मसूरी: नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पर पटरी व्यापारियों द्वारा किए गए अभद्रता और जूता फेंकने का मामला शांत नहीं हो रहा है. जिसको लेकर बीते मंगलवार नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों और कई व्यापारिक संगठनों ने हड़ताल करने के साथ ही मसूरी कोतवाल के तबादले की भी मांग की है.
मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीएम रामजी शरण शर्मा द्वारा कहा गया कि जो मांगें पालिका प्रशासन और अध्यक्ष अनुज गुप्ता द्वारा की गई थी, उन्हें पूरा कर लिया गया है. जिसके बाद अब मसूरी बंद करके अव्यवस्था फैलाने का अब कोई औचित्य नहीं है. वहीं मसूरी कोतवाल के ट्रांसफर की मांग पर एडीएम का कहना है कि किसी की व्यक्तिगत लड़ाई के लिए आम जनता को परेशान नहीं किया जा सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठनों के जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि अगर वे मसूरी कोतवाल का ट्रांसफर चाहते हैं, तो उन्हें लिखित में शिकायत दें. लेकिन देर रात तक किसी भी संगठन ने कोतवाल के खिलाफ कुछ भी लिखकर नहीं दिया.
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एसडीएम ने आगाह किया कि भी जानबूझकर शहर की व्यवस्थाओं को खराब करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारी को भी चेतावनी दिया कि जो कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे, उन पर नो वर्क- नो पे (काम नहीं वेतन नहीं) लागू होगा.
वहीं व्यापार मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी कोतवाल द्वारा पालिका अध्यक्ष के साथ अभद्रता करने वाले लोगों पर काफी देर से और दबाव के बाद कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि अगर शहर के प्रथम नागरिक को ही न्याय के लिए इतना परेशान होना पड़े, तो आम जनता का क्या होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बुधवार को मसूरी बंद का आह्वान विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर किया गया है.
वहीं मामले को लेकर देर रात पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता के बड़े भाई पंकज गुप्ता को भी एडीएम द्वारा बुलाया गया. जहां उन्हें समझाया गया कि शहर की व्यवस्थाओं को संभालना प्रथम नागरिक का काम है. ऐसे में अनुज गुप्ता जनता का हित देखकर फैसला लें, जिससे मसूरी में त्योहारी सीजन के साथ पर्यटन सीजन भी प्रभावित ना हो.