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आपदा को लेकर मॉक ड्रिल, बाढ़ में फंसे लोगों को किया गया रेस्क्यू

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Published : Jun 19, 2021, 7:22 PM IST

प्रदेश में हो रही लगातार बारिश को लेकर देहरादून आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत और बचाव कार्य को लेकर मॉक ड्रिल किया.

आपदा को लेकर मॉक ड्रिल
आपदा को लेकर मॉक ड्रिल

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में लगातार बारिश होने से नदियां उफान पर हैं. लगातार हो रही बारिश को देखते हुए देहरादून आपदा प्रबंधन विभाग ने बचाव कार्य को लेकर मॉक ड्रिल किया. मॉक ड्रिल के तहत रिस्पना पुल से सटे इलाकों में बाढ़ आने से लगभग 150 से 200 व्यक्तियों की फंसे होने की सूचना दी गई.

इसी तरह से कालसी में बादल फटने की सूचना मिली, जिससे बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है और वहां पर काफी ज्यादा नुकसान होने की सूचना मिलने पर पहुंची. आपदा प्रबंधन कर्मियों ने राहत और बचाव कार्य चलाया और फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू किया.

आपदा को लेकर मॉक ड्रिल
आपदा को लेकर मॉक ड्रिल

भारी वर्षा के कारण कालसी चकराता मोटर मार्ग झझरेड के पास अवरुद्ध हो गया. जहां कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना है. साथ ही भारी बारिश के कारण चूना भट्ठा के पास रिस्पना नदी में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है. कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में बरस रही आफत, डरा रही नदियां, 2013 आपदा की यादें हो जाएंगी ताजा

रिस्पना नदी में बाढ़ और कालसी के जजरेड क्षेत्र में बादल फटने से आए भूस्खलन की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव जनपद कंट्रोल रूम पहुंचे. कंट्रोल रूम की कमान संभालते हुए विभिन्न विभागों को संबंधित क्षेत्रों में तत्काल रेस्क्यू करने के लिए निर्देश दिए.

राहत और बचाव कार्य को लेकर मॉक ड्रिल
राहत और बचाव कार्य को लेकर मॉक ड्रिल

निर्देश के बाद रिस्पना नदी में आए बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू के दौरान रिस्पना नदी के किनारे बसे 200 लोगों को चूना भट्ठा भेजा गया. वहीं दूसरी ओर कालसी में घायलों के लिए प्राथमिक उपचार और राहत शिविर लगाया गया. कालसी में भूस्खलन में फंसे सभी 82 यात्रियों को सकुशल को निकाला गया, जिनमें 14 बच्चे शामिल थे.

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में लगातार बारिश होने से नदियां उफान पर हैं. लगातार हो रही बारिश को देखते हुए देहरादून आपदा प्रबंधन विभाग ने बचाव कार्य को लेकर मॉक ड्रिल किया. मॉक ड्रिल के तहत रिस्पना पुल से सटे इलाकों में बाढ़ आने से लगभग 150 से 200 व्यक्तियों की फंसे होने की सूचना दी गई.

इसी तरह से कालसी में बादल फटने की सूचना मिली, जिससे बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है और वहां पर काफी ज्यादा नुकसान होने की सूचना मिलने पर पहुंची. आपदा प्रबंधन कर्मियों ने राहत और बचाव कार्य चलाया और फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू किया.

आपदा को लेकर मॉक ड्रिल
आपदा को लेकर मॉक ड्रिल

भारी वर्षा के कारण कालसी चकराता मोटर मार्ग झझरेड के पास अवरुद्ध हो गया. जहां कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना है. साथ ही भारी बारिश के कारण चूना भट्ठा के पास रिस्पना नदी में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है. कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है.

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रिस्पना नदी में बाढ़ और कालसी के जजरेड क्षेत्र में बादल फटने से आए भूस्खलन की सूचना मिलने पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव जनपद कंट्रोल रूम पहुंचे. कंट्रोल रूम की कमान संभालते हुए विभिन्न विभागों को संबंधित क्षेत्रों में तत्काल रेस्क्यू करने के लिए निर्देश दिए.

राहत और बचाव कार्य को लेकर मॉक ड्रिल
राहत और बचाव कार्य को लेकर मॉक ड्रिल

निर्देश के बाद रिस्पना नदी में आए बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू के दौरान रिस्पना नदी के किनारे बसे 200 लोगों को चूना भट्ठा भेजा गया. वहीं दूसरी ओर कालसी में घायलों के लिए प्राथमिक उपचार और राहत शिविर लगाया गया. कालसी में भूस्खलन में फंसे सभी 82 यात्रियों को सकुशल को निकाला गया, जिनमें 14 बच्चे शामिल थे.

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