देहरादून: केंद्रीय बजट के बाद अब राज्य सरकारें अपने बजट की तैयारियों में जुटी गई है. उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी बजट सत्र को लेकर तैयारियों शुरू कर दी है. उम्मीद की जा रही है कि मार्च के दूसरे हफ्ते तक उत्तराखंड में बजट सत्र आहूत किया जाएगा. लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 के बजट सत्र से पहले हम आपको उन विभाग के बारे में जानकारी देते हुए, जो अभीतक अपना पूरा बजट भी खर्च नहीं कर पाए हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश का विकास किस गति से हो रहा है.
राज्य सरकार हर साल बजट सत्र में विभाग को विकास कार्यों के लिए धनराशि आवंटित करती है, लेकिन समस्या ये है कि अधिकारियों के सुस्त रवैये के कारण विभाग अपन बजट ही नहीं खर्च कर पाता है और इस कारण से आम लोगों को वो मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, जिन पर उनका हक है. यही कारण है कि आज उत्तराखंड में विकास का पहिया उस रफ्तार से नहीं घूम रहा है, जिस रफ्तार से उसे दौड़ना चाहिए.
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64 विभागों के पूंजीगत व्यय पर एक नजर: प्रदेश के पूंजीगत विकास के लिए लाए गये 11987 करोड़ के बजट में विभागवार अगर नजर डालें तो नव निर्माण, विकास और अवस्थापना विकास को दृष्टिगत रखते हुए सरकार के इन 64 विभागों में 10 ऐसे विभाग है, जिनका बजट सबसे ज्यादा है.
ये वो दस विभाग है कि जिनका बजट सबसे ज्यादा है. लेकिन इसमें से कुछ विभाग ऐसे भी हैं, जो अभीतक अपना बजट पूरा खर्च नहीं कर पाए हैं, जबकि वित्त वर्ष खत्म होने में डेढ़ महीने से भी कम का समय बचा हुआ है.
ये सभी वो विभाग हैं, जिनका बजट अन्य विभाग से काफी ज्यादा है. इससे साफ होता है कि इन विभागों पर प्रदेश के विकास की जिम्मेदारी भी बड़ी होगी, लेकिन बजट खर्च करने में ये विभाग की सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं, जिससे इन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. लेकिन ये सभी विभाग अपने बजट का कुल 50 फीसदी भी खर्च नहीं कर पाए हैं.
ऐसे में आप विकास की रफ्तार का आकलन कर सकते हैं. हालांकि कुछ विभाग ऐसे भी हैं, जिनका काफी हद तक अपना खर्च किया है और प्रदेश को आगे ले जाने का काम किया है. आगामी वित्त वर्ष 2023-24 का बजट कैसे रहेगा और आने वाले बजट में आम जनता के लिए क्या कुछ खास रहने वाला है. इसको लेकर वित्तमंत्री ने अपनी प्रतिक्रया दी है.
बजट को लेकर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड के नाम रहेगा और इसकी संकल्प के साथ उत्तराखंड को देश के अग्रिम राज्यों की श्रेणी में शामिल करना है. उसी को ध्यान में रखते हुए बजट का स्वरूप तैयार किया जा रहा है. साथ ही विगत वर्ष की तरह इस बार भी बजट सत्र को लेकर तमाम स्टेक होल्डर्स के साथ चर्चा के कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं और सरकार की कोशिश रहेगी की आने वाले इस बजट को इस तरह से डिजाइन किया जाए, ताकु प्रदेश के हर व्यक्ति की जरूरतों के अनुरूप बजट हो.