देहरादून: अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि हर साल कितने लोगों को सरकारी नौकरी मिलती है? साथ ही हर साल बेरोजगारों की प्रदेश में कितनी बड़ी फौज खड़ी हो रही है ये सवाल भी इस मामले में काफी मायने रखता है. उत्तराखंड सेवायोजन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 8,68,641 है. उत्तराखंड के 13 जिलों पर अगर नजर दौड़ाएं तो देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल जैसे मैदानी जिलों में बेरोजगारों की बड़ी फौज खड़ी है.
उत्तराखंड में 8 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड बेरोजगार: सबसे पहले बात करते हैं उत्तराखंड में बीते साल 2022 में बेरोजगारी के आंकड़ों की. उत्तराखंड सेवायोजन विभाग (Uttarakhand Employment Department) के आंकड़ों के अनुसार 8 लाख से ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार हैं. यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि 800000 केवल ऐसे बेरोजगार हैं जिन्होंने सेवायोजन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाया है. आप अनुमान लगा सकते हैं कि कई ऐसे युवा भी होंगे जिन्होंने अपना सेवायोजन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. ऐसे में ये आंकड़ा बढ़ सकता है. उत्तराखंड सेवायोजन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में रजिस्टर्ड बेरोजगारी की संख्या 868,641 है. उत्तराखंड के 13 जिलों पर अगर नजर दौड़ाएं तो देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल जैसे मैदानी जिलों में बेरोजगारों की बड़ी फौज खड़ी है.
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उत्तराखंड में बीते साल कितना रोजगार मिला: राज्य में शासकीय और अशासकीय क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारों की बात करें तो प्रदेश में मौजूद 2 सेवा चयन आयोग हैं. जिसमें उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग uksssc और उत्तराखंड लोक सेवा चयन आयोग ukpsc सीधे गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब देती हैं. इस साल इन दोनों आयोग से लगी सरकारी नौकरियां इतनी हैं कि बेरोजगारी के आंकड़े के सामने ये नौकरियों ऊंट के मुंह में जीरा हैं. राज्य के दोनों आयोगों से इस साल केवल 3 हजार लोगों को ही सरकारी नौकरी मिली है. यानी अगर बात करें तो प्रदेश में 8 लाख में से 1 प्रतिशत लोगों को भी नौकरी नहीं मिली.
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घोटाले धांधलियों की भेंट चढ़ा उत्तराखंड के युवाओं का भविष्य: उत्तराखंड में शासकीय क्षेत्र में मिलने वाले रोजगार या फिर नौकरियों की अगर बात की जाए तो हर साल नौकरियों में होने वाली धांधलियों की वजह से कई हजारों युवाओं का भविष्य अधर में लटक जाता है. ऐसा ही इस साल 2000 से 2022 के बीच हुआ. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में धांधली के कारण हजारों युवाओं का भविष्य अंधेरे में है. इसमें वह युवा भी हैं जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे. वह युवा भी हैं जिन्होंने एग्जाम दिया था. कुछ ऐसे भी होनहार युवा अभ्यर्थी थे, जिन्होंने पहले कई सालों तक तैयारी की उसके बाद एग्जाम दिया और उस एग्जाम में पास भी हुए. लेकिन आखिरी समय में उनकी ज्वाइनिंग ही लटक गई.
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मुख्य प्रशासनिक अधिकारी हेमा देवी ने बताया कि वर्ष 2022-23 में सेवा योजन विभाग में कुल 121 रोजगार मेले आयोजित किये गए. जिसमें 9278 लोगों ने प्रतिभाग किया. इनमें से 2299 लोगों चयनित किये गए. इन्हें रोजगार मिला. इसके अलावा 289 करियर काउंसलिंग सेशन लगाए गए. उन्होंने बताया www.ncs.gov.in पर इस वक्त 292650 नॉकरियां उपलब्ध हैं. जिस पर अप्लाई कर युवा नौकरी प्राप्त कर सकते हैं.