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फर्जी RT-PCR रिपोर्ट बनाता था 12वीं क्लास का छात्र, ऐसे हुआ भंडाफोड़ - देहरादून हिंदी समाचार

SOG (Special Operations Group) की टीम ने 12वीं क्लास के एक नाबालिग को पकड़ा है. ये शख्स लोगों की कोविड-19 फर्जी RT-PCR रिपोर्ट बनाता था.

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फर्जी RT-PCR रिपोर्ट बनाने वाला नाबालिग
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Published : Jun 11, 2021, 6:22 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 7:21 PM IST

देहरादून: 12वीं क्लास का एक नाबालिग कोविड-19 की फर्जी RT-PCR रिपोर्ट बनाता था. SOG (Special Operations Group) की टीम ने नाबालिग को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया. SOG की टीम ने नाबालिग के खिलाफ धोखाधड़ी और महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं, पुलिस ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के बाद नाबालिग को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है.

दरअसल, SSP योगेंद्र सिंह रावत के आदेश पर कोरोना काल में मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी और फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें तैयार की हैं. इन टीमों को जिलेभर में सघन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इस अभियान के तहत SOG की टीम ने कोरोना की फर्जी RT-PCR (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) रिपोर्ट बनाने वाले नाबालिग को दस्तावेजों और उपकरणों सहित पकड़कर पुलिस को सौंपा है. पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया है.

ये भी पढ़ें: STH में ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर भ्रष्टाचार, अजय भट्ट ने DM को लिखा पत्र

SOG निरीक्षक ऐश्वर्य पाल ने बताया कि नाबालिग 12वीं कक्षा में पढ़ता है. वर्तमान में मोबाइल और लैपटॉप की दुकान पर काम करता है. उसे मोबाइल की अच्छी जानकारी है. नाबालिग PicsArt, Adobe Lightroom और इसी तरह के अन्य ऐप से असली रिपोर्ट को एडिट कर पहले अपने नाम की RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट करता था, फिर लोगों को अपनी रिपोर्ट दिखाकर यकीन दिलाता था कि बिना सैंपल के RT-PCR टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट तैयार कर दी जाएगी. इसके एवज में वो लोगों से 150 रुपए लेता था.

देहरादून: 12वीं क्लास का एक नाबालिग कोविड-19 की फर्जी RT-PCR रिपोर्ट बनाता था. SOG (Special Operations Group) की टीम ने नाबालिग को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया. SOG की टीम ने नाबालिग के खिलाफ धोखाधड़ी और महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं, पुलिस ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के बाद नाबालिग को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है.

दरअसल, SSP योगेंद्र सिंह रावत के आदेश पर कोरोना काल में मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी और फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें तैयार की हैं. इन टीमों को जिलेभर में सघन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इस अभियान के तहत SOG की टीम ने कोरोना की फर्जी RT-PCR (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) रिपोर्ट बनाने वाले नाबालिग को दस्तावेजों और उपकरणों सहित पकड़कर पुलिस को सौंपा है. पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया है.

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SOG निरीक्षक ऐश्वर्य पाल ने बताया कि नाबालिग 12वीं कक्षा में पढ़ता है. वर्तमान में मोबाइल और लैपटॉप की दुकान पर काम करता है. उसे मोबाइल की अच्छी जानकारी है. नाबालिग PicsArt, Adobe Lightroom और इसी तरह के अन्य ऐप से असली रिपोर्ट को एडिट कर पहले अपने नाम की RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट करता था, फिर लोगों को अपनी रिपोर्ट दिखाकर यकीन दिलाता था कि बिना सैंपल के RT-PCR टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट तैयार कर दी जाएगी. इसके एवज में वो लोगों से 150 रुपए लेता था.

Last Updated : Jun 11, 2021, 7:21 PM IST
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