देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतारोही विजय प्रताप सिंह (Uttarakhand mountaineer Vijay Pratap Singh) ने 2024 के लिए विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (worlds highest peak Mount Everest) की चढ़ाई का लक्ष्य रखा है. इस चढ़ाई के बाद पर्वतारोही विजय प्रताप सिंह ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों के लिए काम करेंगे. पर्वतारोही विजय प्रताप सिंह (mountaineer Vijay Pratap Singh) ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों के लिए एक ऐसा ट्रेनिंग सेंटर (Training center for children with autism) खोलने जा रहे हैं जो पैरालंपिक के लिए ऑटिज्म ग्रसित बच्चों को तैयार करेगा.
उत्तराखंड के नेहरू माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट (Nehru Mountaineering Institute of Uttarakhand) से प्रशिक्षण प्राप्त कर उत्तराखंड की बर्फीली चोटियों को फतह कर चुके एडवेंथ्रिल के संचालक विजय प्रताप सिंह ने अब एक नई मुहिम शुरू की है. पर्वतारोही विजय प्रताप सिंह दरअसल बच्चों में पाई जाने वाली एक खास तरह की समस्या ऑटिज्म के लिए कुछ करना चाहते हैं. जिसके लिए वह माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई को माध्यम बना रहे हैं.
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विजय बताते हैं कि ऑटिज्म से ग्रसित होने के बाद भतीजे को तमाम तरह के स्पोर्ट्स में प्रशिक्षित किया है. पर्वतारोही विजय का कहना है कि वह लगातार पहले भी बच्चों में होने वाली इस समस्या को लेकर अपने प्रयासों से जागरूकता अभियान चलाते आ रहे हैं. इस दौरान प्रदेश और देश के कई अभिभावकों ने विजय से इस समस्या के संबंध में चर्चा की. जिससे प्रेरित होकर उन्होंने इस दिशा में काम करने का फैसला किया. अब पर्वतारोही विजय प्रताप सिंह ने संकल्प लिया है कि वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह करने के बाद अपना जीवन ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों के लिए समर्पित कर देंगे.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पर्वतारोही विजय प्रताप सिंह ने बताया कि वह 2024 में विश्व में सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करेंगे. इसके लिए वह अभी से तैयारी कर रहे हैं. पर्वतारोही विजय प्रताप सिंह ने बताया कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए उनकी फिजिकल तैयारी पूरी है. उन्हें अभी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए फंड एकत्रित करने की तैयारी करनी है. विजय ने बताया कि एक पर्वतारोही को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में तकरीबन 40 दिन का समय लगता है. इसमें 40 लाख के आसपास का खर्च आता है.
उन्होंने बताया 8,848 मीटर ऊंची विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट नेपाल में स्थित है. इसके लिए उन्हें अत्याधुनिक उपकरणों उसके अलावा कई अन्य प्रक्रियाओं के लिए फंड की आवश्यकता पड़ेगी. विजय ने बताया 2024 में होने वाली माउंट एवरेस्ट पर इस चढ़ाई के लिए उन्होंने तकरीबन एक करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है. जिसमें से 40 लाख वह अपने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में लगाएंगे. इसके अलावा बचे हुए पैसे से वे देशभर के ऑटिज्म से परेशान बच्चों की मदद करेंगे.
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क्या होती है ऑटिज्म की बीमारी: ऑटिज्म बच्चों में पाए जाने वाला ऐसा डिसऑर्डर है जिसकी मौजूदगी से बच्चा सामान्य बच्चों से कम सक्रिय होता है. साथ ही ऑटिज्म से ग्रसित बच्चा सामान्य बच्चों की तुलना में बेहद धीमी गति से प्रतिक्रिया देता है. कभी कभी बच्चा एक ही तरह की प्रतिक्रिया कई बार देता रहता है. यह एक तरह की फिजिकल डिफिसिएंसी है. अमूमन इस तरह के बच्चे हमारे समाज में देखे जाते हैं. पर्वतारोही विजय का कहना है कि उसके परिवार में भी ऑटिज्म से ग्रसित एक बच्चा है. पिछले लंबे समय से वह अपने भतीजे को इस समस्या से जूझते हुए देख रहे हैं.