ETV Bharat / state

ये कैसा अस्पताल, ना संसाधन और ना ही डॉक्टर, लोग- बोले चुनावी फायदे के लिए किया उद्घाटन

राजकीय संयुक्त (सिविल) अस्पताल में 22 में से केवल तीन डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इतना ही नहीं अस्पताल में ना तो कोई स्टाफ नर्स तैनात हैं ना ही कोई कर्मचारी. मसूरी और आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

राजकीय संयुक्त अस्पताल मसूरी
author img

By

Published : May 6, 2019, 9:51 PM IST

मसूरीः पहाड़ों की रानी में नवनिर्मित राजकीय संयुक्त (सिविल) अस्पताल शुरू तो हो गया, लेकिन अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई है. यहां पर डॉक्टर, नर्स और स्टाफ तैनात नहीं किये गये हैं. महज तीन डॉक्टर के भरोसे ही अस्पताल चल रहा है. अस्पताल में मशीनें और दवाइयां भी पर्याप्त नहीं है. ऐसे में मसूरी और आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों में खासा रोष दिखाई दे रहा है.

जानकारी देते स्थानीय लोग और अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरएस पाल.


बता दें कि मसूरी सिविल अस्पताल का लोकार्पण बीते 6 मार्च को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था. लोकार्पण के दौरान सीएम ने अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, लेकिन अस्पताल में 22 में से केवल तीन डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इतना ही नहीं अस्पताल में ना तो कोई स्टाफ नर्स तैनात हैं ना ही कोई कर्मचारी. स्थानीय निवासी रमेश राव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अस्पताल की बड़ी इमारतें तो तैयार कर दी, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना भूल गई है. चुनावी फायदा लेने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चुनाव से पहले अस्पताल का लोकार्पण किया है.

ये भी पढ़ेंः CBSE 10th Result: टॉप थ्री में उत्तराखंड के 3 छात्र, 13 छात्रों को मिले 499 अंक

उन्होंने कहा कि मसूरी पर्यटक स्थल होने के कारण हजारों की तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन यहां पर उन्हें इलाज के लिए कोई सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. संयुक्त अस्पताल खुलने के बाद लोगों को एक ही छत के नीचे स्वास्थ्य सुविधा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है.

ये भी पढ़ेंः मायके से गंगोत्री के लिए रवाना हुई मां गंगा की डोली, आज भैरो घाटी में होगा रात्री विश्राम


मसूरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सतीश ढौंडियाल ने बताया कि संयुक्त अस्पताल को खुलवाने के लिए उनकी पार्टी ने सरकार का पूरा सहयोग किया है, लेकिन अस्पताल में ना ही डॉक्टर है ना कर्मचारी तैनात हैं. उन्होंने कहा कि वो सरकार से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग करेंगे. बावजूद उनकी मांगों पर कार्रवाई ना होने पर वो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.


वहीं, संयुक्त अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरएस पाल का कहना है कि सरकार ने अस्पताल की मांग को पूरा किया है. जल्द ही अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएगी. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है, ऐसे में कोई भी सरकारी आदेश जारी नहीं किए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि आचार संहिता खत्म होने के बाद अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ की कमी को दूर किया जाएगा.

मसूरीः पहाड़ों की रानी में नवनिर्मित राजकीय संयुक्त (सिविल) अस्पताल शुरू तो हो गया, लेकिन अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई है. यहां पर डॉक्टर, नर्स और स्टाफ तैनात नहीं किये गये हैं. महज तीन डॉक्टर के भरोसे ही अस्पताल चल रहा है. अस्पताल में मशीनें और दवाइयां भी पर्याप्त नहीं है. ऐसे में मसूरी और आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों में खासा रोष दिखाई दे रहा है.

जानकारी देते स्थानीय लोग और अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरएस पाल.


बता दें कि मसूरी सिविल अस्पताल का लोकार्पण बीते 6 मार्च को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था. लोकार्पण के दौरान सीएम ने अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, लेकिन अस्पताल में 22 में से केवल तीन डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इतना ही नहीं अस्पताल में ना तो कोई स्टाफ नर्स तैनात हैं ना ही कोई कर्मचारी. स्थानीय निवासी रमेश राव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अस्पताल की बड़ी इमारतें तो तैयार कर दी, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना भूल गई है. चुनावी फायदा लेने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चुनाव से पहले अस्पताल का लोकार्पण किया है.

ये भी पढ़ेंः CBSE 10th Result: टॉप थ्री में उत्तराखंड के 3 छात्र, 13 छात्रों को मिले 499 अंक

उन्होंने कहा कि मसूरी पर्यटक स्थल होने के कारण हजारों की तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन यहां पर उन्हें इलाज के लिए कोई सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. संयुक्त अस्पताल खुलने के बाद लोगों को एक ही छत के नीचे स्वास्थ्य सुविधा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है.

ये भी पढ़ेंः मायके से गंगोत्री के लिए रवाना हुई मां गंगा की डोली, आज भैरो घाटी में होगा रात्री विश्राम


मसूरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सतीश ढौंडियाल ने बताया कि संयुक्त अस्पताल को खुलवाने के लिए उनकी पार्टी ने सरकार का पूरा सहयोग किया है, लेकिन अस्पताल में ना ही डॉक्टर है ना कर्मचारी तैनात हैं. उन्होंने कहा कि वो सरकार से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग करेंगे. बावजूद उनकी मांगों पर कार्रवाई ना होने पर वो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.


वहीं, संयुक्त अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरएस पाल का कहना है कि सरकार ने अस्पताल की मांग को पूरा किया है. जल्द ही अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएगी. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है, ऐसे में कोई भी सरकारी आदेश जारी नहीं किए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि आचार संहिता खत्म होने के बाद अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ की कमी को दूर किया जाएगा.

Intro:मसूरी चिकित्सालय में सुविधाओं की कमी
रिपोर्टर सुनील सोनकर
एंकर वीओ
मसूरी में हाल में निर्मित राजकीय के संयुक्त चिकित्सालय सिविल अस्पताल में सुविधाओं के अभाव के कारण मरीज खासे परेशान है अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारियों की भारी कमी है जिससे अस्पताल सही तरीके से संचालित नहीं हो पा रहा है बता दें कि मसूरी सिविल अस्पताल का लोकार्पण 6 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किया गया था वह अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने की घोषणा भी की गई थी परंतु अभी तक अस्पताल में 22 में से 3 डॉक्टर कार्यरत है वहीं अस्पताल में स्टाफ नर्स और ना ही कर्मचारी जिस कारण मसूरी और आसपास के कई दर्जन गांव के लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है इससे लोगों में सरकार के खिलाफ खासा आक्रोश व्याप्त है


Body:मसूरी के स्थानीय निवासी रमेश राव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अस्पताल की बड़ी इमारतें तो तैयार कर दी पर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना भूल गई है वह चुनाव से पहले चुनावी फायदा लेने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा अस्पताल का लोकार्पण भी कर दिया गया उन्होंने कहा कि मसूरी एक विश्व पर्यटक स्थल है जहां रोज हजारों की तादात में पर्यटक आते हैं परंतु उनके लिए सरकार द्वारा स्वास्थ सुविधाओं के लिए कुछ नहीं किया गया है वही मसूरी और आसपास के कई दर्जन गांवों के लोग मसूरी के सिविल अस्पताल पर निर्भर है और अस्पताल बनने के बाद कुछ उम्मीद जागी थी कि संयुक्त चिकित्सालय खुलने के बाद लोगों को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की स्वास्थ लाभ मिल पाएगा परंतु ऐसा कुछ हुआ नहीं

मसूरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सतीश डौंडियाल ने कहा कि मसूरी में संयुक्त चिकित्सालय खुलवाने में कॉन्ग्रेस ने प्रदेश सरकार का पूरा सहयोग करा परंतु सरकार द्वारा चुनावी फायदा लेने के लिए आनन-फानन में चिकित्सालय का आदर्श आचार संहिता लगने से कुछ दिन पहले लोकार्पण कर दिया परंतु अब अस्पताल में ना ही डॉक्टर है ना कर्मचारी और ना ही दवा ऐसे में सरकार की विफलता साफ नजर आ रही है जिससे आम जनता के साथ देश विदेश से मसूरी आने वाले पर्यटकों को स्वास्थ सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है वह लोग परेशान हैं उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जल्दी अस्पताल में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायेए अन्यथा कांग्रेस पार्टी जनता के सहयोग से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए मजबूर होगी


Conclusion:मसूरी संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस डॉ आर एस पाल बताते हैं कि सरकार द्वारा मसूरी की जनता की लंबे समय से संयुक्त चिकित्सालय की मांग को पूरा किया गया है और जल्द अस्पताल में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएगी उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू है जिस कारण से कोई भी सरकारी आदेश नहीं किए जा सकते ऐसे में आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही मसूरी के संयुक्त चिकित्सालय में डॉक्टर स्टाफ की कमी को दूर कर दी जाएगी अस्पताल में मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिलने लगेगी उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाली मशीनें भी जल्द आना शुरू हो जाएगी जिससे मसूरी में ही सभी प्रकार के टेस्ट उपलब्ध हो पाएंगे
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.