देहरादून: विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन उत्तराखंड के लिए बहुत ही खास रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने न सिर्फ बतौर वित्त मंत्री बजट का अभिभाषण ही नहीं पढ़ा बल्कि, इस दौरान उन्होंने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा भी की. जिससे विधानसभा में उपस्थित सभी मंत्री और विपक्षी दल के नेता सभी हैरान रह गए.
वहीं, ईटीवी भारत से हुई एक खास बातचीत में विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि उत्तराखंड का आंदोलन पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए हुआ था. विधायक ने कहा कि गैरसैंण उत्तराखंड का केंद्रबिंदु है, जहां से इस बात को लेकर हमेशा से लड़ाई लड़ी जाती रही, कि गैरसैंण को राजधानी के रूप में विकसित किया जाए.
इतना ही नहीं गैरसैंण राजधानी बननी ही चाहिए, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों का विकास हो सके. नेगी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को अस्तित्व में आए हुए करीब 20 साल होने को है. इतने सालों में मात्र प्रदेश में राजनीति ही की गई, लेकिन अब राज्य सरकार के इस पहल से 'पहाड़ जैसी पहाड़ की समस्या' का निदान जल्द हो सकेगा और इस पर्वतीय क्षेत्र का विकास होगा.
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विधायक नेगी ने बताया कि भाजपा ने साल 2017 में अपने दृष्टिपत्र में भी गैरसैंण को राजधानी बनाने का जिक्र किया था और वह खुद भी अपनी विधानसभा क्षेत्र में गैरसैंण को राजधानी बनाने को लेकर ही चुनावी मैदान में आई. नेगी ने कहा कि राज्य सरकार की गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की पहल काबिल-ए-तारीफ है. लिहाजा राज्य सरकार पूरी तरह गंभीर है. उन्होंने बताया कि जल्द ही मिनी सचिवालय का कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा.