डोईवाला: सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) और भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) देहरादून के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों को लाभ मिलेगा. इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य छात्रों में कौशल उन्नयन और दोनों संस्थानों में मौजूद तकनीकी सुविधाओं का आपस में उपयोग और तकनीकी सुविधाओं को बढ़ावा देना है.
केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से डोईवाला स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) संस्थान और भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआई पी) के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. जिसको लेकर सिपेट के उपनिदेशक अभिषेक राजवंश ने बताया कि दोनों संस्थान पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल और प्राकृतिक गैस सहित केमिकल इंजीनियरिंग से संबंधित क्षेत्र, ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग से संबंधित क्षेत्रों सहित मैकेनिकल इंजीनियरिंग आदि में अनुसंधान संबंधित सहयोग का आदान-प्रदान करना है. वहीं दोनों संस्थान आपस में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इत्यादि कार्य मिलकर करेंगे.
ये भी पढ़ेंः 'उत्तराखंड विमर्श' के बैनर तले विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों की बैठक, कई मुद्दों पर चर्चा
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दोनों संस्थान अनुसंधान से संबंधित गतिविधि, शोधकर्ताओं से संबंधित कार्य और अनुसंधान संबंधी मुद्दों पर संगोष्ठी आयोजित करने, सम्मेलनों और बैठकों का आयोजन करने, इन सभी कार्यों को दोनों संस्थान आपस में मिलकर करेंगे और अनुसंधान शोधकर्ताओं से संबंधित कार्य में आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे.
वहीं, दोनों संस्थानों के बीच एमओयू साइन के समय आईआईपी के निदेशक डॉ. रंजना रे, डॉ. अतुल रंजन और डॉ. सीडी शर्मा ने सिपेट संस्थान में विभिन्न विभागों प्लास्टिक प्रोसेसिंग, टेस्टिंग, टूल रूम और डिजाइनिंग लैब का भी निरीक्षण किया.