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नगर निगम ने 15 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लगाया जुर्माना, टैक्स न चुकाने पर होगी कार्रवाई

नगर निगम ने 3 साल पहले शहर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर टैक्स लगाने की काईवाई की थी. इस दौरान 15 व्यवसायिक प्रतिष्ठान ऐसे पाए गए जिन्होंने कारपेट एरिया कम दिखाया था. इन प्रतिष्ठानों पर जुर्माने के साथ टैक्स लगाया गया है.

15 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लगा जुर्माना.
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Published : Nov 20, 2019, 6:34 PM IST

देहरादून: व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से हाउस टैक्स लेने के बाद नगर निगम ने 30 बड़े प्रतिष्ठानों की मौके पर जांच की. इस दौरान 15 प्रतिष्ठान ऐसे पाए गए, जिन्होंने कारपेट एरिया की तुलना में कम जगह दिखाते हुए गलत जानकारी दी थी. इन प्रतिष्ठानों पर जुर्माने के साथ टैक्स लगाया गया, जिसमें सबसे अधिक टैक्स सहित जुर्माना 4 करोड़ 89 लाख रुपये का पेसिफिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन पर लगाया गया. साथ ही प्रतिष्ठान मालिकों के टैक्स न चुकाने पर नगर निगम ने कार्रवाई के साथ जुर्माना वसूलने की बात कही है.

पढ़ें-नैनीताल में HIV पीड़ित 15 महिलाओं ने दिया स्वस्थ बच्चों को जन्म

दरअसल, नगर निगम ने 3 साल पहले शहर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर टैक्स लगाने की काईवाई की थी. इस दौरान 15 व्यवसायिक प्रतिष्ठान ऐसे पाए गए जिन्होंने कारपेट एरिया कम दिखाया था. जिस कारण नगर निगम को टैक्स के राजस्व में भी घाटा उठाना पड़ रहा था. ऐसे सभी प्रतिष्ठानों की सूची बनाकर नगर निगम ने जुर्माना और अतिरिक्त टैक्स का बिल बनाकर सभी को वसूली के लिए नोटिस भेज दिए है.

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि जब शासन ने सेल्फ एसेसमेंट की स्कीम शुरू की थी. इसमें ये प्रावधान रखा गया था कि जो भी व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं वह अपने परिसर का सही माप करके नगर निगम में धनराशि जमा करेंगे. जिसमें 15 ऐसे प्रतिष्ठान थे जिनमें काफी खामियां पाई गई. इनमें से कई प्रतिष्ठानों ने अपने परिसर में पार्किंग और बेसमेंट का एरिया शामिल नहीं किया था. नगर निगम कार्रवाई करते हुए इन प्रतिष्ठानों पर जुर्माने के साथ टैक्स लगाया गया.

देहरादून: व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से हाउस टैक्स लेने के बाद नगर निगम ने 30 बड़े प्रतिष्ठानों की मौके पर जांच की. इस दौरान 15 प्रतिष्ठान ऐसे पाए गए, जिन्होंने कारपेट एरिया की तुलना में कम जगह दिखाते हुए गलत जानकारी दी थी. इन प्रतिष्ठानों पर जुर्माने के साथ टैक्स लगाया गया, जिसमें सबसे अधिक टैक्स सहित जुर्माना 4 करोड़ 89 लाख रुपये का पेसिफिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन पर लगाया गया. साथ ही प्रतिष्ठान मालिकों के टैक्स न चुकाने पर नगर निगम ने कार्रवाई के साथ जुर्माना वसूलने की बात कही है.

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दरअसल, नगर निगम ने 3 साल पहले शहर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर टैक्स लगाने की काईवाई की थी. इस दौरान 15 व्यवसायिक प्रतिष्ठान ऐसे पाए गए जिन्होंने कारपेट एरिया कम दिखाया था. जिस कारण नगर निगम को टैक्स के राजस्व में भी घाटा उठाना पड़ रहा था. ऐसे सभी प्रतिष्ठानों की सूची बनाकर नगर निगम ने जुर्माना और अतिरिक्त टैक्स का बिल बनाकर सभी को वसूली के लिए नोटिस भेज दिए है.

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि जब शासन ने सेल्फ एसेसमेंट की स्कीम शुरू की थी. इसमें ये प्रावधान रखा गया था कि जो भी व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं वह अपने परिसर का सही माप करके नगर निगम में धनराशि जमा करेंगे. जिसमें 15 ऐसे प्रतिष्ठान थे जिनमें काफी खामियां पाई गई. इनमें से कई प्रतिष्ठानों ने अपने परिसर में पार्किंग और बेसमेंट का एरिया शामिल नहीं किया था. नगर निगम कार्रवाई करते हुए इन प्रतिष्ठानों पर जुर्माने के साथ टैक्स लगाया गया.

Intro:देहरादून में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से हाउस टैक्स लेने के बाद नगर निगम ने 30 के कारपेट एरिया की मौके पर जांच की तो कुछ में गड़बड़ी सामने आई।इसमें 15 प्रतिष्ठान ऐसे मिले जिन्होंने कारपेट एरिया की तुलना में एरिया कम दिखाते हुए गलत जानकारी दी।नगर निगम ने इस आधार पर अब इन प्रतिष्ठानों पर जुर्माने के साथ टैक्स लगाया है सबसे अधिक टैक्स व जुर्माना पेसिफिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन पर 4 करोड़ 89 लाख रुपए का लगाया है।साथ ही जल्दी प्रतिष्ठान मालिकों ने टैक्स नहीं चुकाया तो नगर निगम उन पर कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ जुर्माना भी वसूलेगा। इसमें शहर के बड़े होटल,मॉल ओर एसबीआई बैंक है।


Body:नगर निगम ने 3 साल पहले शहर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर टैक्स लगाने की कार्यवाही की थी।स्वकर प्रणाली में प्रतिष्ठानों ने खुद ही फार्म में कारपेट एरिया दिया था इसके आधार पर नगर निगम ने टैक्स तय कर दिया था।जिसके आधार पर नगर निगम इन प्रतिष्ठानों से टैक्स ले रहा था।लेकिन नगर निगम ने बीते दिनों टैक्स के दायरे में आए 30 बड़े प्रतिष्ठानों के टैक्स को लेकर मौके पर जाकर जांच की तो पता चला कि 15 व्यवसायिक प्रतिष्ठान ऐसे हैं जिन्होंने अपना कारपेट एरिया कम दिखाया था। जिस कारण नगर निगम को टैक्स के राजस्व में भी घाटा उठाना पड़ रहा था ऐसे सभी प्रतिष्ठानों की सूची बनाकर नगर निगम ने जुर्माना और अतिरिक्त टैक्स का बिल बनाकर सभी को वसूली के लिए नोटिस भेज दिए हैं।



Conclusion:नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि जब शासन ने सेल्फ एक्सिमेंट की स्कीम शुरू की थी तो इसमें यह प्रावधान रखा गया था कि जो भी व्यवसायिक प्रतिष्ठान है वह अपने परिसर का सही माप करके ओर जो दरें है उसके हिसाब से नगर निगम में धनराशि जमा करने के लिए कहा गया था।ओर यह पिछले तीन सालों से प्रक्रिया चल रही थी।लेकिन पिछले दिनों हमे विचार आया कि जो यह प्रतिष्ठान टैक्स दे रहे हैं सही है या नहीं इसी क्रम में 30 प्रतिष्ठानों की एक रेंडम जांच कराई गई तो अभी तक 25 के रिपोर्ट आई है और 15 ऐसे प्रतिष्ठान मिले हैं जिनमें काफी खामियां पाई गई है।किसी ने अपने परिसर में पार्किंग का एरिया शामिल नहीं किया है।वही किसी ने बेसमेंट का एरिया शामिल नहीं किया है।इस तरह से काफी फर्क देखने को मिला है इन सभी को नोटिस जारी कर दिए गए हैं और तकरीबन 10 से 12 करोड़ का फर्क आ रहा है इसमें जुर्माने की भी धनराशि शामिल है।साथ ही साथ 3 साल से जिस एरिया का टैक्स नहीं दिया है उसको भी जोड़ दिया गया है।इन इन सभी प्रतिष्ठानों को पर्याप्त समय दिया गया है अगर प्रतिष्ठानों मालिकों को इस मामले में कुछ कहना है तो उनकी सुनवाई करके एक आर्डर पास होगा।साथ ही यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।

बाइट-विनय शंकर पांडे(नगर आयुक्त)
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