देहरादून: अगस्त के आखिर में एक बार फिर उत्तराखंड चारधाम यात्रा (Chardham Yatra Uttarakhand) ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है. अभीतक चारधाम में 31 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री दर्शन कर चुके (more than 31 lakh pilgrims) हैं. इस बार चारधाम में पिछले साले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. हालांकि अभी यात्रा अक्टूबर तक चलेगी. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि चारधाम में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 40 लाख से पार जा सकता (pilgrims reached in Chardham Yatra) है.
मॉनसून सीजन में चारधाम यात्रा की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ गई है. बारिश के कारण बहुत कम संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ रहे थे, लेकिन जैसे ही मॉनसून के उत्तराखंड से लौटने का समय नजदीक आया, चारधाम यात्रा ने भी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है. गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में चारों धामों में आने वाले यात्रियों में वृद्धि देखने को मिली है.
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अभी तक प्राप्त हुए आंकड़ों के अनुसार अगर बात करें तो बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खुले थे. 8 मई से लेकर 23 अगस्त शाम तक बदरीनाथ धाम में 10,96,901 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. वहीं केदारनाथ धाम में भी 6 मई से लेकर 23 अगस्त तक 10,29,040 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए, जिसमें से 91,695 यात्री हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे हैं.
वहीं यमुनोत्री धाम की बात की जाए तो यहां 3 मई से लेकर 23 अगस्त तक 3,66,113 यात्री आ चुके हैं. गंगोत्री धाम के कपाट भी तीन मई को ही खुले थे. यहां 23 अगस्त तक 4,75,801 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. हेमकुंड साहिब तीर्थयात्रियों की संख्या कपाट खुलने की तिथि 22 मई से 23 अगस्त तक 2,09,970 हो चुकी है.
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इसके अलावा गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि यात्रा रूट को क्लियर रखा जाए और यात्रा मार्गों में भूस्खलन इत्यादी किसी भी प्रकार की बाधा आने पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए सभी मार्गों को खोलने का काम किया जाए. साथ ही कमिश्नर सुशील कुमार ने सभी यात्रियों से भी अपील है कि सभी तीर्थयात्री मौसम अलर्ट, सड़क मार्ग की स्थिति बारिश की स्थिति को देखते हुए ही यात्रा मार्गों पर आगे बढ़े. भारी बारिश और भूस्खलन की स्थिति में सुरक्षित स्थानों में रहें और इस तरह की परेशानी में आपातकालीन नंबरों पर संपर्क करें और यात्रा के दौरान किसी भी तरह का जोखिम न लें.