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सांसद अनिल बलूनी की अपील, पारंपरिक और भव्य तरीके से मनाएं इगास - MP Anil Baluni video on igas

राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए सभी उत्तराखंडवासियों को इगास पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही सभी से धूमधाम से इस पर्व को मनाने की अपील की है.

mp anil baluni on budhi deepawali
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी.
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Published : Nov 24, 2020, 9:23 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने सभी उत्तराखंडियों से अपील की है कि वो आगामी 25 नवम्बर को भव्य तरीके से अपना पारम्परिक त्योहार इगास मनाएं. बता दें कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में दीपावली के ठीक 11 दिन और कहीं कहीं एक महीने बाद बूढ़ी दीपावली या इगास मनाई जाती है.

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी.

अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए अनिल बलूनी ने सभी उत्तराखंडवासियों को इगास पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं दी हैं. बलूनी ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से वह अपने गांव नहीं जा पा रहे हैं, इसलिए सभी से इस पारम्परिक पर्व को पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ मनाने की अपील करते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से लोग इस पर्व को विशेष अहमियत दें रहे हैं, जो हमारी संस्कृति के लिए एक अच्छी पहल है. उन्होंने कहा कि इस बार भी सब अपने घरों में दीये जलाकर और पूरे पारम्परिक तौर तरीके से इस पर्व को मनाएं.

यह भी पढे़ं-पशुपालन विभाग के टोल फ्री नम्बर का सीएम ने किया शुभारम्भ

बता दें कि पूरे उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों में दीपावली के ठीक 11 दिन बाद एकादशी पर इगास पर्व मनाया जाता है. इस पर्व का अगल-अलग जगहों पर अलग महत्व है. यह गांवों में अपने पारम्परिक तौर तरीकों से मनाया जाता है. टिहरी के कुछ इलाकों में यह पर्व दीपावली के ठीक एक माह बाद उसी दिन मनाया जाता है.

पहाड़ की इस दीपावली की अलग मान्यताएं हैं. कहीं पर इसे माधो सिंह भंडारी की विजय से जोड़ा जाता है तो कहीं पर इसे प्रकृति और मनुष्य के बीच चक्र को आधार मानते हुए फसलों से जोड़ते हुए मनाया जाता है. लेकिन आज आधुनिकता के दौर में पहाड़ में जहां गांव अपना अस्तित्व खो रहे हैं वहीं इस तरह के पारम्परिक त्योहार भी विलुप्त हो रहे हैं, जिसे देखते हुए अपनी इस परम्पराओं के प्रति संवेदनाएं रखने वाले लोग अपने-अपने तरीके से इन पर्वों के संरक्षण में जुटे हैं.

देहरादून: उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने सभी उत्तराखंडियों से अपील की है कि वो आगामी 25 नवम्बर को भव्य तरीके से अपना पारम्परिक त्योहार इगास मनाएं. बता दें कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में दीपावली के ठीक 11 दिन और कहीं कहीं एक महीने बाद बूढ़ी दीपावली या इगास मनाई जाती है.

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी.

अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए अनिल बलूनी ने सभी उत्तराखंडवासियों को इगास पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं दी हैं. बलूनी ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से वह अपने गांव नहीं जा पा रहे हैं, इसलिए सभी से इस पारम्परिक पर्व को पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ मनाने की अपील करते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से लोग इस पर्व को विशेष अहमियत दें रहे हैं, जो हमारी संस्कृति के लिए एक अच्छी पहल है. उन्होंने कहा कि इस बार भी सब अपने घरों में दीये जलाकर और पूरे पारम्परिक तौर तरीके से इस पर्व को मनाएं.

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बता दें कि पूरे उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों में दीपावली के ठीक 11 दिन बाद एकादशी पर इगास पर्व मनाया जाता है. इस पर्व का अगल-अलग जगहों पर अलग महत्व है. यह गांवों में अपने पारम्परिक तौर तरीकों से मनाया जाता है. टिहरी के कुछ इलाकों में यह पर्व दीपावली के ठीक एक माह बाद उसी दिन मनाया जाता है.

पहाड़ की इस दीपावली की अलग मान्यताएं हैं. कहीं पर इसे माधो सिंह भंडारी की विजय से जोड़ा जाता है तो कहीं पर इसे प्रकृति और मनुष्य के बीच चक्र को आधार मानते हुए फसलों से जोड़ते हुए मनाया जाता है. लेकिन आज आधुनिकता के दौर में पहाड़ में जहां गांव अपना अस्तित्व खो रहे हैं वहीं इस तरह के पारम्परिक त्योहार भी विलुप्त हो रहे हैं, जिसे देखते हुए अपनी इस परम्पराओं के प्रति संवेदनाएं रखने वाले लोग अपने-अपने तरीके से इन पर्वों के संरक्षण में जुटे हैं.

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