहा है. इस केस को लेकर पहले देहरादून जूनियर डिवीजन सिविल जज ने पुलिस के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ अनुपमा प्रकाश हाई कोर्ट पहुंची थीं.
हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुये 6 महीने के अंदर सीनियर डिवीजन सिविल जज से मामले का निस्तारण करने को कहा था. इस बीच किसी भी पक्ष द्वारा जमीन पर किसी प्रकार का हस्तक्षेप न करने के निर्देश दिये गए थे.

हाई कोर्ट के निर्देशानुसार देहरादून सीनियर डिवीजन सिविल कोर्ट ने मामले पर सुनवाई की और 2 अप्रैल को पुलिस विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया. फैसला आने पर विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद चांडाल गढ़ी के दून व्यू कॉटेज के कुछ कमरों को कब्जे में लेकर वहां पर चौकी स्थापित कर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गये हैं.

मामले की सूचना मिलते ही उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर मसूरी पहुंचे. उनका कहना है कि पुलिस विवादित भूमि पर बेवजह कब्जा कर गरीब लोगों को परेशान कर रही है जिसका विरोध किया जाएगा.

बता दें कि कॉटेज के दो केयर टेकर हैं. अनिल सिंह को अनुपमा प्रकाश द्वारा रखा गया है, जबकि देवेश्वरी देवी का कहना है कि उन्हें टिहरी के पूर्व राजा मानवेंद्र सिंह ने कॉटेज में चौकीदारी के लिए 40 साल पहले रखा था, तभी से वो अपने परिवार के साथ रहकर कॉटेज की देखभाल कर रही हैं. उनके मुताबिक पुलिस ने कुछ कमरों में पूर्व में भी चौकी खोली थी. उस दौरान पुलिसकर्मी द्वारा एक युवती के साथ अभद्रता की गई थी. इसकी शिकायत डीजी उत्तराखंड और एसएसपी देहरादून को भी की गई थी. अब इसी मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस से मांग की गई है कि चांडाल गढ़ी में चौकी न खोली जाए.

वहीं, मसूरी सीओ एएस रावत ने फोन पर जानकारी दी है कि चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज उत्तराखंड पुलिस की संपत्ति है. लेकिन देहरादून निवासी अनुपमा प्रकाश भी अपने आप को उस संपत्ति की मालकिन बताती हैं. ऐसे में मामला न्यायालय में चल रहा था, जिसकी देहरादून सीनियर डिवीजन सिविल कोर्ट ने 2 अप्रैल को सुनवाई के दौरान पुलिस के पक्ष में फैसला दिया है. इसके बाद पूर्व में स्थापित चांडाल गढ़ी पुलिस चौकी को एक बार फिर स्थापित कर कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज उत्तराखंड पुलिस की संपत्ति है जिसके पुख्ता प्रमाण पुलिस के पास मौजूद हैं.

Intro:मसूरी में पुलिस चौकी के खोले जाने का विरोध
रिपोर्टर सुनील सोनकर
एंकर वीओ
मसूरी के चांडाल गढ़ी क्षेत्र में मसूरी पुलिस द्वारा चौकी खोले जाने को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया है स्थानिये लोगो ने कहा कि चांडाल गड़ी में पुलिस चौकी खोले जाने का कोई मतलब नहीं होता है लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस के कर्मचारियों द्वारा उनके साथ अभद्रता की जाती है जिसको लेकर उनके द्वारा पहले भी मशीन पुलिस से शिकायत की गई बता दें कि पुलिस द्वारा चांडाल गड़ी में चौकी खोले जाने को लेकर 2011 में अनुमति ले ली गई थी परंतु चौकी की भूमि के विवाद को लेकर चौकी अस्थाई रूप से स्थापित नहीं किया जा सका वही न्यायालय के द्वारा 2 अप्रैल को पुलिस विभाग के पक्ष में फैसला आने के बाद पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद चांडाल गड़ी के दून व्यू काटेज के कुछ कमरों को कब्जे में लेकर वहां पर चांडाल गड़ी पुलिस चौकी स्थापित कर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं कोई मामले की सूचना मिलते ही उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर मसूरी पहुंचे और कहा कि पुलिस द्वारा विवादित भूमि पर बेवजह कब्जा कर गरीब लोगों को परेशान किया जा रहा है जिस का विरोध किया जाएगा मिलते


Body:स्थानीय निवासी देवेश्वरी देवी और अनिल सिंह ने बताया कि उनके द्वारा चांडाल गड़ी दून व्यू कॉटेज में पिछले 40 सालों से टेहरी के स्वर्गीय राजा मानवेंद्र सिंह के द्वारा चौकीदारी के लिए रखा गया था और तब से वह अपने परिवार के साथ यहीं रह रहे है उन्होंने कहा कि कॉटेज के कुछ कमरों में पूर्व में मसूरी पुलिस द्वारा चौकी खोली गई थी और उस समय पुलिसकर्मी द्वारा एक युवती के साथ अभद्रता गई थी जिसकी शिकायत मसूरी पुलिस को भी की गई थी उन्होंने कहा कि एक बार फिर पुलिस द्वारा चांडाल गड़ी में पुलिस चौकी खोली गई है जिसका वह विरोध कर रहे हैं उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पूरे मामले की शिकायत डीजी उत्तराखंड और एसएसपी देहरादून को की गई है वह चांडाल गड़ी में पुलिस चौकी ना खोले जाने की मांग की गई


Conclusion: चांडाल गड़ी भूमि कॉटेज के केयरटेकर अनिल तिवारी ने कहा कि उक्त संपत्ति को लेकर पुलिस और अनुपम प्रकाश देहरादून निवासी के बीच न्यायालय में विवाद चल रहा है जिसमें हाईकोर्ट उत्तराखंड के द्वारा यथा स्थिति रखने के निर्देश दिए गए थे ऐसे में पुलिस द्वारा अचानक संपत्ति में कब्जा कर चौकी खोली जा रही है जो न्याय उचित नहीं है उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पूरे मामले की सूचना अनुपमा प्रकाश को दे दी गई है

उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुँवर ने कहा कि पुलिस द्वारा चौकी खोलें के नाम पर कई सालों से रह रहे गरीब परिवारों के सदस्यों का शोषण किया जा रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले को लेकर परिवार के साथ न्यायालय की शरण लेंगे जिससे गरीबो न्याय मिल सके

मसूरी सीओ ए एस रावत ने टेलीफोन पर बताया की मसूरी चांडाल गढ़ी दून व्यू कॉटेज उत्तराखंड पुलिस की संपत्ति है वह देहरादून निवासी अनुपमा प्रकाश भी अपने आप को उस संपत्ति की मालकिन बताती है ऐसे में मामला न्यायालय में चल रहा था जिसकी देहरादून सीनियर डिवीजन सिविल कोर्ट ने 2 अप्रैल को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पुलिस के पक्ष में फैसला दिया है इसके बाद पूर्व में स्थापित चांडाल घड़ी पुलिस चौकी को एक बार फिर स्थापित कर कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया गया है उन्होंने बताया कि चांडाल गड़ी दून व्यू कॉटेज उत्तराखंड पुलिस की संपत्ति है जिसके पुख्ता प्रमाण पुलिस के पास मौजूद है
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