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साल 2022 में उत्तराखंड में तेजी से बढ़ा महिला अपराध, सबसे ज्यादा रेप के मामले

साल 2022 में उत्तराखंड में महिलाओं से बलात्कार के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से मिला जानकारी कहती है कि 2022 में 857 मामले बलात्कार के दर्ज किए गए. ये आकंड़ा 2021 के आंकड़े से 117 और 2020 के आंकड़ों से 307 ज्यादा है

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Published : Jan 1, 2023, 4:10 PM IST

उत्तराखंड में तेजी से बढ़ा महिला अपराध.

देहरादूनः उत्तराखंड में विगत 2 वर्षों की तुलना वर्ष 2022 में महिला अपराध, बलात्कार, दहेज हत्या, डकैती, लूट, चोरी, वाहन चोरी एवं चेन स्नेचिंग जैसे मामलों में खासा इजाफा हुआ है. इसमें सबसे अधिक चिंता का विषय महिला अपराध से जुड़े बढ़ते मामलों को लेकर है. पिछले 2 सालों की तुलना में 2022 में 28 दिसंबर तक बलात्कार के 857 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि 2021 में 740 और 2020 में 570 बलात्कार के मामले सामने आए. लेकिन गनीमत यह है कि इन सब अपराधों के केस वर्कआउट के प्रतिशत काफी हद तक संतोषजनक है.

बलात्कारः वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर तक राज्य में कुल 857 बलात्कार के मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हो चुके हैं. जबकि 2021 में 740 और 2020 में 570 बलात्कार के मामले दर्ज हुए थे. हालांकि, पुलिस आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष 2022 में बलात्कार के सभी मामलों को 100 फीसदी वर्कआउट किया है. लेकिन इसके बावजूद बलात्कार के लगातार बढ़ते मामले राज्य के लिए चिंता का विषय है.

बलात्कार के मामले में उधमसिंह नगर सबसे आगेः बलात्कार के मामले में 2022 में सबसे अधिक 239 की संख्या में उधमसिंह नगर में दर्ज हुए. जबकि, हरिद्वार में 232 और देहरादून जिले में बलात्कार के 177 मामले 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक दर्ज हुए.

महिला अपहरणः वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक महिला अपहरण के 395 मामले दर्ज हुए. जबकि 2021 में 370 और 2020 में 237 दर्ज हुए. 2022 में महिला अपहरण के 90 फीसदी मामले वर्कआउट किए गए.

दहेज हत्याः वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक राज्य में दहेज हत्या के कुल 70 मामले दर्ज हुए. हालांकि, 2021 में 70 और 2020 में 63 दहेज हत्या के मामले दर्ज हुए थे. वहीं, राहत की बात यह है कि इस वर्ष 2022 में दहेज हत्या के सभी मामले पुलिस आंकड़ों के मुताबिक 100 प्रतिशत वर्कआउट किए गए. 2022 में 28 दिसंबर तक सबसे अधिक दहेज हत्या के मामले उधमसिंह नगर में 24 दर्ज हुए. जबकि, हरिद्वार में 20 और देहरादून में 8 मामले दर्ज हुए.

फिरौती व अपहरण मामलों में आई कमीः 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक फिरौती और अपहरण के मामले राज्य भर में मात्र 3 दर्ज हुए. जबकि 2021 में 5 दर्ज किए गए थे. 2020 में केवल 2 दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 में फिरौती अपहरण के सभी मामले 100 फीसदी पुलिस ने वर्कआउट किए.

हत्या के लिए अपहरणः इस वर्ष 1 जनवरी 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक उत्तराखंड में हत्या के लिए अपहरण के मामले मात्र तीन पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किए गए. हालांकि, 2021 में 5 दर्ज हुए थे. 2020 में केवल 2 केस दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 में हत्या के लिए अपहरण के सभी मामले 100% पुलिस ने वर्कआउट किए.

अन्य तरह के अपहरणः इस वर्ष 1 जनवरी 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक अन्य तरह के अपहरण के मामले राज्य भर में 136 दर्ज हुए. जबकि 2021 में 95 दर्ज हुए थे. 2020 में केवल 44 मामले इस तरह के दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 में अन्य अपहरण के मामले पुलिस ने 75 फीसदी वर्कआउट किए.

अन्य तरह में IPC के अंतर्गत दर्ज मुकदमों की स्थितिः इस वर्ष 1 जनवरी 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक राज्य में अन्य तरह के आईपीसी के अंतर्गत 10,175 मुकदमे दर्ज हुए. जबकि 2021 में 9531 हुए थे. 2020 में 7968 दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 में उत्तराखंड पुलिस ने अन्य तरह के आईपीसी में दर्ज मुकदमों को 86 फीसदी वर्कआउट किया.

डकैतीः डकैती की घटनाओं की बात करें तो 1 जनवरी 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक राज्य भर में 19 डकैती के मामले दर्ज हुए. जबकि 2021 में 14 और 2020 में केवल 6 डकैती के मामले दर्ज हुए थे. हालांकि, राहत की बात यह है कि इस वर्ष 2022 में हुए डकैती सभी 19 मामले पुलिस अधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से 100 प्रतिशत वर्कआउट हैं.

सबसे अधिक हरिद्वार में डकैती की घटनाएंः 2022 डकैती घटनाओं की बात करें तो सबसे अधिक हरिद्वार में 8, उधमसिंह नगर में 5 और देहरादून में 4 दर्ज हुए. 2021 में भी हरिद्वार में सबसे अधिक 9 घटनाएं डकैती की पुलिस में दर्ज हुए थे.

लूटः लूट की घटनाओं की बात करें तो वर्ष 2022 में इन वारदातों की संख्या बढ़ी है. 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक प्रदेश भर में 168 लूट के मामले दर्ज हुए. जबकि, 2021 में 145 दर्ज हुए और 2020 में 104 मामले दर्ज हुए थे. हालांकि, पुलिस अधिकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 2022 में डकैती के 94 मामले वर्कआउट किए गए.

देहरादून में लूट की घटनाएं सबसे अधिकः वर्ष 2022 में लूट की घटनाएं सबसे अधिक देहरादून जनपद में 59 हुई. जबकि उधमसिंह नगर में 40 और 38 लूट की घटनाएं हरिद्वार में हुई.

वाहन लूटः वाहन लूट की बात करें तो वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक प्रदेश भर में कुल 15 वाहन लूट के मामले दर्ज हुए. जबकि 2021 में 13 और 2020 में भी 13 वाहन लूट के मामले दर्ज हुए थे. ऐसे में पुलिस अधिकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 2022 में वाहन लूट के 87 फीसदी मामले वर्कआउट किए गए.

हरिद्वार में वाहन लूट के सबसे अधिक मामलेः वर्ष 2022 में वाहन लूट की घटनाएं सबसे अधिक हरिद्वार में 12 हुई. जबकि उधमसिंह नगर में 2 और देहरादून में 1 दर्ज हुई.

चेन स्नेचिंगः इस वर्ष 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 34 केस चैन स्केचिंग के दर्ज किए गए. जबकि 2021 में 26 मामले दर्ज हुए. वर्ष 2020 में केवल 11 मामले चैन स्नेचिंग के दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 के चेन स्नेचिंग केस का वर्कआउट 77 फीसदी रहा.

चेन स्नेचिंग में देहरादून सबसे आगेः वर्ष 2022 में चेन स्नेचिंग के सबसे अधिक मामले देहरादून में 16 दर्ज हुई हैं. जबकि उधमसिंह नगर में 9 और हरिद्वार में 5 चेन स्नेचिंग की घटनाएं हुईं. बता दें कि वर्ष 2021 में चेन स्नेचिंग की सबसे अधिक 13 घटनाएं हरिद्वार जनपद में हुई थी.

गृह भेदनः इस वर्ष 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 524 गृह भेदन के मामले राज्य भर में पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुए. जबकि 2021 में 500 मामले गृह भेदन के पंजीकृत हुए और वर्ष 2020 में राज्य भर में 342 मामले गृह भेदन के तहत पुलिस मुकदमा में दर्ज हुए. ऐसे में इस वर्ष 2022 में गृह भेदन के मामलों का वर्कआउट 73 फीसदी रहा.

गृह भेदन के अपराधों में भी देहरादून सबसे आगेः बता दें कि वर्ष 2022 में गृह भेदन के सबसे अधिक मामले देहरादून में 160 दर्ज हुए जबकि हरिद्वार में 128 और उधमसिंह नगर में 97 मामले गृह भेदन के दर्ज किए गए. हालांकि, वर्ष 2021 में गृह भेदन के मामले सबसे अधिक 142 हरिद्वार में दर्ज हुए थे. देहरादून में 134 और उधमसिंह नगर में 111 दर्ज हुए थे.

वाहन चोरीः उत्तराखंड में वाहन चोरी की बात करें तो इस वर्ष 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 1287 वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए. जबकि 2021 में 957 और वर्ष 2020 में प्रदेश भर में 568 वाहन चोरी के मुकदमे पुलिस केस में दर्ज हुए. ऐसे में इस वर्ष 2022 में वाहन चोरी के केस 53 फीसदी वर्कआउट किए गए.

हरिद्वार में वाहन चोरी के मामले सबसे अधिकः वाहन चोरी के मामले वर्ष 2022 में सबसे अधिक हरिद्वार जनपद में 502 दर्ज किए गए. जबकि दूसरे नंबर पर उधमसिंह नगर 366 और तीसरे नंबर देहरादून में 287 वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए. वर्ष 2021 में भी 381 वाहन चोरी के मामले सबसे अधिक हरिद्वार में दर्ज हुए थे. जबकि 298 उधमसिंह नगर में और 169 देहरादून में दर्ज हुए

चोरीः इस वर्ष 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 1488 मुकदमें चोरी के दर्ज हुए. जबकि वर्ष 2021 में 1188 और वर्ष 2020 में 701 चोरी के केस राज्य में दर्ज हुए. ऐसे में इस वर्ष 2022 में 70 फीसदी चोरी के मुकदमें वर्कआउट किए गए.

चोरी के मामले में हरिद्वार सबसे आगेः वर्ष 2022 में चोरी के सबसे अधिक मामले 432 की संख्या में हरिद्वार में दर्ज है. जबकि दूसरे नंबर पर देहरादून 373 और तीसरे नंबर पर उधमसिंह नगर में 248 मामले चोरी के दर्ज किए गए. बता दें कि वर्ष 2021 में भी हरिद्वार में सबसे अधिक 450 चोरी के मामले दर्ज हुए थे. जबकि देहरादून में 248 और उधमसिंह नगर में 198 केस चोरी के दर्ज किए गए थे.

हत्याः उत्तराखंड ने हत्या की घटनाओं में 2022 में कुछ कमी जरूर आई है. हालांकि, अभी दिसंबर माह के 3 दिन के आंकड़े आने बाकी हैं. 1जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 186 हत्या के मामले पुलिस रिकॉर्ड में पंजीकृत हुए. जबकि 2021 में 196 मामले और वर्ष 2020 में प्रदेश भर में 157 हत्या के मामलें पुलिस में दर्ज हुए. ऐसे में वर्ष 2022 में 28 दिसंबर तक हत्या के मामले 91 फीसदी वर्कआउट किए गए.

उधमसिंह नगर में सबसे ज्यादा हत्या की घटनाएंः 2022 में 28 दिसंबर तक सबसे अधिक हत्या के मामले उधमसिंह नगर में 50 केस दर्ज किए गए. जबकि हरिद्वार में 39 और देहरादून में 33 हत्या के मामले दर्ज हुए. हालांकि, वर्ष 2021 में हरिद्वार में 68 की संख्या में सबसे अधिक हत्या के मामले दर्ज हुए थे. वहीं, उधमसिंह नगर में 34 और देहरादून में 33 केस दर्ज हुए थे.

बलवा अपराधः 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक प्रदेश भर में बलवा अपराध के 948 मामले दर्ज किए गए. जबकि 2021 में 770 और 2020 में 678 दर्ज हुए थे. पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में 99 फीसदी बलवा अपराध के मामले वर्कआउट किए गए. वहीं, इस साल 2022 में बलवा के सबसे अधिक मामले 407 केस हरिद्वार में दर्ज हुए. जबकि 238 देहरादून और 161 मामले उधमसिंह नगर में पंजीकृत किए गए.

साइबर अपराध आईटी एक्ट के मामलेः साल 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर तक प्रदेश भर में 529 मामले साइबर एक्ट के तहत दर्ज किए गए. जबकि 2021 में 638 और 2020 में 315 साइबर IT एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हुए थे. इस वर्ष 2022 में सबसे अधिक साइबर आईटी एक्ट के मामले देहरादून में 203 मामले दर्ज किए गए. जबकि 118 मामले उधमसिंह नगर के दर्ज किए गए.

2022 में वांटेड इनामी अपराधियों की स्थितिः दूसरी तरफ 2022 में 1 दिसंबर 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक फरार, वांटेड व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की बात करें तो इसमें पुलिस ने काफी हद तक सफलता हासिल की है.

वांटेड अपराधीः पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक राज्य में वर्तमान में कुल वांछित अपराधियों की सख्या 1585 है. ऐसे में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक विशेष अभियान के अंतर्गत 376 इनामी व अन्य अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. हालांकि, धरपकड़ का अभियान अभी 1 माह से अधिक समय तक जारी है. 1 दिसंबर से 28 दिसंबर 2022 तक आंकड़ों के अनुसार इस अभियान के दौरान गिरफ्तार अपराधियों पर 82/83 कानूनी कार्रवाई की गई. जबकि इस दरमियां 651 लोग हाजिर/ स्टेट/ 41(A) का नोटिस लगाया.

वांटेड में से इनामी अपराधीः 1 दिसंबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक विशेष इनामी धरपकड़ अभियान से पूर्व 224 वांछित अपराधियों पर इनाम घोषित था. लेकिन अभियान के दौरान 259 और अपराधियों पर इनाम की घोषणा की गई. यानी अब 483 फरार अभियुक्तों पर पुरस्कार घोषित किया गया. हालांकि, इनमें से 147 गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिसमें से इस अभियान के अंतर्गत 14 गिरफ्तारी एसटीएफ द्वारा की गई.

उत्तराखंड में तेजी से बढ़ा महिला अपराध.

देहरादूनः उत्तराखंड में विगत 2 वर्षों की तुलना वर्ष 2022 में महिला अपराध, बलात्कार, दहेज हत्या, डकैती, लूट, चोरी, वाहन चोरी एवं चेन स्नेचिंग जैसे मामलों में खासा इजाफा हुआ है. इसमें सबसे अधिक चिंता का विषय महिला अपराध से जुड़े बढ़ते मामलों को लेकर है. पिछले 2 सालों की तुलना में 2022 में 28 दिसंबर तक बलात्कार के 857 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि 2021 में 740 और 2020 में 570 बलात्कार के मामले सामने आए. लेकिन गनीमत यह है कि इन सब अपराधों के केस वर्कआउट के प्रतिशत काफी हद तक संतोषजनक है.

बलात्कारः वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर तक राज्य में कुल 857 बलात्कार के मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हो चुके हैं. जबकि 2021 में 740 और 2020 में 570 बलात्कार के मामले दर्ज हुए थे. हालांकि, पुलिस आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष 2022 में बलात्कार के सभी मामलों को 100 फीसदी वर्कआउट किया है. लेकिन इसके बावजूद बलात्कार के लगातार बढ़ते मामले राज्य के लिए चिंता का विषय है.

बलात्कार के मामले में उधमसिंह नगर सबसे आगेः बलात्कार के मामले में 2022 में सबसे अधिक 239 की संख्या में उधमसिंह नगर में दर्ज हुए. जबकि, हरिद्वार में 232 और देहरादून जिले में बलात्कार के 177 मामले 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक दर्ज हुए.

महिला अपहरणः वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक महिला अपहरण के 395 मामले दर्ज हुए. जबकि 2021 में 370 और 2020 में 237 दर्ज हुए. 2022 में महिला अपहरण के 90 फीसदी मामले वर्कआउट किए गए.

दहेज हत्याः वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक राज्य में दहेज हत्या के कुल 70 मामले दर्ज हुए. हालांकि, 2021 में 70 और 2020 में 63 दहेज हत्या के मामले दर्ज हुए थे. वहीं, राहत की बात यह है कि इस वर्ष 2022 में दहेज हत्या के सभी मामले पुलिस आंकड़ों के मुताबिक 100 प्रतिशत वर्कआउट किए गए. 2022 में 28 दिसंबर तक सबसे अधिक दहेज हत्या के मामले उधमसिंह नगर में 24 दर्ज हुए. जबकि, हरिद्वार में 20 और देहरादून में 8 मामले दर्ज हुए.

फिरौती व अपहरण मामलों में आई कमीः 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक फिरौती और अपहरण के मामले राज्य भर में मात्र 3 दर्ज हुए. जबकि 2021 में 5 दर्ज किए गए थे. 2020 में केवल 2 दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 में फिरौती अपहरण के सभी मामले 100 फीसदी पुलिस ने वर्कआउट किए.

हत्या के लिए अपहरणः इस वर्ष 1 जनवरी 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक उत्तराखंड में हत्या के लिए अपहरण के मामले मात्र तीन पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किए गए. हालांकि, 2021 में 5 दर्ज हुए थे. 2020 में केवल 2 केस दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 में हत्या के लिए अपहरण के सभी मामले 100% पुलिस ने वर्कआउट किए.

अन्य तरह के अपहरणः इस वर्ष 1 जनवरी 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक अन्य तरह के अपहरण के मामले राज्य भर में 136 दर्ज हुए. जबकि 2021 में 95 दर्ज हुए थे. 2020 में केवल 44 मामले इस तरह के दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 में अन्य अपहरण के मामले पुलिस ने 75 फीसदी वर्कआउट किए.

अन्य तरह में IPC के अंतर्गत दर्ज मुकदमों की स्थितिः इस वर्ष 1 जनवरी 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक राज्य में अन्य तरह के आईपीसी के अंतर्गत 10,175 मुकदमे दर्ज हुए. जबकि 2021 में 9531 हुए थे. 2020 में 7968 दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 में उत्तराखंड पुलिस ने अन्य तरह के आईपीसी में दर्ज मुकदमों को 86 फीसदी वर्कआउट किया.

डकैतीः डकैती की घटनाओं की बात करें तो 1 जनवरी 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक राज्य भर में 19 डकैती के मामले दर्ज हुए. जबकि 2021 में 14 और 2020 में केवल 6 डकैती के मामले दर्ज हुए थे. हालांकि, राहत की बात यह है कि इस वर्ष 2022 में हुए डकैती सभी 19 मामले पुलिस अधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से 100 प्रतिशत वर्कआउट हैं.

सबसे अधिक हरिद्वार में डकैती की घटनाएंः 2022 डकैती घटनाओं की बात करें तो सबसे अधिक हरिद्वार में 8, उधमसिंह नगर में 5 और देहरादून में 4 दर्ज हुए. 2021 में भी हरिद्वार में सबसे अधिक 9 घटनाएं डकैती की पुलिस में दर्ज हुए थे.

लूटः लूट की घटनाओं की बात करें तो वर्ष 2022 में इन वारदातों की संख्या बढ़ी है. 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक प्रदेश भर में 168 लूट के मामले दर्ज हुए. जबकि, 2021 में 145 दर्ज हुए और 2020 में 104 मामले दर्ज हुए थे. हालांकि, पुलिस अधिकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 2022 में डकैती के 94 मामले वर्कआउट किए गए.

देहरादून में लूट की घटनाएं सबसे अधिकः वर्ष 2022 में लूट की घटनाएं सबसे अधिक देहरादून जनपद में 59 हुई. जबकि उधमसिंह नगर में 40 और 38 लूट की घटनाएं हरिद्वार में हुई.

वाहन लूटः वाहन लूट की बात करें तो वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक प्रदेश भर में कुल 15 वाहन लूट के मामले दर्ज हुए. जबकि 2021 में 13 और 2020 में भी 13 वाहन लूट के मामले दर्ज हुए थे. ऐसे में पुलिस अधिकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 2022 में वाहन लूट के 87 फीसदी मामले वर्कआउट किए गए.

हरिद्वार में वाहन लूट के सबसे अधिक मामलेः वर्ष 2022 में वाहन लूट की घटनाएं सबसे अधिक हरिद्वार में 12 हुई. जबकि उधमसिंह नगर में 2 और देहरादून में 1 दर्ज हुई.

चेन स्नेचिंगः इस वर्ष 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 34 केस चैन स्केचिंग के दर्ज किए गए. जबकि 2021 में 26 मामले दर्ज हुए. वर्ष 2020 में केवल 11 मामले चैन स्नेचिंग के दर्ज हुए थे. ऐसे में इस वर्ष 2022 के चेन स्नेचिंग केस का वर्कआउट 77 फीसदी रहा.

चेन स्नेचिंग में देहरादून सबसे आगेः वर्ष 2022 में चेन स्नेचिंग के सबसे अधिक मामले देहरादून में 16 दर्ज हुई हैं. जबकि उधमसिंह नगर में 9 और हरिद्वार में 5 चेन स्नेचिंग की घटनाएं हुईं. बता दें कि वर्ष 2021 में चेन स्नेचिंग की सबसे अधिक 13 घटनाएं हरिद्वार जनपद में हुई थी.

गृह भेदनः इस वर्ष 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 524 गृह भेदन के मामले राज्य भर में पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुए. जबकि 2021 में 500 मामले गृह भेदन के पंजीकृत हुए और वर्ष 2020 में राज्य भर में 342 मामले गृह भेदन के तहत पुलिस मुकदमा में दर्ज हुए. ऐसे में इस वर्ष 2022 में गृह भेदन के मामलों का वर्कआउट 73 फीसदी रहा.

गृह भेदन के अपराधों में भी देहरादून सबसे आगेः बता दें कि वर्ष 2022 में गृह भेदन के सबसे अधिक मामले देहरादून में 160 दर्ज हुए जबकि हरिद्वार में 128 और उधमसिंह नगर में 97 मामले गृह भेदन के दर्ज किए गए. हालांकि, वर्ष 2021 में गृह भेदन के मामले सबसे अधिक 142 हरिद्वार में दर्ज हुए थे. देहरादून में 134 और उधमसिंह नगर में 111 दर्ज हुए थे.

वाहन चोरीः उत्तराखंड में वाहन चोरी की बात करें तो इस वर्ष 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 1287 वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए. जबकि 2021 में 957 और वर्ष 2020 में प्रदेश भर में 568 वाहन चोरी के मुकदमे पुलिस केस में दर्ज हुए. ऐसे में इस वर्ष 2022 में वाहन चोरी के केस 53 फीसदी वर्कआउट किए गए.

हरिद्वार में वाहन चोरी के मामले सबसे अधिकः वाहन चोरी के मामले वर्ष 2022 में सबसे अधिक हरिद्वार जनपद में 502 दर्ज किए गए. जबकि दूसरे नंबर पर उधमसिंह नगर 366 और तीसरे नंबर देहरादून में 287 वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए. वर्ष 2021 में भी 381 वाहन चोरी के मामले सबसे अधिक हरिद्वार में दर्ज हुए थे. जबकि 298 उधमसिंह नगर में और 169 देहरादून में दर्ज हुए

चोरीः इस वर्ष 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 1488 मुकदमें चोरी के दर्ज हुए. जबकि वर्ष 2021 में 1188 और वर्ष 2020 में 701 चोरी के केस राज्य में दर्ज हुए. ऐसे में इस वर्ष 2022 में 70 फीसदी चोरी के मुकदमें वर्कआउट किए गए.

चोरी के मामले में हरिद्वार सबसे आगेः वर्ष 2022 में चोरी के सबसे अधिक मामले 432 की संख्या में हरिद्वार में दर्ज है. जबकि दूसरे नंबर पर देहरादून 373 और तीसरे नंबर पर उधमसिंह नगर में 248 मामले चोरी के दर्ज किए गए. बता दें कि वर्ष 2021 में भी हरिद्वार में सबसे अधिक 450 चोरी के मामले दर्ज हुए थे. जबकि देहरादून में 248 और उधमसिंह नगर में 198 केस चोरी के दर्ज किए गए थे.

हत्याः उत्तराखंड ने हत्या की घटनाओं में 2022 में कुछ कमी जरूर आई है. हालांकि, अभी दिसंबर माह के 3 दिन के आंकड़े आने बाकी हैं. 1जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक 186 हत्या के मामले पुलिस रिकॉर्ड में पंजीकृत हुए. जबकि 2021 में 196 मामले और वर्ष 2020 में प्रदेश भर में 157 हत्या के मामलें पुलिस में दर्ज हुए. ऐसे में वर्ष 2022 में 28 दिसंबर तक हत्या के मामले 91 फीसदी वर्कआउट किए गए.

उधमसिंह नगर में सबसे ज्यादा हत्या की घटनाएंः 2022 में 28 दिसंबर तक सबसे अधिक हत्या के मामले उधमसिंह नगर में 50 केस दर्ज किए गए. जबकि हरिद्वार में 39 और देहरादून में 33 हत्या के मामले दर्ज हुए. हालांकि, वर्ष 2021 में हरिद्वार में 68 की संख्या में सबसे अधिक हत्या के मामले दर्ज हुए थे. वहीं, उधमसिंह नगर में 34 और देहरादून में 33 केस दर्ज हुए थे.

बलवा अपराधः 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक प्रदेश भर में बलवा अपराध के 948 मामले दर्ज किए गए. जबकि 2021 में 770 और 2020 में 678 दर्ज हुए थे. पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में 99 फीसदी बलवा अपराध के मामले वर्कआउट किए गए. वहीं, इस साल 2022 में बलवा के सबसे अधिक मामले 407 केस हरिद्वार में दर्ज हुए. जबकि 238 देहरादून और 161 मामले उधमसिंह नगर में पंजीकृत किए गए.

साइबर अपराध आईटी एक्ट के मामलेः साल 2022 में 1 जनवरी से 28 दिसंबर तक प्रदेश भर में 529 मामले साइबर एक्ट के तहत दर्ज किए गए. जबकि 2021 में 638 और 2020 में 315 साइबर IT एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हुए थे. इस वर्ष 2022 में सबसे अधिक साइबर आईटी एक्ट के मामले देहरादून में 203 मामले दर्ज किए गए. जबकि 118 मामले उधमसिंह नगर के दर्ज किए गए.

2022 में वांटेड इनामी अपराधियों की स्थितिः दूसरी तरफ 2022 में 1 दिसंबर 2022 से 28 दिसंबर 2022 तक फरार, वांटेड व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की बात करें तो इसमें पुलिस ने काफी हद तक सफलता हासिल की है.

वांटेड अपराधीः पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक राज्य में वर्तमान में कुल वांछित अपराधियों की सख्या 1585 है. ऐसे में 1 जनवरी से 28 दिसंबर 2022 तक विशेष अभियान के अंतर्गत 376 इनामी व अन्य अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. हालांकि, धरपकड़ का अभियान अभी 1 माह से अधिक समय तक जारी है. 1 दिसंबर से 28 दिसंबर 2022 तक आंकड़ों के अनुसार इस अभियान के दौरान गिरफ्तार अपराधियों पर 82/83 कानूनी कार्रवाई की गई. जबकि इस दरमियां 651 लोग हाजिर/ स्टेट/ 41(A) का नोटिस लगाया.

वांटेड में से इनामी अपराधीः 1 दिसंबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक विशेष इनामी धरपकड़ अभियान से पूर्व 224 वांछित अपराधियों पर इनाम घोषित था. लेकिन अभियान के दौरान 259 और अपराधियों पर इनाम की घोषणा की गई. यानी अब 483 फरार अभियुक्तों पर पुरस्कार घोषित किया गया. हालांकि, इनमें से 147 गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जिसमें से इस अभियान के अंतर्गत 14 गिरफ्तारी एसटीएफ द्वारा की गई.

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