देहरादून: कोरोना लॉकडाउन के चलते सरकार से लेकर आम जनता को आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी नुकसान उठाना पड़ा है. प्रदेश में भी कोरोना के कारण व्यापार को काफी नुकसान पहुंचा है. क्योंकि नगर निगम की आय का स्रोत हाउस टैक्स है और कोरोना के चलते लोगों ने हाउस टैक्स जमा नहीं किया तो निगम को काफी नुकसान झेलना पड़ा है.
देहरादून शहर में एक लाख 20 हजार कमर्शियल और नॉन कमर्शियल प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हैं. लेकिन कोरोना के कारण अब तक सिर्फ 35 हजार कमर्शियल और नॉन कमर्शियल प्रॉपर्टी मालिकों ने ही टैक्स जमा किया है. ऐसे में नगर निगम के पास सिर्फ दो महीने है और दो महीने में 85 हजार प्रॉपर्टी मालिक से हाउस टैक्स वसूलने का काम करना है. पहले की बात करें तो साल 2019-2020 में करीब 45 करोड़ का हाउस टैक्स जमा हुआ था और वित्तीय वर्ष शुरू होने पर नगर निगम ने इस साल का लक्ष्य करीब 65 करोड़ रुपये रखा है. ऐसे में अब निगम हाउस टैक्स जमा करने के लिए हर तरह से प्रयास कर रहा है. निगम के पास अब तक सिर्फ 22 करोड़ का हाउस टैक्स जमा हो पाया है. नगर निगम लगातार करदाताओं को नोटिस भेजने का काम कर रहा है.
मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि सरकार सबकी सहायता कर रही है, चाहे वह केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार. नगर निगम के पास हाउस टैक्स में कमी आई है. इसलिए कैंप के माध्यम से हाउस टैक्स वसूलने का काम शुरू कर दिया है. फिलहाल उनके द्वारा अभी तक तीन वार्डों में कैंप शुरू किया गया है. ऐसे ही हर वार्ड में कैंप लगाने का काम किया जाएगा. जहां टैक्स जमा नहीं हो पा रहा है या फिर कम हो रहा है तो इसकी भरपाई कैंप लगा पूरी की जाएगी.
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कर अधिकारी पूनम रावत ने बताया कि कोरोना काल के कारण पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 7-8 करोड़ रुपए का टैक्स कम आया है. पिछले साल हाउस टैक्स अधिक आया था. अभी तक उनके पास हाउस टैक्स करीब 22 करोड़ रुपये नगर निगम राजस्व में जमा हुआ है. बताया कि जो दो महीने रह गए है, उसके लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है. कई वार्डों में हमने कैंप लगा दिए हैं, जहां से निगम के पास प्रति कैंप प्रतिदिन हाउस टैक्स एक से डेढ़ लाख रुपये राजस्व आ रहा है. उन्हें उम्मीद है कि मार्च के आखिरी माह तक हाउस टैक्स के रुप में करीब 35 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हो जाएगी.