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ये सेंटर बनेगा EVM में पारदर्शिता का गवाह, गड़बड़ी की नहीं रहेगी कोई गुंजाइश - उत्तराखंड समाचार

निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मशीनों को पारदर्शिता बनाने के लिए मतगणना स्थल पर मॉडल काउंटिंग सेंटर स्थापित किया है. जहां पर ईवीएम से मतगणना के दौरान वीवीपैट का मिलान होगा और गलत काउंटिंग की सभी आशंकाएं दूर हो जाएंगी.

ईवीएम मशीनों की पारदर्शिता
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Published : May 16, 2019, 12:12 AM IST

Updated : May 16, 2019, 10:51 AM IST

देहरादूनः आगामी 23 मई को लोकसभा चुनाव को लेकर डाले गए वोटों की गिनती होनी है. मतगणना को लेकर निर्वाचन आयोग पुरजोर तैयारियों में जुटा है. इस बार मतगणना के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत को दूर करने के लिए निर्वाचन आयोग ने मॉडल काउंटिंग सेंटर बनाए हैं. इसके तहत मतगणना स्थल पर एक छोटा सा सेंटर बनाया गया है. जहां पर वीवीपैट और ईवीएम मशीनों में हुई काउंटिंग का मिलान किया जाएगा. ऐसे में ईवीएम मशीनों पर होने वाले हर संदेह को दूर किया जा सकेगा.

जानकारी देती मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या.


बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद ईवीएम मशीनों को संदेह की नजर से देखा जाने लगा था. इतना ही नहीं कई राजनीतिक दलों और राजनेताओं ने ईवीएम मशीनों को लेकर सवाल उठाए थे. इसी को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मशीनों को पारदर्शिता बनाने का कदम उठाया है. अब कोई भी राजनेता ईवीएम मशीनों की पारदर्शिता पर उंगली नहीं उठा पाएगा. साथ ही निर्वाचन आयोग की भूमिका पर कोई संदेह नहीं कर सकेंगे. इसके लिए आयोग ने मतगणना स्थल पर मॉडल काउंटिंग सेंटर स्थापित किया है. जहां पर ईवीएम से मतगणना के दौरान वीवीपैट का मिलान होगा और गलत काउंटिंग की सभी आशंकाएं दूर हो जाएंगी.

क्या है मॉडल काउंटिंग सेंटर

  • मॉडल काउंटिंग सेंटर मतगणना स्थल पर बनाया गया एक छोटा सा सेंटर है. जिसमें वीवीपैट और ईवीएम मशीनों में हुई काउंटिंग का मिलान किया जाएगा.
  • मॉडल काउंटिंग सेंटर में एक बार में कोई भी 5 ईवीएम मशीनों को लाकर बारी-बारी से वीवीपैट में मौजूद वोटिंग पर्ची से मिलान करवाया जाएगा.
  • भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद मॉडल काउंटिंग सेंटर को स्थापित किया जा रहा है.
  • हर राउंड के बाद कोई भी पांच ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के मिलान किए जाएंगे.
  • पारदर्शिता के लिए शुरू की गई नई पहल के चलते इस बार मतगणना में 3 से 4 घंटे का ज्यादा समय लगेगा.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि इस बार मॉडल काउंटिंग सेंटर की व्यवस्था की गई है. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मतगणना के दिन इसका बेहतर तरीके से संचालन हो सके. मॉडल काउंटिंग सेंटर के लिए सभी अधिकारियों को नियमानुसार निर्देशित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि मॉडल काउंटिंग सेंटर में मिलान के दौरान प्रत्याशियों के अधिकृत सदस्य भी मौजूद रहेंगे. जिससे उनकी कोई भी शिकायत या संदेह को खत्म किया जा सके. मॉडल काउंटिंग सेंटर की जानकारी अधिकारियों के साथ अधिकृत प्रत्याशियों के सदस्यों को भी दी जा रही है.

देहरादूनः आगामी 23 मई को लोकसभा चुनाव को लेकर डाले गए वोटों की गिनती होनी है. मतगणना को लेकर निर्वाचन आयोग पुरजोर तैयारियों में जुटा है. इस बार मतगणना के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत को दूर करने के लिए निर्वाचन आयोग ने मॉडल काउंटिंग सेंटर बनाए हैं. इसके तहत मतगणना स्थल पर एक छोटा सा सेंटर बनाया गया है. जहां पर वीवीपैट और ईवीएम मशीनों में हुई काउंटिंग का मिलान किया जाएगा. ऐसे में ईवीएम मशीनों पर होने वाले हर संदेह को दूर किया जा सकेगा.

जानकारी देती मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या.


बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद ईवीएम मशीनों को संदेह की नजर से देखा जाने लगा था. इतना ही नहीं कई राजनीतिक दलों और राजनेताओं ने ईवीएम मशीनों को लेकर सवाल उठाए थे. इसी को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मशीनों को पारदर्शिता बनाने का कदम उठाया है. अब कोई भी राजनेता ईवीएम मशीनों की पारदर्शिता पर उंगली नहीं उठा पाएगा. साथ ही निर्वाचन आयोग की भूमिका पर कोई संदेह नहीं कर सकेंगे. इसके लिए आयोग ने मतगणना स्थल पर मॉडल काउंटिंग सेंटर स्थापित किया है. जहां पर ईवीएम से मतगणना के दौरान वीवीपैट का मिलान होगा और गलत काउंटिंग की सभी आशंकाएं दूर हो जाएंगी.

क्या है मॉडल काउंटिंग सेंटर

  • मॉडल काउंटिंग सेंटर मतगणना स्थल पर बनाया गया एक छोटा सा सेंटर है. जिसमें वीवीपैट और ईवीएम मशीनों में हुई काउंटिंग का मिलान किया जाएगा.
  • मॉडल काउंटिंग सेंटर में एक बार में कोई भी 5 ईवीएम मशीनों को लाकर बारी-बारी से वीवीपैट में मौजूद वोटिंग पर्ची से मिलान करवाया जाएगा.
  • भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद मॉडल काउंटिंग सेंटर को स्थापित किया जा रहा है.
  • हर राउंड के बाद कोई भी पांच ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के मिलान किए जाएंगे.
  • पारदर्शिता के लिए शुरू की गई नई पहल के चलते इस बार मतगणना में 3 से 4 घंटे का ज्यादा समय लगेगा.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि इस बार मॉडल काउंटिंग सेंटर की व्यवस्था की गई है. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मतगणना के दिन इसका बेहतर तरीके से संचालन हो सके. मॉडल काउंटिंग सेंटर के लिए सभी अधिकारियों को नियमानुसार निर्देशित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि मॉडल काउंटिंग सेंटर में मिलान के दौरान प्रत्याशियों के अधिकृत सदस्य भी मौजूद रहेंगे. जिससे उनकी कोई भी शिकायत या संदेह को खत्म किया जा सके. मॉडल काउंटिंग सेंटर की जानकारी अधिकारियों के साथ अधिकृत प्रत्याशियों के सदस्यों को भी दी जा रही है.

Intro:अब मतगणना के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। कोई दल या राजनेता अब ईवीएम मशीनों पर उंगली तक नहीं उठा पाएगा... जी हां निर्वाचन आयोग का यह सेंटर ईवीएम मशीनों पर होने वाले हर संदेह को खत्म कर देगा। ईटीवी भारत की मॉडल काउंटिंग सेंटर पर यह खास रिपोर्ट


Body:लोकसभा चुनाव 2014 के बाद से ही ईवीएम मशीनों को संदेह की निगाहों से देखा जाने लगा... इसकी वजह कई दलों और राजनेताओं द्वारा ईवीएम मशीनों पर उठाए गए सवाल थे.. शायद यही वजह रही कि ईवीएम मशीनों की पारदर्शिता को लेकर निर्वाचन आयोग ने ऐसा कदम उठाया कि अब कोई राजनेता ना तो ईवीएम मशीनों की पारदर्शिता पर उंगली उठा पाएगा और ना ही निर्वाचन आयोग की भूमिका पर कोई संदेह कर पाएगा। आयोग ने मतगणना स्थल पर ऐसा मॉडल काउंटिंग सेंटर स्थापित कर दिया है जहां ईवीएम से मतगणना के दौरान वीवीपैट का मिलान होगा और गलत काउंटिंग की सभी आशंकाएं खत्म हो जाएंगी।

क्या है मॉडल काउंटिंग सेंटर

मॉडल काउंटिंग सेंटर मतगणना स्थल पर बनाया गया एक छोटा सा सेंटर है जिसमें वीवीपैट और ईवीएम मशीनों में हुई काउंटिंग का मिलान करवाया जाएगा।

मॉडल काउंटिंग सेंटर में एक बारी में कोई भी 5 ईवीएम मशीनों को लाकर यहां पर बारी-बारी से वीवीपैट में मौजूद वोटिंग पर्ची से मिलान करवाया जाएगा।

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद मॉडल काउंटिंग सेंटर को किया जा रहा है स्थापित

हर राउंड के बाद कोई भी पांच ईवीएम और विविपैड मशीनों के किए जाएंगे मिलान

पारदर्शिता के लिए शुरू की गई नई पहल के चलते मतगणना में इस बार 3 से 4 घंटे का ज्यादा लगेगा वक्त

मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्य बताती है कि इस बार मॉडल काउंटिंग सेंटर की व्यवस्था की गई है और यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मतगणना के दिन इसका बेहतर तरीके से संचालन हो सके। मॉडल काउंटिंग सेंटर के लिए सभी अधिकारियों को नियमानुसार निर्देशित किया जा चुका है

बाइट सौजन्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी







Conclusion:मॉडल काउंटिंग सेंटर में मिलान के दौरान प्रत्याशियों के अधिकृत सदस्य भी मौजूद रहेंगे ताकि उनकी कोई भी शिकायत या संदेह को खत्म किया जा सके। मॉडल काउंटिंग सेंटर की जानकारी न केवल अधिकारियों को दे दी गई है बल्कि अधिकृत प्रत्याशियों के सदस्यों को भी इसके बारे में जानकारी दी जा रही है।
Last Updated : May 16, 2019, 10:51 AM IST
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