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उत्तराखंड में नदियों की होगी रियल टाइम मॉनिटरिंग, आपदा प्रबंधन और IRI रुड़की के बीच MoU

उत्तराखंड में नदियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए आपदा प्रबंधन और IRI रुड़की के बीच MOU साइन किया गया है. इसके तहत आईआरआई रुड़की प्रदेश की सभी बड़ी नदियों में रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए ऑटोमैटिक सिस्टम लगाएगा.

MoU between Disaster Management and IRI Roorkee
आपदा प्रबंधन और IRI रुड़की के बीच MOU
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Published : Nov 2, 2022, 10:31 PM IST

Updated : Nov 2, 2022, 11:00 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. जिसमें आईआरआई रुड़की, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के लिए प्रदेश की सभी बड़ी नदियों में रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम लगाएगा.

आज सचिवालय में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की की केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं. नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक की गई. बैठक के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के बीच जल संसाधन संबंधी आंकड़े साझा करने के लिए एक एमओयू साइन किया गया.

आपदा प्रबंधन और IRI रुड़की के बीच MoU.

बता दे कि जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना का राज्य में सिंचाई अनुसंधान रुड़की द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है. इसी के तहत उत्तराखंड में रियल टाइम फ्लड फॉरकास्टिंग एंड अर्ली वार्निंग सिस्टम डवेलप किया जाना है. इसी संबंध में जानकारी, सूचना और डाटा आदान-प्रदान के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सिंचाई अनुसंधान रुड़की के बीच एक करार किया गया है.

सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा ने कहा केंद्र के हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत नदियों में AWLR सेंसर लगाए जा रहे हैं. जो नदियों के जलस्तर को मॉनिटर करते हैं. नदियों में लगाया जा रहे, इन सभी सेंसर को एक सिस्टम के तहत सीधा आपदा कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट किया जा रहा है. नदियों में इंटीग्रेटेड सिस्टम को लगाने से यह होगा कि जलस्तर का रियल टाइम डाटा आपदा प्रबंधन विभाग को मिल पाएगा. जिससे प्रदेश में आपदा के समय नदियों के जलस्तर प्रबंधन और अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी.

जलस्तर बढ़ने पर बजेगा एटोमेटिक सायरन: रंजीत सिन्हा ने बताया कि अब आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा योजना बनाई जा रही है कि सभी नदियों में डाउनस्ट्रीम में इंटीग्रेटेड ऑटोमेटिक सायरन सिस्टम लगाया जाएगा. ताकि मैनुअली उन जगहों पर अलर्ट जारी करने में देरी ना हो, बल्कि जलस्तर बढ़ने पर खुद ही सायरन एक्टिवेट हो जाए. नदियों में लगाए जा रहे यह इंटीग्रेटेड ऑटोमेटिक सेंसर आपदा प्रबंधन विभाग के डीएसएस सिस्टम से भी कनेक्ट किए जाएंगे. ताकि एक ही प्लेटफार्म पर सभी सूचनाएं प्राप्त हो सके और प्रदेश में आपदा की परिस्थितियों से निपटने के लिए आसानी हो पाए.

देहरादून: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. जिसमें आईआरआई रुड़की, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के लिए प्रदेश की सभी बड़ी नदियों में रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम लगाएगा.

आज सचिवालय में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग और सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की की केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं. नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक की गई. बैठक के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के बीच जल संसाधन संबंधी आंकड़े साझा करने के लिए एक एमओयू साइन किया गया.

आपदा प्रबंधन और IRI रुड़की के बीच MoU.

बता दे कि जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना का राज्य में सिंचाई अनुसंधान रुड़की द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है. इसी के तहत उत्तराखंड में रियल टाइम फ्लड फॉरकास्टिंग एंड अर्ली वार्निंग सिस्टम डवेलप किया जाना है. इसी संबंध में जानकारी, सूचना और डाटा आदान-प्रदान के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सिंचाई अनुसंधान रुड़की के बीच एक करार किया गया है.

सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा ने कहा केंद्र के हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत नदियों में AWLR सेंसर लगाए जा रहे हैं. जो नदियों के जलस्तर को मॉनिटर करते हैं. नदियों में लगाया जा रहे, इन सभी सेंसर को एक सिस्टम के तहत सीधा आपदा कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट किया जा रहा है. नदियों में इंटीग्रेटेड सिस्टम को लगाने से यह होगा कि जलस्तर का रियल टाइम डाटा आपदा प्रबंधन विभाग को मिल पाएगा. जिससे प्रदेश में आपदा के समय नदियों के जलस्तर प्रबंधन और अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी.

जलस्तर बढ़ने पर बजेगा एटोमेटिक सायरन: रंजीत सिन्हा ने बताया कि अब आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा योजना बनाई जा रही है कि सभी नदियों में डाउनस्ट्रीम में इंटीग्रेटेड ऑटोमेटिक सायरन सिस्टम लगाया जाएगा. ताकि मैनुअली उन जगहों पर अलर्ट जारी करने में देरी ना हो, बल्कि जलस्तर बढ़ने पर खुद ही सायरन एक्टिवेट हो जाए. नदियों में लगाए जा रहे यह इंटीग्रेटेड ऑटोमेटिक सेंसर आपदा प्रबंधन विभाग के डीएसएस सिस्टम से भी कनेक्ट किए जाएंगे. ताकि एक ही प्लेटफार्म पर सभी सूचनाएं प्राप्त हो सके और प्रदेश में आपदा की परिस्थितियों से निपटने के लिए आसानी हो पाए.

Last Updated : Nov 2, 2022, 11:00 PM IST
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