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देवभूमि पहुंची हिजाब की आग, मुस्लिम महिलाओं ने किया प्रदर्शन, गवर्नर को सौंपा ज्ञापन

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Published : Feb 15, 2022, 3:45 PM IST

Updated : Feb 15, 2022, 4:06 PM IST

कर्नाटक के उडुपी के सरकारी कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध का विवाद देश के विभिन्न राज्यों में पहुंच रहा है. मंगलवार को मुस्लिम समुदाय के महिला और पुरुषों द्वारा राजधानी देहरादून की सड़कों पर प्रदर्शन किया गया. समुदाय के लोगों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए केंद्र सरकार को एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.

Hijab fire reached Uttarakhand
उत्तराखंड पहुंची हिजाब की आग

देहरादूनः कर्नाटक के उडुपी में सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद बढ़ता जा रहा है. कर्नाटक से उठी हिजाब की आग देश के कई राज्यों के बाद अब उत्तराखंड में फैलने लगी है. उत्तराखंड के कुछेक शिक्षण संस्थानों में हिजाब को लेकर गर्माते मामले सामने आने के बाद मंगलवार को मुस्लिम समुदाय की महिला और पुरुषों द्वारा राजधानी देहरादून की सड़कों पर प्रदर्शन किया गया. समुदाय ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए केंद्र सरकार को एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.

मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने हिजाब मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदेश में हिजाब की आड़ में सांप्रदायिक सद्भावना भंग कर षड्यंत्र रचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. देहरादून बार एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता रजिया बेग के नेतृत्व में हिजाब मामले पर प्रदर्शन करती महिलाओं ने कहा कि भारत में लगभग सैकड़ों सालों से मुस्लिम समुदाय धर्म से जुड़ा समाज कुरान और हदीस के आदेशों के चलते हिजाब व बुर्का को अपनी संस्कृति में अपनाए हुए है.

देवभूमि पहुंची हिजाब की आग

ऐसे में जिस तरह से कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब का विरोध पूरे देश में फैल रहा है, वह मुस्लिम समाज को एक देशव्यापी बड़े आंदोलन की ओर बढ़ने को मजबूर कर रहा है. ऐसे में राज्यपाल से हिजाब की आड़ में राजनीति कर उत्तराखंड में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

ये भी पढ़ेंः रुद्रप्रयाग में पोलिंग पार्टियों को बेतुके फरमान से हुईं भारी दिक्कतें, भूखे जमीन पर सोए कर्मी

देहरादून बार एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता रजिया बेग ने कहा कि हिजाब उनके धर्म से जुड़ा ऐसा मुद्दा है, जिसे हर मुस्लिम महिला वर्ग स्वेच्छा से अपनाता आया है. रजिया बेग ने कहा कि हरियाणा, राजस्थान व यूपी जैसे कई हिस्सों में आज भी महिलाएं लंबे घूंघट में रहती हैं. उनका कोई विरोध नहीं है.

उन्होंने कहा कि इस बात गलतफहमी फैलाई जा रही है कि मुस्लिम महिलाओं को जबरदस्ती उनके परिवार द्वारा हिजाब के पर्दे में रखा जाता है. लेकिन यह सरासर गलत है. रजिया बेग ने कहा कि वह खुद एक अधिवक्ता हैं और कोर्ट में कानूनी लड़ाई के वक्त वह अपने हिसाब से सिर ढकने वाले लिबास के साथ ही वकालत करती हैं. इसका आज तक कोई विरोध नहीं हुआ.

ये भी पढ़ेंः पौड़ी: चुनाव ड्यूटी से लौट रहे कार्मिकों की कार खाई में गिरी, एक की मौत, तीन घायल

यूपी सीएम का संत परिधानः हिजाब के मामले में रजिया बेग ने कहा कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी साधु-संतों वाले परिधान में रहते हैं. हम सब धर्म से जुड़े उस लिबास का सम्मान करते हैं. इसलिए यह कहना गलत है कि देश में सरकारी संस्थानों में ड्रेस और यूनिफॉर्म कोड पालन किया जाता है. संसद से लेकर कई ऐसे स्थान हैं, जहां अलग-अलग धर्म समुदाय के लोग अपने पारंपरिक संस्कृति परिधान में आते हैं.

हिजाब पर आंदोलन का संकेतः उत्तराखंड में हिजाब की आग फैलने से पहले ही सड़कों पर उतरी मुस्लिम महिलाओं का आरोप है कि इस प्रकरण में अब लगातार राजनीति हो रही है, जो बेहद दुर्भाग्य का विषय है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतरकर बड़े आंदोलन की ओर जाने को मजबूर है. केंद्र सरकार जल्द ही इस मामले में हस्तक्षेप कर सकारात्मक रुख नहीं अपनाती है तो आने वाले दिनों में मुस्लिम महिलाएं अपने हकों के लिए सड़कों पर उतर बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगी.

देहरादूनः कर्नाटक के उडुपी में सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद बढ़ता जा रहा है. कर्नाटक से उठी हिजाब की आग देश के कई राज्यों के बाद अब उत्तराखंड में फैलने लगी है. उत्तराखंड के कुछेक शिक्षण संस्थानों में हिजाब को लेकर गर्माते मामले सामने आने के बाद मंगलवार को मुस्लिम समुदाय की महिला और पुरुषों द्वारा राजधानी देहरादून की सड़कों पर प्रदर्शन किया गया. समुदाय ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए केंद्र सरकार को एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.

मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने हिजाब मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदेश में हिजाब की आड़ में सांप्रदायिक सद्भावना भंग कर षड्यंत्र रचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. देहरादून बार एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता रजिया बेग के नेतृत्व में हिजाब मामले पर प्रदर्शन करती महिलाओं ने कहा कि भारत में लगभग सैकड़ों सालों से मुस्लिम समुदाय धर्म से जुड़ा समाज कुरान और हदीस के आदेशों के चलते हिजाब व बुर्का को अपनी संस्कृति में अपनाए हुए है.

देवभूमि पहुंची हिजाब की आग

ऐसे में जिस तरह से कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब का विरोध पूरे देश में फैल रहा है, वह मुस्लिम समाज को एक देशव्यापी बड़े आंदोलन की ओर बढ़ने को मजबूर कर रहा है. ऐसे में राज्यपाल से हिजाब की आड़ में राजनीति कर उत्तराखंड में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

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देहरादून बार एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता रजिया बेग ने कहा कि हिजाब उनके धर्म से जुड़ा ऐसा मुद्दा है, जिसे हर मुस्लिम महिला वर्ग स्वेच्छा से अपनाता आया है. रजिया बेग ने कहा कि हरियाणा, राजस्थान व यूपी जैसे कई हिस्सों में आज भी महिलाएं लंबे घूंघट में रहती हैं. उनका कोई विरोध नहीं है.

उन्होंने कहा कि इस बात गलतफहमी फैलाई जा रही है कि मुस्लिम महिलाओं को जबरदस्ती उनके परिवार द्वारा हिजाब के पर्दे में रखा जाता है. लेकिन यह सरासर गलत है. रजिया बेग ने कहा कि वह खुद एक अधिवक्ता हैं और कोर्ट में कानूनी लड़ाई के वक्त वह अपने हिसाब से सिर ढकने वाले लिबास के साथ ही वकालत करती हैं. इसका आज तक कोई विरोध नहीं हुआ.

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यूपी सीएम का संत परिधानः हिजाब के मामले में रजिया बेग ने कहा कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी साधु-संतों वाले परिधान में रहते हैं. हम सब धर्म से जुड़े उस लिबास का सम्मान करते हैं. इसलिए यह कहना गलत है कि देश में सरकारी संस्थानों में ड्रेस और यूनिफॉर्म कोड पालन किया जाता है. संसद से लेकर कई ऐसे स्थान हैं, जहां अलग-अलग धर्म समुदाय के लोग अपने पारंपरिक संस्कृति परिधान में आते हैं.

हिजाब पर आंदोलन का संकेतः उत्तराखंड में हिजाब की आग फैलने से पहले ही सड़कों पर उतरी मुस्लिम महिलाओं का आरोप है कि इस प्रकरण में अब लगातार राजनीति हो रही है, जो बेहद दुर्भाग्य का विषय है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतरकर बड़े आंदोलन की ओर जाने को मजबूर है. केंद्र सरकार जल्द ही इस मामले में हस्तक्षेप कर सकारात्मक रुख नहीं अपनाती है तो आने वाले दिनों में मुस्लिम महिलाएं अपने हकों के लिए सड़कों पर उतर बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगी.

Last Updated : Feb 15, 2022, 4:06 PM IST
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