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मसूरी कंपनी गार्डन में घुसे दो 'संदिग्धों' पर बवाल, पहचान के बाद हुआ समझौता - मसूरी समाचार

मसूरी के कंपनी गार्डन में घुसे दो संदिग्ध युवकों को कंपनी गार्डन वेलफेयर एसोसिएशन ने पकड़ लिया. पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि दोनों युवक ईको शुल्क का संचालन करने वाले कंपनी के सदस्य हैं. इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता कराया.

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Published : Sep 26, 2021, 7:24 PM IST

मसूरीः कंपनी गार्डन में पिछले 3 दिनों से दो संदिग्ध युवकों के घूमने पर कंपनी गार्डन वेलफेयर एसोसिएशन ने उन्हें पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी. पुलिस दोनों संदिग्ध युवकों को पुलिस चौकी ले आई. जहां से पता चला कि वह ईको शुल्क का संचालन करने वाले कंपनी के सदस्य हैं. पुलिस द्वारा दोनों पक्षों में समझौता हो गया है.

कोल्हूखेत में ईको शुल्क चलाने वाली कंपनी के संचालक सौरव अग्रवाल ने बताया कि वह व्यापारी हैं और उन्हें पता चला है कि कपंनी गार्डन फूड कोट के टेंडर होने वाले हैं. जिस पर उन्होंने अपने दो युवकों को भेजकर जानकारी जुटाने के लिए कहा था.

वहीं, कंपनी गार्डन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र राणा ने बताया कि 3 दिन से दो युवक रेकी कर रहे थे. जानकारी मिलते ही दोनों युवकों को पकड़ा गया. हालांकि जांच में पता चला कि वह ईको शुल्क चलाने वाले कंपनी के कर्मचारी थे, जिसके बाद गलतफहमी दूर हुई. दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है.

ये भी पढ़ेंः ऋषिकेश पुलिस ने पकड़ी नशे के 453 इंजेक्शनों की बड़ी खेप, दो गिरफ्तार

वहीं, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल का कहना है कि इसमें नगर पालिका की गलती है कि उन्होंने किस तरह से गार्डन के टेंडर की सूचना दी. जबकि मामले पर अभी कोई भी शुरुआत नहीं हुई है. उन्होंने साफ कहा कि मसूरी के लोगों की रोजी रोटी पर चोट करने वालों का विरोध किया जाएगा.

मसूरीः कंपनी गार्डन में पिछले 3 दिनों से दो संदिग्ध युवकों के घूमने पर कंपनी गार्डन वेलफेयर एसोसिएशन ने उन्हें पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी. पुलिस दोनों संदिग्ध युवकों को पुलिस चौकी ले आई. जहां से पता चला कि वह ईको शुल्क का संचालन करने वाले कंपनी के सदस्य हैं. पुलिस द्वारा दोनों पक्षों में समझौता हो गया है.

कोल्हूखेत में ईको शुल्क चलाने वाली कंपनी के संचालक सौरव अग्रवाल ने बताया कि वह व्यापारी हैं और उन्हें पता चला है कि कपंनी गार्डन फूड कोट के टेंडर होने वाले हैं. जिस पर उन्होंने अपने दो युवकों को भेजकर जानकारी जुटाने के लिए कहा था.

वहीं, कंपनी गार्डन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र राणा ने बताया कि 3 दिन से दो युवक रेकी कर रहे थे. जानकारी मिलते ही दोनों युवकों को पकड़ा गया. हालांकि जांच में पता चला कि वह ईको शुल्क चलाने वाले कंपनी के कर्मचारी थे, जिसके बाद गलतफहमी दूर हुई. दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है.

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वहीं, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल का कहना है कि इसमें नगर पालिका की गलती है कि उन्होंने किस तरह से गार्डन के टेंडर की सूचना दी. जबकि मामले पर अभी कोई भी शुरुआत नहीं हुई है. उन्होंने साफ कहा कि मसूरी के लोगों की रोजी रोटी पर चोट करने वालों का विरोध किया जाएगा.

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