ETV Bharat / state

IIRS और USDMA के बीच MoU साइन, जीआईएस और ग्लेशियरों की मिलेगी सटीक जानकारी - यूएसडीएमए न्यूज

आईआईआरएस और यूएसडीएमए के बीच किए गए दो एमओयू आपदा प्रबंधन की दिशा में मील के पत्थर साबित होंगे. अब राज्य सरकार को रियल टाइम सैटेलाइट डेटा उपलब्ध होता रहेगा और उसके अनुसार आपदा प्रबंधन तंत्र सक्रिय होकर काम कर सकेगा.

IIRS और USDMA के बीच MoU साइन
IIRS और USDMA के बीच MoU साइन
author img

By

Published : Nov 11, 2021, 3:14 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड आपदा के लिहाज से काफी संवेदनशील राज्य है. आपदा के दौरान जानमाल का कम नुकसान हो सके हो और समय रहते लोगों को अलर्ट किया जा सके, इसके लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. बुधवार को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) और भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) देहरादून के बीच दो महत्वपूर्ण समझौते (एमओयू) हुए हैं.

इस एमओयू के तहत भारतीय सुदूर संस्थान अंतरिक्ष और भौगोलिक सूचना प्रणाली के तहत होने वाली सतत विकास से संबंधी गतिविधियों को लेकर आपदा प्रबंधन के अधिकारियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षित करेग. साथ ही हिमालयी क्षेत्रों में अवस्थित ग्लेशियरों, हिमस्खलन, भू-स्खलन इत्यादि के खतरों की सैटेलाइट के माध्यम से सतत निगरानी कर संभावित खतरों से पहले राज्य को सूचना उपलब्ध कराएगा.

पढ़ें- धामी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आज, इन अहम प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

इस बारे में आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि इस कदम से आपदा प्रभावित राज्य को बेहतर तैयारी के साथ प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मियों को एमओयू के तहत भौगोलिक सूचना प्रणाली आधारित उत्पादों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा.

संस्थान के निदेशक प्रकाश चौहान ने कहा कि संस्थान ने अतीत में केदारनाथ और उत्तरकाशी में आई आपदाओं के विश्लेषण सहित हिमालयी क्षेत्र पर विभिन्न अध्ययन किए हैं. संस्थान लगातार उपग्रहों की मदद से हिमालयी क्षेत्र में झीलों, हिमस्खलन और भूस्खलन की निगरानी कर रहा है और केंद्र को उनकी जानकारी प्रदान कर रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड आपदा के लिहाज से काफी संवेदनशील राज्य है. आपदा के दौरान जानमाल का कम नुकसान हो सके हो और समय रहते लोगों को अलर्ट किया जा सके, इसके लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. बुधवार को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) और भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) देहरादून के बीच दो महत्वपूर्ण समझौते (एमओयू) हुए हैं.

इस एमओयू के तहत भारतीय सुदूर संस्थान अंतरिक्ष और भौगोलिक सूचना प्रणाली के तहत होने वाली सतत विकास से संबंधी गतिविधियों को लेकर आपदा प्रबंधन के अधिकारियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षित करेग. साथ ही हिमालयी क्षेत्रों में अवस्थित ग्लेशियरों, हिमस्खलन, भू-स्खलन इत्यादि के खतरों की सैटेलाइट के माध्यम से सतत निगरानी कर संभावित खतरों से पहले राज्य को सूचना उपलब्ध कराएगा.

पढ़ें- धामी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आज, इन अहम प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

इस बारे में आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि इस कदम से आपदा प्रभावित राज्य को बेहतर तैयारी के साथ प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मियों को एमओयू के तहत भौगोलिक सूचना प्रणाली आधारित उत्पादों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा.

संस्थान के निदेशक प्रकाश चौहान ने कहा कि संस्थान ने अतीत में केदारनाथ और उत्तरकाशी में आई आपदाओं के विश्लेषण सहित हिमालयी क्षेत्र पर विभिन्न अध्ययन किए हैं. संस्थान लगातार उपग्रहों की मदद से हिमालयी क्षेत्र में झीलों, हिमस्खलन और भूस्खलन की निगरानी कर रहा है और केंद्र को उनकी जानकारी प्रदान कर रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.