देहरादूनः विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2023 महज 10 दिन बाद शुरू हो जाएगी. जिसके मद्देनजर सभी संबंधित विभाग अपनी-अपनी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में पशुपालन विभाग भी अपनी पिछली खामियों से सबक लेते हुए इस बार घोड़े खच्चरों के लिए यात्रा मार्ग पर तमाम व्यवस्थाएं भी मुकम्मल की है. बीते साल यात्रा सीजन में कई घोड़े खच्चरों के मौतों का मामला सामने आया था. उस दौरान पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मौके पर जाकर स्थितियों का जायजा लिया था. जिसमें इसका खुलासा हुआ था कि गर्म पानी समेत अन्य व्यवस्थाएं न होने की वजह इन घोड़े खच्चरों की मौत हुई थी.
पहली बार गौरीकुंड में बनाया गया घोड़े खच्चरों के लिए शेडः चारधाम यात्रा के दौरान घोड़े खच्चरों की मौत न हो, इसके लिए पशुपालन विभाग ने पिछली खामियों को इस बार पूरा करने का काम किया है. पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि पिछले सीजन घोड़े खच्चरों के मौतों के दौरान मौके पर जाकर उन्होंने निरीक्षण किया था, तब कुछ कमियां पाई गई थी. जिसको इस बार ठीक कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस बार केदारनाथ धाम के 18 किलोमीटर पैदल यात्रा मार्ग पर 18 गर्म पानी के हौज बनाए गए हैं. साथ ही पहली बार गौरीकुंड में 1500-2000 घोड़े खच्चरों के आराम करने के लिए शेड भी बनाए गए हैं.
अब तक 3800 घोड़े खच्चरों का हो चुका रजिस्ट्रेशनः पिछले यात्रा सीजन में केदारनाथ यात्रा रूट पर घोड़े खच्चरों के दो डॉक्टरों और दो एलयू की तैनाती की गई थी, लेकिन इस बार 10 डॉक्टर और 10 एलयू की तैनाती की गई है. इसके अलावा पिछली सीजन यात्रा के दौरान अंत में घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू किया गया था. जिसको देखते हुए इस बार 15 मार्च से ही घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया. इसके लिए कैंप लगाए गए जहां घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन कराया गया. जिसमें मुख्य रूप से घोड़े खच्चरों की सेहत को देखते हुए ही रजिस्ट्रेशन किया गया है. वर्तमान समय तक 3800 घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है.
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पशु क्रूरता मामले पर होगी एफआईआरः अमूमन यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों से क्रूरता के तमाम मामले भी सामने आते हैं. ऐसे में पशु क्रूरता न हो, इस पर विशेष ध्यान देते हुए 20 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. जिसमें पशुपालन विभाग, पुलिस समेत तमाम लोगों को शामिल किया गया है. इन 20 सदस्यीय टीम को यात्रा रूट पर लगाया जाएगा. जो इस बात का ध्यान रखेंगे कि घोड़े खच्चरों के साथ उनके मालिक क्रूरता न कर पाए. इसके अलावा इस बात के भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर पशु क्रूरता का कोई भी मामला सामने आता है तो पहले दिन से ही एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए.
चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड तैयारः वहीं, चारधाम यात्रा का निरीक्षण करने जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो यहां से चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर लगातार जानकारियां ले रहे हैं. साथ ही अभी तक चार बड़ी समीक्षाएं भी कर चुके हैं. पूरा उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए तैयार है. इसके अलावा पिछले दिनों जोशीमठ में हुए 'जोशीमठ औली मैराथन' के जरिए देश और दुनिया के लोगों को एक बड़ा संदेश गया है कि जोशीमठ समेत चारधाम यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार है.