देहरादून: भारतीय वानिकी अनुसंधान, शिक्षा परिषद (ICFRE) देहरादून, केंद्रीय औषधीय और सुगंधित पौध संस्थान (CIMAP) लखनऊ के बीच वानिकी अनुसंधान शिक्षा के विस्तार के लिए एक एमओयू साइन किया गया है. इसके साथ ही भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद ने इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) काठमांडू नेपाल के बीच भी पर्वतीय परिस्थितिक तंत्र आदि मुद्दों पर विस्तार और खोज के लिए लेटर ऑफ इंटेंट पर वर्चुअल माध्यम से हस्ताक्षर किए गए हैं.
ICFRE के अधिकारियों का कहना है कि दोनों संस्थानों के साथ हुआ समझौता वन सहित जलवायु और पर्वतीय परिस्थितिक तंत्र की शिक्षा सहित खोज और अनुसंधान परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा. महानिदेशक आईसीएफआरई एएस रावत निदेशक सीआईएमएपी डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने वानिकी अनुसंधान शिक्षा के विस्तार के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. साथ ही वर्चुअल माध्यम से आईसीआईएमओडी काठमांडू के महानिदेशक डॉ. पेमा ग्यामतसो के साथ वर्चुअल माध्यम से लेटर ऑफ इंटेंट पर साइन किया गया.
ICFRE के महानिदेशक एएस रावत ने कहा कि CIMAP के साथ एमओयू साइन होने के बाद औषधीय और सुंगधित पौधों के क्षेत्र में अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करने में एक-दूसरे की मदद करेंगे. साथ ही यह तकनीकी खामियों की पहचान करने सहित वन आधारित प्रौद्योगिकियों के विस्तार में भी सहयोगी साबित होगा. साथ ही एएस रावत ने कहा कि ICIMOD के साथ लेटर ऑफ इंटेंट साइन होने के बाद अब दोनों संगठनों के लिए शिक्षा अनुसधान और विकास के तालमेल को बढ़ावा मिलेगा.
साथ ही इसका उद्देश्य है कि आर्थिकी परिस्थितिक सुरक्षा सहित क्षमता निर्माण और पर्वतीय परिस्थितिक तंत्र के अनुसंधान की जानकारियों को बढ़ाने के लिए बल मिलेगा. साथ ही इससे हिंदुकुश हिमालय के वनों के अनुसंधान को और इसके आश्रित समुदाय के विकास के लिए भी सहयोगी होगा.