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नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने बच्चे को दिया जन्म, बाल आयोग ने लिया संज्ञान - नाबालिग बनी मां

ऊषा नेगी ने बताया कि एक व्यक्ति ने गलत नीयत से शादी कर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया. नतीजन आज नाबालिग मां बन गई है. दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नाबालिग को छोड़ दिया.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी
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Published : May 29, 2019, 11:05 AM IST

देहरादून: जौनसार बावर क्षेत्र के एक तहसील की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने दून अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. किशोरी ने इस मामले में एक सेना के जवान पर दुराचार का आरोप लगाया है. हालांकि, पुलिस अभी तक इस मामले में आरोपी सेना के जवान को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी.

त्यूणी तहसील क्षेत्र निवासी दुष्कर्म पीड़ित गर्भवती किशोरी ने देहरादून के एक अस्पताल में रविवार रात को बेटे को जन्म दिया. चिकित्सकों के अनुसार, जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं. जानकारी के अनुसार किशोरी ने अस्पताल स्टाफ को बताया कि कुछ समय पहले उसकी जान पहचान सेना में तैनात एक व्यक्ति से हुई थी. दोनों में प्रेम-प्रसंग हुआ. जिसके बाद उसने नाबालिग से शादी भी कर ली, लेकिन कुछ समय बाद ही उसने नाबालिग को छोड़ दिया. किशोरी ने बताया कि यह बच्चा उसी का है.

जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी ने दून मेडिकल कॉलेज की महिला विंग का निरीक्षण किया. साथ ही नाबालिग किशोरी और नवजात का हालचाल जाना. ऊषा नेगी ने बताया कि एक व्यक्ति ने गलत नीयत से शादी कर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया. नतीजन आज नाबालिग मां बन गई है. दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नाबालिग को छोड़ दिया.

उन्होंने कहा कि जब परिजनों ने विकासनगर पुलिस को अपनी पीड़ा बतानी चाही, तो वहां की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की. लेकिन बाल संरक्षण आयोग को इस मामले की जानकारी मिलते ही किशोरी की खोज की ताकि उस नाबालिग को प्रसव के दौरान किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े. ऊषा नेगी ने बताया कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ बाल संरक्षण आयोग सख्त से सख्त कदम उठाने जा रहा है.

देहरादून: जौनसार बावर क्षेत्र के एक तहसील की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने दून अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. किशोरी ने इस मामले में एक सेना के जवान पर दुराचार का आरोप लगाया है. हालांकि, पुलिस अभी तक इस मामले में आरोपी सेना के जवान को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी.

त्यूणी तहसील क्षेत्र निवासी दुष्कर्म पीड़ित गर्भवती किशोरी ने देहरादून के एक अस्पताल में रविवार रात को बेटे को जन्म दिया. चिकित्सकों के अनुसार, जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं. जानकारी के अनुसार किशोरी ने अस्पताल स्टाफ को बताया कि कुछ समय पहले उसकी जान पहचान सेना में तैनात एक व्यक्ति से हुई थी. दोनों में प्रेम-प्रसंग हुआ. जिसके बाद उसने नाबालिग से शादी भी कर ली, लेकिन कुछ समय बाद ही उसने नाबालिग को छोड़ दिया. किशोरी ने बताया कि यह बच्चा उसी का है.

जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी ने दून मेडिकल कॉलेज की महिला विंग का निरीक्षण किया. साथ ही नाबालिग किशोरी और नवजात का हालचाल जाना. ऊषा नेगी ने बताया कि एक व्यक्ति ने गलत नीयत से शादी कर किशोरी के साथ दुष्कर्म किया. नतीजन आज नाबालिग मां बन गई है. दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नाबालिग को छोड़ दिया.

उन्होंने कहा कि जब परिजनों ने विकासनगर पुलिस को अपनी पीड़ा बतानी चाही, तो वहां की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की. लेकिन बाल संरक्षण आयोग को इस मामले की जानकारी मिलते ही किशोरी की खोज की ताकि उस नाबालिग को प्रसव के दौरान किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े. ऊषा नेगी ने बताया कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ बाल संरक्षण आयोग सख्त से सख्त कदम उठाने जा रहा है.

Intro: सेना के जवान द्वारा दुष्कर्म से पीड़ित नाबालिग के अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के बाद बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्षा उषा ने दून मेडिकल कॉलेज की महिला विंग का निरीक्षण किया और नाबालिग किशोरी के साथ ही नवजात का हालचाल जाना। बताया जा रहा है कि नाबालिक जौनसार बावर क्षेत्र के एक तहसील से ताल्लुक रखती है, डॉक्टरों के अनुसार जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, घटना देर शाम रविवार की है, जहां एक नाबालिग को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने एक नवजात शिशु को जन्म दिया.


Body: इस संबंध में बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी ने बताया कि यह मामला आयोग के समक्ष आया है कि एक नाबालिग के साथ एक व्यक्ति ने शादी की और उसके परिपेक्ष में वो मां बन गई। जो कि बेहद दुखद परिस्थिति है आयोग की अध्यक्षा होने के नाते यह निरीक्षण इसलिए क्या क्या कि किशोरी के बारे में कुछ पता नहीं चल पा रहा है, हालांकि विकासनगर से मालूमात हुआ है कि एक किशोरी के साथ इस तरह की घटना घटित हुई है कि एक व्यक्ति ने शादी का झांसा देकर किशोरी के साथ पांच-छह महीने दुष्कर्म किया। जिसके नतीजे में आज नाबालिग माँ बन गई है। दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नाबालिक को छोड़ दिया, जिस अवस्था में वह व्यक्ति नाबालिक को छोड़कर चला गया। ऐसे में बाल संरक्षण आयोग ने मामले का त्वरित संज्ञान लेते हुए मामले को गंभीरता से लिया। बताया जा रहा है कि जब परिजनों ने विकासनगर पुलिस को अपनी पीड़ा बतानी चाही, तो वहां की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की । इसके ठीक उलट नाबालिक के साथ नकारात्मक व्यवहार अपनाया गया जिसके बाद किशोरी ने अपने आप को समाज से छुपा लिया ,लेकिन बाल संरक्षण आयोग को इस मामले की जानकारी मिलते ही किशोरी की खोज की गई ताकि उस नाबालिग को प्रसव के दौरान किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।

बाईट-ऊषा नेगी,अध्यक्षा, बाल संरक्षण आयोग


Conclusion: देहरादून में शादी का झांसा देकर नाबालिग को अपनी गिरफ्त में लेने वाले ऐसे तमाम लोगों पर बाल संरक्षण आयोग शक्ति से कदम उठाने की तैयारी कर रहा है, इसी कड़ी में बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष उषा नेगी ने दून मेडिकल कॉलेज की महिला विंग का बारीकी से निरीक्षण किया और नाबालिग के साथ ही नवजात का हालचाल जाना, वहीं उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ बाल संरक्षण आयोग सख्त से सख्त कदम उठाने जा रहा है।
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